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गुरुवार, 12 जून 2014

सईद को पवार के साथ अपनी तुलना रास नहीं आई

इस मामले को मोदी के सामने उठा सकती है शरीफ सरकार

 

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

यह अच्छी बात नहीं है!

इस्लामाबाद।  जमात-उद-दावा के प्रमुख और पाकिस्तानी आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उद्धव ने कहा है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इन दिनों हाफिज की भाषा बोल रहे हैं।
जमात-उद-दावा के एक प्रवक्ता ने अबोटाबाद में कहा है कि कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठन शिवसेना के मुखपत्र में यह लिखना बेहद आपत्तिजनक है कि शरद पवार अपना संतुलन खो चुके हैं और सईद की तरह बोल रहे हैं। पवार के साथ सईद की यह तुलना हमें मान्य नहीं है। इससे पहले इस्लामाबाद में जमात-उद-दावा के समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के विरोध में प्रदर्शन किया और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के ई-पेपर की प्रतियां जलाई। उद्धव ने सामना में ही लिखी अपनी संपादकीय टिप्पणी में यह तुलना की थी।
पाक सेना ने भी गंभीर माना:
इस बीच, लाहौर से प्रकाशित दैनिक ‘गजवा टाइम्स’ में छपी एक खबर के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने उद्धव के इस आरोप को गंभीरता से लिया है। इसमें एक उच्च पदस्थ सूत्र के हवाले से लिखा गया है कि सेना ने इस पूरे प्रकरण पर हाफिज सईद को ही तलब कर उससे सफाई मांग ली है। सेना का कहना है कि भारत के एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ इस तरह की तुलना गलत है और इसका अच्छा संकेत नहीं गया है। रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि सेना ने नवाज शरीफ सरकार से इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अगली बैठक में उठाने को कहा है। गौरतलब है कि शिवसेना भी मोदी सरकार का एक प्रमुख साझेदार है।

बुधवार, 11 जून 2014

वेदव्यास पर नई महाभारत लिखने का दबाव बढ़ा

मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा संसद में 44 पांडवों वाले बयान से देवलोक में मची खलबली

 

देवलोक से विशेष संवाददाता।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा संसद में कांग्रेस सांसदों को परोक्ष रूप से 44 पांडव बताने के बाद महाभारत के रचियता वेदव्यास पर नई महाभारत रचित करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। देवलोक में प्रगतिशील धड़े से ताल्लुक रखने वाले लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को वेदव्यास से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा और बदलते समयानुसार नवीन महाभारत की रचना करने का आग्रह किया। उधर, बजरंग दल की देवलोक शाखा ने कांग्रेस नेता के बयान को हिंदू संस्कृति के लिए अपमानजनक बताते हुए कांग्रेस का बैनर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के कारण कुछ देवताओं के रथों को भी नुकसान पहुंचा।
देवलोक के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार धरती पर संसद में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा 44 पांडवों की बात को प्रभु कृष्ण ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस संबंध में फोन पर वेदव्यासजी से चर्चा की। हालांकि माना जा रहा है कि वेदव्यासजी ने प्रभु से कहा है कि 44 पांडवों वाली नई महाभारत लिखना मुश्किल तो नहीं है, लेकिन संसद में नेताओं का भरोसा क्या! कल अगर मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी को चार पांडवों वाली पार्टी बता देंगे तो फिर क्या और नए सिरे से महाभारत लिखेंगे! वेदव्यास द्वारा ‘यादव’ शब्द पर ज्यादा जोर देने से प्रभु नाराज भी हुए। सू़त्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस नेता के नाम में ‘अर्जुन’ जुड़ा होने के कारण प्रभु थोड़े भावुक से हो रहे हैं और उन्होंने वेदव्यासजी से कोई रास्ता निकालने को कहा है। इस बीच, वेदव्यासजी ने दबाव पड़ने की स्थिति में एक कान्टनजेंसी प्लान पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहानी में सब-पांडवाज (उप पांडवों) की एक श्रेणी जोड़ने की योजना बना ली है।
पांडव ‘वेट एंड वाॅच’ की स्थिति में: पांडव वेट एंड वाॅच की स्थिति में हैं। युधिष्ठिर ने देवलोक में एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि अगर वेदव्यासजी 44 पांडवों वाली नई महाभारत लिखते हैं तो यह धर्म के खिलाफ होगा और वे इसका विरोध करेंगे। हालांकि इसमें स्वयं कृष्ण द्वारा रुचि लेने की बात पर वे बोले कि अगर ऐसा है तो वे अपने विरोध पर पुनर्विचार करेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नई महाभारत लिखने से पहले द्रौपदी की राय सबसे अहम होगी। इस संवाददाता ने द्रौपदी से फोन पर दो बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी टिप्पणी प्राप्त नहीं हो पाई।

