सोमवार, 14 सितंबर 2020

#Hindi_Diwas : कमजोर हिंदी दिलवाले इसे ना पढ़ें, सुसाइड जैसी फीलिंग आ सकती है…!!


By Jayjeet


हिंदी सटायर डेस्क।
आज हिंदी दिवस है। आइए आज केंद्र सरकार के कुछ विभागों की वेबसाइट पर लिखी हिंदी को पढ़ने की कोशिश करते हैं। यकीन मानिए, आप वैसे ही बाल नोंचने की कोशिश करेंगे, जैसा कि चित्र में बताया गया है। कृपया कमजोर हिंदी दिल वाले न पढ़ें।

(मंत्रालयों/विभागों की साइट्स से हमने हूबहू कॉपी उठाई है।ये केवल कुछ उदाहरण हैं। अधिक के लिए खुद ट्राय कीजिए…)

सबसे पहले देश के शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से…(क्योंकि यहीं से हमें ज्ञान मिलता है)

मौजूदा क्षमताओं के आधार पर तथा बात को मान्यकता प्रदान करते हुए कि स्वंतंत्रता प्राप्ति के बाद शिक्षा संस्थापओं के वृहत नेटवर्क ने राष्ट्रे निर्माण में अत्यकधिक योगदान दिया है; राष्ट्रक उच्च्तर शिक्षा में उत्कृशष्टंता केन्द्रों के विस्ता्र एवं स्थामपना का दूसरा चरण प्रारंभ करने जा रहा है। यह अभिकल्प्ना की गई है कि इस वर्णक्रम के दोनों सिरों नामत: प्रारंभिक शिक्षा एवं उच्च‍तर/तकनीकी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण से शिक्षा में विस्ता र, समावेशन एवं उत्कृरष्टसता के लक्ष्यों् को प्राप्तव किया जा सकता है।

(अरे बाप रे… बोल्ड करते-करते थक गए। बोल्ड ही समझ में आया, बाकी तो पल्ले ही नहीं पड़ा। )

पासपोर्ट कार्यालय की वेबसाइट से … :

ऑनलाइन नियुक्ति प्रणाली पीएसके या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) में भीड़ से बचने और आवेदकों के लिए इंतज़ार न करना सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। नियुक्ति एक पीएसके या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) की हैंडलिंग क्षमता के अनुसार आवंटित कर रहे हैं और एक इलेक्ट्रॉनिक कतार प्रबंधन प्रणाली पर आधारित हैं। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में ऑनलाइन पंजीकरण भरने और ऑनलाइन आवेदन पत्र (वैकल्पिक रूप से, ई फार्म डाउनलोड भरने और ऑनलाइन पोर्टल पर ही अपलोड) प्रस्तुत करने, एक मुलाकात समयबद्धन और अंत में, पीएसके या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) जाने के लिए ये सभी कदम शामिल हैं|

अधिक जानकारी के लिए ऑनलाइन पोर्टल के मुख पृष्ठ पर ‘त्वरित गाइड’ के तहत ‘मुलाकात के लिए नयी प्रक्रिया’ लिंक पर क्लिक करके अनुभाग को देखें।

(जिस इंग्लिश सेक्शन से अनुवाद किया गया है, हमने उसका अनुवाद गूगल ट्रांसलेट पर डालकर देखा तो इससे कुछ बेहतर सामने आया। तो इसके लिए गूगल ट्रांसलेटर को भी दोष नहीं दिया जा सकता। )

दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से…

हम विश्व स्तर की दूरसंचार बुनियादी ढांचे और जुड़े नेशन “कभी भी, कहीं भी” देश के तेजी से सामाजिक – आर्थिक विकास को सक्षम बनाने सेवाओं के प्रावधान की सुविधा के माध्यम से दृष्टि को पूरा.

(अब इस पर क्या कमेंट करें? कमेंट करने लायक भी ना छोड़ा…। इसलिए हम इस मुद्दे को यही छोड़ रहे हैं, क्योंकि कुछ अनहोनी होने की फीलिंग आ रही है…)

(Disclaimer : इस हिंदी को पढ़कर अगर कोई सुसाइड करने की कोशिश करता है तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं रहेंगे। हमारा मकसद किसी को सुसाइड के लिए प्रेरित करना नहीं है।)


बुधवार, 2 सितंबर 2020

श्राद्ध पर क्यों गायब हो गए कौव्वे? खुद कौव्वे ने किया ऐसा खुलासा

कौवा , crow

हिंदी सटायर। मौका श्राद्ध का है। लेकिन इसके बावजूद कौव्वे कहीं नजर नहीं आ रहे। हाल ही में एक स्टडी में भी कहा गया है कि कौव्वे तेजी से लुप्त हो रहे हैं। लेकिन हमारे संवाददाता किसी तरह एक कौव्वे से टेलीफोनिक इंटरव्यू करने में सफल रहे। पेश हैं उसके मुख्य अंश :

हिंदी सटायर : आजकल कहां गायब हो गए हों?

कौव्वा: हम गायब नहीं हुए हैं, बल्कि श्राद्ध पक्ष में हमें छिपना पड़ रहा है। सेहत का जो सवाल है।

हिंदी सटायर : ऐसा क्यों?

कौव्वा:  पता नहीं कौन हमें पकड़कर खाना-वाना खिला दें?

हिंदी सटायर : अरे, कौव्वा भाई, वो तो सम्मान के रूप में आपको भोजन करवाते हैं? इसमें इतना क्यों अकड़ते हो?

कौव्वा:  हमारा भी पेट, दिल और किडनियां हैं। इंसान को अपनी फिकर नहीं है, हमें तो है। वे मिलावटी खाकर हार्ट और डायबिटीज के पेशेंट बन रहे हैं। हमें नहीं बनना। कोरोना काल अलग चल रहा है।

हिंदी सटायर : लेकिन इंसान तो आपको पितरों की तरह पूजकर भोजन करवाता है?

कौव्वा:  छोटा मुंह बड़ी बात। पर श्राद्ध का इंतजार क्यों करते हैं? जीते-जी जो असली पितर हैं, उन्हें भी थोड़ा अटेंशन दे दो भाई। फिर हमें भोजन करवाएं। तब हम भोजन ही नहीं करेंगे, आशीर्वाद भी देंगे, वादा रहा।