रविवार, 15 जनवरी 2017

Humor : जमानत बचाने में समर्थ लोगों को ही टिकट देगी Congress, पार्टी ने की 10 सीटों की पहचान

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नई दिल्ली/लखनऊ। उप्र में उम्मीदवारों के चयन को लेकर congress ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी हाईकमान ने साफ कर दिया है कि वह केवल उन्हीं लोगों को टिकट देगी जो अपने दम पर जमानत बचाने में सक्षम होंगे।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार पार्टी ने एेसी सीटों की तलाश शुरू कर दी है जहां उसके उम्मीदवार आसानी से जमानत बचा सकें। पार्टी ने हाल ही में एक सर्वे करवाया है जिसके अनुसार राज्य में पार्टी के पास अब भी ऐसी 10 सीटें हैं जहां उसके उम्मीदवार आसानी से जमानत बचा सकते हैं। इस सर्वे ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है।

सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान भी पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया था कि गठबंधन की स्थिति में पार्टी इन 10 सीटों पर कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करेगी। यहां पर वे अपने उम्मीदवार जरूरत उतारेगी।

इस बीच, प्रशांत किशोर ने पार्टी आलाकमान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इन सीटों पर राहुल गांधी प्रचार करने नहीं आएं। अगर आते हैं तो फिर जमानत बचाने की वे कोई गारंटी नहीं ले पाएंगे।

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गुरुवार, 5 जनवरी 2017

Humor : धर्म-जाति के नाम पर नहीं मांग सकेंगे वोट, उप्र में गहराया संवैधानिक संकट, चुनाव स्थगित करने की मांग


political rally चुनावी रैली

By Jayjeet

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद कि चुनावों में धर्म, भाषा या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकते, उप्र में संवैधानिक संकट गहराने की आशंका पैदा हो गई है। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर एक स्वर में चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने लिखे हुए बयान में बहनजी ने कहा- “लगता है कोर्ट में पढ़े-लिखे लोगों की कमी हो गई है। तभी ऐसे फैसले सुनाए जा रहे हैं। हम जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगेंगे तो क्या रोड और पानी के नाम पर मांगेंगे?”

जिंदगी में पहली बार बहनजी की बातों से सहमत होते हुए नेताजी ने भी कहा -“सई भात है, भैं भी यई #@#$%%%% ?” (सही बात है। मेरा भी यही कहना है कि ऐसे चुनाव लड़ने का क्या मतलब?)। हालांकि उन्होंने कहा कि वे भाषा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ हैं। किसी को भी भाषा के नाम पर वोट नहीं मांगने चाहिए।

लगातार हंसे जा रहे हैं साक्षी और ओवैसी :
इस बीच, खबर आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद से ही साक्षी महाराज और ओवैसी लगातार हंसे जा रहे हैं। उनकी हंसी रुकने का नाम ही नहीं ले रही।  दोनों एक-दूसरे के हाथों पर तालियां ठोक-ठोककर हंसे जा रहे हैं।

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