सोमवार, 9 जून 2014

एक गोली खाते ही गर्मी होगी छूमंतर

गोवार्टिस ने भारत के बाजारों में उतारी दवा, गरीबों के लिए सब्सिडी का प्रावधान करने की सलाह

 

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

मुंबई। दुनिया की जानी-मानी कंपनी गोवार्टिस ने एक ऐसी दवाई का विकास किया है, जिसे खाते ही गर्मी का एहसास नहीं होगा। कंपनी ने यह दवा ग्लोबल वार्मिंग के लगातार बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर बनाई है। उसने इसका पेटेंट भी करवा लिया है। मानसून में विलंब को देखते हुए कंपनी ने तत्काल प्रभाव से इसे भारत के बाजारों में उतारने का फैसला किया है। हालांकि एसी और कूलर इंडस्ट्री ने इसका विरोध करते हुए इसे अनैतिक करार दिया है।
गोवार्टिस के वाइस प्रेसीडेंट जिम बराक ने बताया कि भारत में जिस तरह से लोग लगातार गर्मी से परेशान हो रहे हैं, उसी वजह से उनकी कंपनी को ऐसी दवा के विकास का विचार आया। इसे खाने से लोगों को न पंखे की जरूरत होगी, न कूलर की। उन्होंने कहा कि आज भारत में जैसे हालात हैं, उसके मद्देनजर उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में इस दवा को देश में विशाल बाजार मिल सकेगा। कंपनी ने दवा का विकास करने से पहले जो रिसर्च की, उसमें सामने आया कि आने वाले वक्त में जब भारत में पेड़-पौधे नहीं होंगे तो गर्मी से बचने के लिए लोगों को इस दवा की शरण में आना ही पड़ेगा। पानी नहीं होने से वे कूलर्स भी नहीं चला पाएंगे। जिम बराक ने भारत सरकार को सलाह दी है कि गरीबों के हितार्थ उसे इस दवा पर सब्सिडी का प्रावधान करना चाहिए।
छिड़ी नैतिक बहस: कंपनी द्वारा दवा जारी करने की घोषणा होते ही इसे लेकर देशभर में नैतिक बहस छिड़ गई है। एसी और कूलर इंडस्ट्री ने इसे जहां लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक बताया है, वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले समूहों का मानना है कि हमारे देश में लोगों को पहले ही पेड़-पौधों की चिंता नहीं है। साथ ही पानी को बर्बाद करने का शौक है। इस दवा के उतारने से लोगों का पेड़-पौधों के प्रति थोड़ा-बहुत प्रेम भी जाता रहेगा।

