रविवार, 5 जुलाई 2020

शिक्षा विभाग का गुरु वशिष्ठ को नोटिस- हासिल करो बी-एड डिग्री अन्यथा .....



guru vashitha , guru purnima

By Jayjeet

नई दिल्ली/देवलोक। सरकार ने गुरु वशिष्ठ, गुरु द्रोणाचार्य और ऋषि सांदीपनी को एक नोटिस जारी कर अगले दो साल के भीतर बी-एड (या समकक्ष डिग्री) करने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि बी-एड न करने की दशा में पाठ्यपुस्तकों में से आप तीनों के नाम विलोपित कर दिए जाएंगे।

इस नोटिस की एक काॅपी hindisatire ने हासिल की है। इस नोटिस में कहा गया है कि देश में शिक्षा का अधिकार कानून को लागू हुए 10 साल बीत चुके हैं। इस कानून में क्वालिटी एजुकेशन के वास्ते शिक्षकों के लिए बी-एड (या समकक्ष डिग्री) लेना अनिवार्य कर दिया गया है। नोटिस में लिखा गया, “बहुत ही खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि आपको इतने मौके दिए जाने के बाद भी आप अब तक शिक्षण-प्रशिक्षण में कोई औपचारिक डिग्री हासिल नहीं कर सके। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आपकी क्वालिटी एजुकेशन में कोई आस्था नहीं है। फिर भी आपकी पूर्व प्रतिष्ठा के मद्देनजर सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून की धारा 4 (बी) के प्रावधान को शिथिल कर आपको एक और मौका देने का फैसला किया है। आप तीनों को अप्रैल 2022 तक डिग्री हासिल करनी होगी। ऐसा न किए जाने पर आपके गुरु के दर्जे को खत्म कर दिया जाएगा। तदनुसार समस्त पाठ्यपुस्तको में से आपको विलोपित कर दिया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी।”

फालोअप स्टोरी 1
नई दिल्ली/देवलोक। शिक्षा विभाग द्वारा अगले दो साल के भीतर बी-एड या समकक्ष डिग्री अनिवार्य रूप से हासिल करने की सूचना मिलते ही ऋषि वशिष्ठ सक्रिय हो गए। उन्होंने तत्काल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देकर बी-एड डिग्री हासिल करने में असमर्थता जताई थी। सूत्रों के अनुसार केंद्र में अनुकूल सरकार होने के कारण वशिष्ठ को बी-एड या समकक्ष डिग्री हासिल करने की अनिवार्यता से मुक्त कर दिया गया है, लेकिन उन्हें इस संबंध में ऐसा प्रमाण-पत्र पेश करने को कहा गया है जिसमें स्वयं राम इस बात की पुष्टि करते हो कि गुरु वशिष्ठ ने उन्हें क्वालिटी एजुकेशन मुहैया करवाया था। इस प्रमाण-पत्र की तीन सत्यापित प्रतियां पेश करने को कहा गया है। प्रमाण-पत्र सत्यापन नियम- 22 की कंडिका 2 (ए) की उपकंडिका 4 (बी) के तदनुसार सत्यापन संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा अथवा कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के द्वारा ही जारी किया जाना चाहिए। इस प्रमाण पत्र के संदर्भ क्रमांक, जारी करने की तिथि व कार्यालय की सील तथा जारी करने वाले अधिकारी के नाम व पद का स्पष्ट उल्लेख होना आवश्यक है।

