रविवार, 8 दिसंबर 2019

Satire : बापू की प्रतिमा ने ये क्या कर दिया? आपको यकीन नहीं होगा!!

gandhi-statue, political-satire, गांधीजी व्यंग्य

 

By Jayjeet

नई दिल्ली। मंगलवार को संसद परिसर में गले में प्याज की मालाएं पहनकर दो सांसद महोदय महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे। उसी समय एक ऐसी घटना हो गई जिस पर कोई विश्वास करने को तैयार नहीं है। इस घटना के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी थे गांधी प्रतिमा की सफाई करने वाले सफाईकर्मी झंकारसिंह। तो पहले उन्हीं की जुबानी सुनते है यह पूरी घटना :

‘ये दोनों सांसद महोदय बापू की मूर्ति के पास प्रदर्शन कर रहे थे, उधर मैं मूर्ति की सफाई कर रहा था। तभी मैंने बापू की आंखों में कुछ गीला-गीला सा देखा। पर मैंने सोचा कि ये बेचारी पत्थर की मूर्ति। इंसानों की आंखों में तो पानी बचा नहीं तो इस पत्थर की आंखों में भला पानी कहां से आएगा! यह सोचकर मैं मूर्ति के नीचे झाडू लगाने लगा। तभी तपाक से मेरी पीठ पर दो बड़ी-बड़ी बूंदें गिरी। गर्दन ऊप्पर की तो देखा बापू अपने हाथों से आंखें पोंछ रहे हैं। मुझे देखते ही उन्होंने तपाक से अपने हाथ नीचे कर लिए। मैं ये तो समझ गया कि ये बापू के आंसू हैं, पर यह समझ में नहीं आया कि वे रो क्यों रहे हैं। फिर बाद में दिमाग की बत्ती जली कि हां प्याज… । स्साले ये दोनों सांसद महोदय बापू की प्रतिमा के ठीक नीचे प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन कर रहे थे ना, तो प्याज की गंध बापू सहन नहीं कर पाए होंगे और बिचारे के आंसू आ गए होंगे।’

झंकारसिंह इस मामले की गंभीरता को समझ नहीं पाए, लेकिन मामला तो बड़ा संगीन था कि आखिर बापू रोए क्यों ? क्या साध्वी प्रज्ञा के कारण, क्या हैदराबाद की घटना ने उन्हें इतना आघात पहुंचाया? या वाकई प्याज के कारण? इस बारे में हमने संसद में ही मौजूद कुछ पार्टियों के सांसदों से ही राय लेने का फैसला किया। सबसे पहले कांग्रेस के एक सांसद से बात की तो उन्होंने छूटते ही कहा, “क्या बकवास कहानी है? अब कहां बापू में जान आएगी! और क्या बापू की प्रतिमा भगवान गणेशजी हैं जो कभी भी दूध पीने लगे! हां हां हां…।”

बापू की प्रतिमा के पास प्रदर्शन करने वाले AAP सांसद से पूछा तो उन्होंने कुछ याद करते हुए कहा, “हां, मेरी पीठ पर कुछ गीला-गीला सा महसूस तो हुआ था। लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे बापू के आंसू होंगे। शायद किसी चिड़िया की बीट होगी।”

इस बारे में एक भाजपा सांसद ने कहा, “हमें ऐसे अंधविश्वासों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। देश मोदीजी के नेतृत्व में विकास के मार्ग पर आगे बढ़ चुका है। देखिएगा, जीडीपी को हम जीरो पर लाकर कैसे 100 तक ले जाते हैं। आप देखते ही रह जाएंगे।”

रहस्य अब भी अनसुलझा था। तो यह रिपोर्टर खुद बापू की मूर्ति के पास गया। देखा, कोई आंसू नहीं। आंखें झुकी हुईं, मानों किसी बात पर शर्मिंदा हों। रिपोर्टर ने खुद को धिक्कारते हुए खुद से ही कहा, कहां झंकारसिंह की बातों में आ गया। बापू इतने कमजोर तो शायद नहीं होंगे जो आंसू बहाएं। वे तो रोजाना कितने ही लीटर खून के आंसू गटक जाते होंगे… और पता नहीं कब से ऐसा कर रहे होंगे। हां, आंसू नहीं बहाएंगे,यह यकीन है।

क्योंकि जिस दिन गांधी टूट गए, उस दिन शायद आखिरी उम्मीद भी टूट जाएगी…!

(Disclaimer : कहने की जरूरत नहीं, यह एक राजनीतिक कटाक्ष है)


gandhi statue, onion satire, political satire, onion jokes

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your comment