रविवार, 8 जून 2014

केजरीवाल का मिशन विस्तार, मिल्की-वे तक तैयार करेंगे संगठनात्मक ढांचा

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

अब इन एलियन्स पर फोकस करेगी ‘आप’।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी पार्टी के ‘मिशन विस्तार’ को पूरे ब्रह्माण्ड में फैलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत मिल्की-वे और उसकी आस-पास की गैलेक्सियों में रहने वाले एलियन्स को पार्टी का सदस्य बनाया जाएगा। इसकी अलग से आकाशीय यूनिट बनाने का भी प्रस्ताव है, जिसे ‘आम एलियन्स पार्टी’ नाम दिया जाएगा।
आज यहां रविवार को पार्टी की तीन दिवसीय नेशनल एक्जीक्यूटिव मीट के बाद पत्रकारों से बातचीत में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी भारत में केवल 430 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें उसे जो सफलता मिली है, उससे उत्साहित होकर पार्टी आने वाले समय में मंगल, बुध और शनि जैसे ग्रहों में होने वाले आम चुनावों में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके लिए पार्टी ने सबसे पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। पार्टी जहां धरती पर ग्रास रूट के कार्यकर्ताओं को तैयार करने पर जोर देगी, वहीं अन्य ग्रहों में स्काय रूट (आसमानी स्तर) के कार्यकर्ता तैयार किए जाएंगे।
केजरीवाल ने खासते हुए कहा कि वे जल्दी ही मंगल ग्रह का दौरा करके पानी को लेकर एक बड़ा धरना देंगे। हालांकि धरना कहां दिया जाना चाहिए, इसका निर्णय एलियन्स से पूछकर ही लिया जाएगा।

शनिवार, 7 जून 2014

मोदी चाहते हैं ऐसा डीएनए जो झुकने ही न दे

वैज्ञानिकों के अनुसार नेताओं में ऐसे कृत्रिम डीएनए का प्रत्यारोपण नामुमकिन


जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha



नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जेनेटिक्स साइंस विभाग को ऐसे कृत्रिम डीएनए का विकास करने की संभावना तलाशने को कहा है जिससे इंसान की रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी ही रहे। यह डीएनए भाजपा सांसदों में प्रत्यारोपित करने की योजना है। हालांकि विभाग के प्रमुख ने साफ कर दिया है कि नेताओं के लिए ऐसा कृत्रिम डीएनए बनाना संभव ही नहीं है जो उन्हें पैर छूने से रोक सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा था कि कोई भी सांसद पार्टी के किसी भी नेता के पैर नहीं छुएं। वस्तुस्थिति से वाकिफ मोदी के निर्देश पर बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जेनेटिक्स साइंस विभाग के प्रमुख डाॅ समीर कुमार से मुलाकात की। हर्षवर्धन ने उनसे ऐसे डीएनए का विकास करने की गुजारिश की जो इंसान को झुकने न दे। सूत्रों के अनुसार मोदी जानते हैं कि राजनीति में झुके बगैर काम होता नहीं और कोई भी सांसद मौका पड़ने पर पैर छूने से बाज नहीं आएगा। ऐसे में क्यों न ऐसा डीएनए ही उनमें डाल दिया जाए जो उनकी पैर छूने की प्रवृत्ति को ही बदल दे।
नामुमकिन है ऐसे डीएनए का विकास: स्वास्थ्य मंत्री के इस आग्रह पर डाॅ समीर कुमार ने साफ कर दिया कि नेताओं के लिए इस तरह के कृत्रिम डीएनए का विकास बहुत ही मुश्किल काम होगा। अगर डीएनए बना भी लिया गया तो वह नेताओं में सफल हो पाएगा, कहना आसान नहीं है। नेताओं में झुकने और पैर छूने का अपना डीएनए इतना मजबूत होता है कि कृत्रिम डीएनए उसका स्थान शायद ही ले सके।