फालोअप स्टोरी 2 (लाइव रिपोर्ट)
फैजाबाद (उप्र)। शिक्षा विभाग द्वारा बी-एड या समकक्ष डिग्री की अनिवार्यता से मुक्ति के बाद ऋषि वशिष्ठ अपने शिष्य राम द्वारा प्रस्तुत प्रमाण-पत्र के सत्यापन के लिए फैजाबाद कलेक्टोरेट पहुंचे (अयोध्या का जिला मुख्यालय फैजाबाद है।)
ऋषि वशिष्ठ (एक बाबू से) : भैया, ये राम का प्रमाण-पत्र है। इसे सत्यापित करवाना है।
बाबू : क्या लिखा है।
ऋषि वशिष्ठ : यही कि मैंने उन्हें पढ़ाया, इसे सत्यापित करवाना है एडीएम साहेब से।
बाबू (अपने साथी कर्मचारी से) : देखो, कैसे-कैसे लोग आ जाते हैं। (फिर ऋषि वशिष्ठ से) : राम को साथ लाए क्या?
ऋषि वशिष्ठ : अरे वो कैसे आ सकते हैं? उन पर तो पूरे संसार का भार है। उसे छोड़कर यहां आना तो संभव नहीं है।
बाबू : बाबा, एडीएम साहेब ऐसे तो सत्यापित करेंगे नहीं। नियमानुसार फिजिकल प्रजेंटेशन होना जरूरी है।
ऋषि वशिष्ठ : और कोई रास्ता?
बाबू : पीछे बड़े बाबू बैठे हैं, उनसे मिल लो।
ऋषि वशिष्ठ बड़े बाबू के पास पहुंचे। अपनी पूरी कहानी सुनाई।
बड़े बाबू (कुछ सोचते हुए) : चलो, आप बुजुर्ग हैं और आपकी कहानी पर भरोसा भी कर लेते हैं, लेकिन हमें तो नियम से चलना होगा ना। राम का कोई प्रूफ तो चाहिए ना। कोई आईडी प्रूफ है क्या?
ऋषि वशिष्ठ : ये क्या होता है?
बड़े बाबू : यही कोई आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड। ड्राइविंग लाइसेंस तो होगा ही?
ऋषि वशिष्ठ : इसमें से कुछ नहीं है।
बड़े बाबू : कमाल है! अच्छा, एक काम करो, बाहर बबलू बैठा है, उससे मिल लो, काम हो जाएगा।
ऋषि वशिष्ठ : ये बबलू कौन है? कहां मिलेगा?
बड़े बाबू : कोई भी बता देगा, पूछ लो। अब मेरा टाइम वेस्ट मत करो, जाओ।

फालोअप स्टोरी 3 
फैजाबाद का सबसे फेमस दलाल है बबलू। बाबू से लेकर बड़े बाबू और तमाम अफसराें से बड़े मधुर संबंध हैं।
ऋषि वशिष्ठ : बबलू भैया, हमें राम का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है।
बबलू : कहां है राम?
ऋषि वशिष्ठ : वो नहीं है, तभी तो आपके पास भेजा गया है।
बबलू : वो हाेता तो भी मेरे पास ही आना पड़ता। अब नहीं है तो इसके एक्स्ट्रा लगेंगे।
ऋषि वशिष्ठ : क्या एक्स्ट्रा?
बबलू (गुस्से में): अरे बाबा, पैसा और क्या?
ऋषि वशिष्ठ : क्या? सरकारी काम के भी यहां पैसे लगते हैं?
बबलू (हंसते हुए) : अरे बाबा, क्या दूसरी दुनिया से आए हों? यहां हर चीज के पैसे लगते हैं।
ऋषि वशिष्ठ : ठीक है, पर काम तो हो जाएगा ना!! मेरे पास कोई और दस्तावेज-वस्तावेज नहीं है।
बबलू : पैसा तो है ना, हो जाएगा।

फालोअप स्टोरी 4
नई दिल्ली/देवलोक। गुरु वशिष्ठ द्वारा वांछित दस्तावेज पेश करने के बाद शिक्षा विभाग ने यह मान लिया है कि वे उतने ही समर्थ शिक्षक हैं, जितने कि बीएड या समकक्ष डिग्री धारक होते हैं। इसलिए अब पाठ्यपुस्तकों से उनका नाम विलोपित करने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में जल्दी ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इस बीच, शिक्षा विभाग ने गुरु द्रोणाचार्य और ऋषि सांदीपनी को रिमाइंडर भेजकर दो सप्ताह के भीतर संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने को कहा है।

(खबरी व्यंग्य पढ़ने के लिए आप हिंदी खबरी व्यंग्यों पर भारत की पहली वेबसाइट http://www.hindisatire.com पर क्लिक कर सकते हैं।)





English Version from google translator 


New Delhi / Devalok. The government has issued a notice to Guru Vashistha, Guru Dronacharya and Rishi Sandipani asking them to do B-Ed (or equivalent degree) within the next two years. The notice states that in case of not doing B-Ed, the names of three of you in the textbooks will be deleted.

This notice states that 10 years have passed since the Right to Education Act came into force in the country. This law makes it mandatory for teachers to take a B-Ed (or equivalent degree) for quality education.


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