शुक्रवार, 6 जून 2014

दुष्कर्मियों के लिए विशेष एप लांच करेगा गूगल

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


मुंबई। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर के इस बयान के बाद कि दुष्कर्मी दुष्कर्म करने से पहले बताकर नहीं जाते, गूगल ने ऐसे दुष्कर्मियों के लिए विशेष एप लांच करने की घोषणा की है। इस एप की मदद से दुष्कर्मी किसी भी कृत्य को करने से पहले अपने राज्य के संबंधित गृहमंत्री या मुख्यमंत्री या पुलिस अफसरों को सूचित कर सकेंगे। इससे उन्हें पकड़ने में मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि श्री गौर ने उत्तरप्रदेश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं के सिलसिले में उक्त बयान दिया था।
गूगल इंडिया के सीईओ एम जैमसन ने बताया, “श्री गौर ने जो कहा है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। इससे हमें ऐसा एप बनाने की प्रेरणा मिली है, जिससे दुष्कर्मियों को अपने संभावित कृत्य के बारे में जिम्मेदार लोगों को पहले से ही सूचित करने में मदद मिलेगी। इसे हम इसी सप्ताह लांच कर देंगे। यह सभी राज्यों के पुलिस थानों में गूगल द्वारा स्थापित गूगल स्टोर से फ्री डाउनलोड किया जा सकेगा।” इसके साथ ही गूगल ने दुष्कर्मियों को गूगल मैप की भी सुविधा मुहैया करवाई है, ताकि वे संबंधित जिम्मेदार लोगों को दुष्कर्म करने से पहले अपनी लोकेशन बता सके।
लैपटाप के स्थान पर स्मार्टफोन: इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तरप्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगले चुनावों में युवाओं को लैपटाप के स्थान पर स्मार्टफोन मुहैया करवाएगी ताकि इन एप्स और गूगल मैप्स का इस्तेमाल करना आसान हो सके और पुलिस को अपराधियों की लोकेशन ढूंढने में उतनी दिक्कत नहीं हो, जितनी कि आजम खान की भैंसों को ढूंढने में हुई थी।

गुरुवार, 5 जून 2014

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मानसून को लाने के लिए अरब सागर भेजे विशेष विमान

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में मानसून को लाने के लिए विशेष विमानों को अरब सागर की ओर रवाना कर दिया है। इन विमानों के मानसून के साथ आज देर शाम तक या कल सुबह तक केरल के तट पर पहुंचने की संभावना है। देश में हर साल 1 जून तक मानसून केरल पहुंच जाता है, लेकिन इस बार इसमें विलंब होने के कारण चिंता की लहर छाई हुई हैै। इसी वजह से आनन-फानन में यह फैसला लिया गया।
इस संबंध में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ में अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें इस बात पर चिंता जताई गई कि अगर देश में मानसून आने और उसके सब जगह पहुंचने में विलंब होता है तो इसका असर मोदी के ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ वादे पर पड़ना तय हैा। इससे मोदी सरकार को कई अन्य निर्णयों के क्रियान्वयन में भी दिक्कत हो जाएगी। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मानसून को केरल लाने के बाद जहां-जहां भी जरूरत हो, उसे विशेष विमानों के जरिए भेजने में कोई कोताही नहीं बरती जाए। इस संबंध में उन्होंने एक सेल भी गठित करने के निर्देश दिए हैं, जो मानसून के इधर से उधर लाने-ले जाने पर निगरानी रखेगा। 

70 मिनट के स्थान पर 68 मिनट का हो मैच

- हाॅकी इंडिया ने इंटरनेशनल हाॅकी फेडरेशन से की नियमों में बदलाव की मांग


जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

नई दिल्ली। नीदरलैंड्स के हेग में चल रहे वल्र्डकप हाॅकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की लगातार दो मैचों में पराजय के बाद हाॅकी इंडिया ने इंटरनेशनल हाॅकी फेडरेशन से नियमों में तत्काल बदलाव करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर भारत ने गुरुवार को स्पेन के खिलाफ होने वाले मैच का बहिष्कार करने की धमकी दी है।
हाॅकी इंडिया के सचिव ने फेडरेशन को लिखे पत्र में तत्काल प्रभाव से इन तीन नियमों में बदलाव की मांग की है। ये हैं -
1.हाॅकी के मैच को 70 मिनट के स्थान पर 68 मिनट का कर दिया जाए क्योंकि पहले दो मैचों में बेल्जियम और इंग्लैंड की टीम ने अंतिम दो मिनट में ही गोल करके भारतीय टीम को परास्त किया था। भारतीय टीम के साथ ऐसा अन्याय हमेशा से होता आया है। अगर यह संभव नहीं हो तो अंतिम दो मिनट में भारतीय टीम के खिलाफ किए गए किसी भी गोल को मान्य नहीं किया जाए।
2. प्रतिद्वंद्वी टीम के गोल पोस्ट की लंबाई को मौजूदा 12 फीट से बढ़ाकर 24 फीट किया जाए। साथ ही इसकी ऊंचाई को भी सात फीट से बढ़ाकर 14 फीट किया जाए। भारतीय टीम के खिलाड़ी अक्सर इसी माप को दिमाग में रखकर गोल पोस्ट में गेंद मारते हैं।
3. पेनल्टी काॅर्नर लेते समय प्रतिद्वंद्वी टीम के गोलकीपर के अलावा गेंद रोकने के लिए केवल एक ही खिलाड़ी डी में मौजूद रहे। ज्यादा खिलाड़ी रहने पर भारतीय टीम के खिलाड़ी कन्फयूज हो जाते हैं।
पत्र में हाॅकी में भारत के अभूतपूर्व योगदान की चर्चा करते हुए सचिव ने उम्मीद जताई है कि आज होने वाले मैच के पूर्व सारे नियमों में बदलाव कर दिया जाएगा।

बुधवार, 4 जून 2014

मप्र में कमजोर तबके में शामिल हुए विधायक, घरों के लिए मिलेगा सस्ता लोन

-  जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए दस लाख रु. तक का कार लोन भी मिलेगा


जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


Photo courtesy : http://listcrux.com/

भोपाल। मप्र सरकार ने राज्य के सभी विधायकों को कमजोर तबके में शामिल कर लिया है। इस आशय का निर्णय मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस कारण प्रदेश के समस्त विधायकों को घर खरीदने के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन चार फीसदी ब्याज पर मिलेगा। साथ ही उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए उन्हें वाहन खरीदने के लिए भी दस लाख रुपए तक का कार लोन मुहैया करवाया जाएगा।
बैठक में विधायकों की माली हालत पर विशेष चर्चा हुई। चर्चा में सामने आया कि प्रदेश के अधिकांश विधायकों की हालत बेहद खराब है और वे झुग्गियों में नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। इसी वजह से उन्हें घर बनाने के लिए सस्ता लोन मिलना ही चाहिए। कुछ मंत्रियों ने विधायकों को जीरो फीसदी दर पर लोन देने की मांग की, लेकिन इसे इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि इसे कई विधायक खैरात समझकर अपमानजनक मान सकते हैं।
इसी तरह बैठक में इस बात पर भी गंभीर चर्चा की गई कि जहां आज राज्य के लाखों लोग साइकिलों पर चल रहे हैं, वहीं किसी भी विधायक का पास साइकिल नहीं है। विधायकों को भी संविधान में प्रदत्त ‘सम्मानजनक जीवन’ जीने का अधिकार है। इसी वजह से उन्हें पहले आठ लाख रुपए तक की कार खरीदने के लिए लोन मुहैया करवाने का प्रस्ताव लाया गया। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री के दखल के बाद इस राशि को दस लाख रुपए कर दिया गया। यह भी तय हुआ कि विधायकों के बीच साक्षरता को बढ़ावा देने के मकसद से लैपटाॅप या कंप्यूटर खरीदी के वास्ते 35 हजार रुपए तक का अनुदान भी दिया जाएगा।
बाद में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस कदम से मप्र ‘बीमारू’ राज्य के कलंक से बाहर निकलकर तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 229 विधायक और मैं मिलकर 230 नहीं, बल्कि 2301 बनेंगे और प्रदेश को स्वर्णिम मप्र बनाने में सफल रहेंगे।

मंगलवार, 3 जून 2014

पैदा होते ही बच्चे ने की पीएचडी


अभी तो केवल पीएचडी की है!

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

नई दिल्ली। राजधानी में मंगलवार को एक बच्चे ने पैदा होने के चार घंटे के भीतर ही पीएचडी कर ली। देखते ही देखते यह खबर आग की तरह फैल गई। इस खबर के बाद कुछ दंपतियों ने डाॅक्टरों से कहा है कि वे ऐसा बच्चा चाहते हैं जो पैदा ही पीएचडी के साथ हो। शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इसका श्रेय भारत में तेजी से विकसित होते एजूकेशन सिस्टम को दिया है।
यह बेबी राधेश्याम गुप्ता नामक दंपती के यहां हुआ है। उन्होंने इसका नाम पीएचडी कुमार रखा है। राधेश्याम ने बताया कि वे जल्दी ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ से संपर्क कर बच्चे को उनके दल में रखने का आग्रह करेंगे ताकि वह तीन साल की उम्र तक आते-आते नासा के नेपच्युन अभियान का हिस्सा बन सके।
पड़ोसियों के अनुसार श्री राधेश्याम पढ़़ाई के मामले में शुरू से ही अपने बच्चों का विशेष ख्याल रखते आए हैं। पड़ोसी माणिकराव ने बताया, ‘ श्री राधेश्यामजी के बारे में जितना कहे, उतना कम है। वे चाहते थे कि उनका पहला बेटा केजी-2 में सौ में से सौ प्रतिशत अंक लाए। इसके लिए उन्होंने तीन-तीन टीचरों को ट्यूशन पर रखा। और जब बच्चे के 99 फीसदी अंक आए तो उन्होंने बेटे को दो दिन तक खाना तक नहीं दिया। इसी का नतीजा रहा कि अगली क्लास में बच्चे के पूरे सौ फीसदी अंक आए।’
इसी तरह एक अन्य पड़ोसी श्रीमती कुमकुम शर्मा ने बताया कि गुप्ता परिवार की पूरी काॅलोनी में इज्जत है। हर कोई चाहता है कि बच्चे हो तो गुप्ताजी जैसे। वे सब के प्रेरक बन गए हैं। यही कारण है कि काॅलोनी के सभी लोगों ने अपने बच्चों के खेलने-कूदने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब सभी का एक ही मकसद है- 100 फीसदी अंक। कई नवविवाहित दंपती तो चाहते हैं कि उनके यहां बच्चे पीचएडी डिग्री या किसी मैनेजमेंट डिग्री के साथ ही पैदा हो।

सोमवार, 2 जून 2014

यूपी के जंगल टूरिज्म में आपका स्वागत है

- अखिलेश सरकार ने किया यूपी जंगल टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन का गठन

- उत्तर कोरिया के शासक किम जंग-उन होंगे इसके ब्रांड एम्बैसडर


जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


Photo courtesy : www.sandalwoodking.com 
लखनऊ। उत्तरप्रदेश की अखिलेश सरकार ने उत्तर कोरिया के सहयोग से राज्य में जंगल पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिए यूपी जंगल टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन का गठन किया जा रहा है। उत्तर कोरिया के शासक किम जंग-उन को इसका ब्रांड एम्बैसडर बनाने का प्रस्ताव है। इसके स्पेशल पैकेज में बदायूं और आजम खान की भैंसों को शामिल किया जाएगा।
यह फैसला रविवार रात को मशालों की नेचुरल लाइट में आयोजित राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में लिया गया। अंदरखाने सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री का कहना था कि हमारे राज को जिस तरह से जंगलराज के रूप में महिमामंडित किया जा रहा है,  इसका हमें फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले टूरिस्टों को रात के घनघोर अंधेरे में वैसा ही अद्भुत अनुभव होगा, जैसा कि जंगलों में होता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर कोरिया के पास विशेषज्ञता है। उत्तर कोरियाई माॅडल का अध्ययन करने के लिए राज्य के अधिकारियों का एक दल शीघ्र ही प्यांगयांग का दौरा करेगा।
बदायूं के पेड़ और आजम की भैंसें होंगी आकर्षण का मुख्य केंद्र: पैकेज में बदायूं जिले में करीब सौ पेड़ों को विशेष तौर पर शामिल किया गया है। पर्यटक इन पेड़ों से लटककर इस बात का एहसास कर सकेंगे कि वे जंगल में हैं। इसके अलावा पर्यटकों को आजम खान की भैंसें भी दिखाई जाएंगी। उप्र के फिल्म डिवीजन प्रभाग को उस प्रकरण पर प्रेरणास्पद फिल्म बनाने को भी कहा गया है कि कैसे आजम खान की भैंसें रूठकर भाग गई थीं और फिर पुलिस ने उनकी बरामदगी दिखाई। पर्यटकों को इस फिल्म की स्क्रीनिंग दिखाई जाएगी।

रविवार, 1 जून 2014

केजरीवाल बनाएंगे शेडो कैबिनेट, पार्टी के दफ्तर से होगा संचालन

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


हलो, मैं शेडो पीएम बोल रहा हूं!
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के भले ही चार उम्मीदवार ही संसद में पहुंचे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शेडो कैबिनेट बनाने का फैसला किया है। केजरीवाल स्वयं इस शेडो कैबिनेट के मुखिया रहेंगे। इसके लिए उन्होंने आम लोगों की राय मांगी थी जो उनके पक्ष में आई है। ऐसा दावा पार्टी के एक प्रवक्ता ने किया है। केजरीवाल अपनी इस शेडो कैबिनेट का संचालन आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में बनाई गई विशेष संसद में करेंगे।
केजरीवाल 4 जून से शुरू होने वाले संसद के सत्र की पूर्व संध्या पर अपने इस शेडो कैबिनेट का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शेडो कैबिनेट में केजरीवाल अपने पास स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय रखेंगे। मनीष सिसौदिया डिप्टी लीडर बन सकते हैं। इसके अलावा उनके पास उन विभागों की कमान रहेगी, जो दिल्ली राज्य में सत्ता में आने पर थी। इसी तरह सोमनाथ भारती, राखी बिड़ला और सौरभ भारद्वाज भी उन्हीं विभागों के शेडो मिनिस्टर रहेंगे जो वे दिल्ली सरकार में थे। योगेन्द्र यादव को भी कोई अहम शेडो मिनिस्टर का पद दिया जा सकता है। हालांकि वे इसे लेने से इनकार कर रहे हैं। इस बीच, खबर यह भी है कि शाजिया इल्मी इस शर्त पर पार्टी में वापस लौट सकती हैं कि उन्हें कोई सम्मानजनक शेडो मंत्री बनाया जाएगा। गौरतलब है कि शेडो कैबिनेट का प्रचलन ब्रिटेन सहित कुछ यूरोपीय देशों की संसद में रहा है। भारत में अब आम आदमी पार्टी यह प्रयोग संसद के बाहर करने जा रही है।

शुक्रवार, 30 मई 2014

मंत्री बनकर पछता रहे हैं एक दर्जन सांसद

जयजीत अकलेचा / Jayjeet Aklecha


हम क्यों बन गए मंत्री! सुबुक-सुबुक...!
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के संक्षिप्त सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए हैं, वहीं करीब दर्जन भर मंत्री पद छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ये वे लोग हैं, जिन्हें लग रहा है कि वे मंत्री बनकर फंस गए हैं और अब किसी न किसी तरह मंत्री पद छोड़ने में ही भलाई है।
इसी सप्ताह की शुरुआत में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ये सभी बेहद खुश थे। लेकिन इन्हें अब लग रहा है कि मंत्री बनकर तो काम करना पड़ेगा। इसी बात ये सभी भयभीत नजर आ रहे हैं। इन्हें पहला झटका तभी लग गया था, जब कैबिनेट के दो मंत्रियों को शपथ ग्रहण के अगले ही दिन उप्र में हुए रेल हादसे के बाद घटनास्थल का दौरा करने को कह दिया गया था। हमारे देश में ऐसी छोटी-मोटी घटनाओं में मंत्रियों द्वारा दौरा करने की परंपरा नहीं रही है। यहां तक भी ठीक था, लेकिन अब कह दिया गया है कि मंत्री अपने निजी स्टाफ में अपने रिश्तेदारों को नहीं रख सकते। इसके बाद से ही अनेक मंत्रियों को मंत्री पद बोझ लगने लगा है। उन्हें अचानक महसूस होने लगा है कि वे एक सांसद के रूप में भी देश और जनता की भली-भांति सेवा कर सकते हैं। ऐसे लोगों में शामिल एक मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘कुछ मंत्री इसके बाद भी मन मारे हुए थे, लेकिन अति तो तब हो गई, जब प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से पूछ लिया कि वे अगले 100 दिन में क्या करने वाले हैं, इसकी योजना बनाकर दें। अब प्रधानमंत्री को यह कैसे लिखकर दे दें कि अगले 100 दिनों में हमारी योजना कितनी मौज-मस्ती करने की थी। यह भी कोई लिखकर देने की चीज है भला! इसीलिए मुझ सहित कम से कम दर्जन भर मंत्रियों ने अब पद छोड़ने का मन बना लिया है। भाड़ में जाए ऐसा मंत्री पद!’
सूत्रों का कहना है कि इन मंत्रियों के सामने दिक्कत यह आ रही है कि वे ऐसे ही पद कैसे छोड़ देें। अभी इतने दिन भी नहीं हुए कि अपने उपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगवा लें ताकि प्रधानमंत्री उन्हें बर्खास्त कर सकें। इसलिए वे ऐसी योजना बना रहे हैं कि कोई उन्हें संगठन में काम करने को कह दें। लेकिन समस्या यह भी है कि संगठन से भी कोई मंत्री बनने को तैयार होगा या नहीं, यह साफ नहीं है। 

गुरुवार, 29 मई 2014

गृहिणियों ने आलू की जगह गोल्ड का इस्तेमाल शुरू किया

होटलों ने भी मेनू में शामिल की गोल्ड बेस्ड कई नई डिशेज

 

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
गोल्ड पनीर मसाला।

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद सोने के दामों में भारी गिरावट का दौर जारी है। देश की प्रमुख मंडियों में आज सोने के थोक भाव 1200 रुपए क्विंटल बोले गए। खुदरा में यह अलग-अलग शहरों में 18 से 20 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है।
सोने के दामों में आई गिरावट का असर घरों के किचन में साफ नजर आ रहा है। आलू के खुदरा में 20 से 25 रुपए किलो मिलने के कारण गृहिणियां अब सब्जियों में आलू के स्थान पर सोने के डलों का इस्तेमाल कर रही हैं। सरस्वती नगर की श्रीमती आरती ने बताया कि वे सोने के साथ नित नए प्रयोग कर रही हैं। इससे गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को भी खाने में नए आइटम मिल रहे हैं तो उनके पति की जेब पर भी बोझ कम हो रहा है। नूतन नगर की श्रीमती सावित्री के अनुसार टमाटर और प्याज के इतना महंगा होने के कारण अब सब्जियों में सोने की प्यूरी डालना तो उनकी मजबूरी है। उधर, नाश्ते में बच्चों को पारले-जी के स्थान पर सोने के बिस्किट खिलाए जा रहे हैं।
गोल्ड पनीर मसाला से लेकर स्वर्ण मटर तक: प्रमुख होटलों ने भी सोने को लेकर कई नई डिशेज अपने मेनू में रख दी है। इनमें गोल्ड पनीर मसाला, स्वर्ण कोफ्ता, गोल्ड पसंदा, गोल्ड वेज बिरयानी, स्वर्ण मखानी, गोल्ड रायता, सोने की भूर्जी, स्वर्ण मटर, स्वर्ण कुरकुरी इत्यादि शामिल हैं। छोटे ढाबे वालों ने सलाद में प्याज के स्थान पर सोना रखना शुरू कर दिया है।
दाम और गिरेंगे: बाजार के सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मोदी सरकार मजबूत होती जाएगी, सोने के दामों में और भी गिरावट आती जाएगी। बाजार के पंडित तो अब चांदी के दामों में भी गिरावट की बात कर रहे हैं। यह अब भी आम लोगों की पहुंच से दूर बनी हुई है।

बुधवार, 28 मई 2014

बालकृष्ण को कैबिनेट मंत्री बनवाना चाहते थे बाबा रामदेव!

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

बाबाजी, कुछ लाॅबिंग करो ना!

यह सवाल काफी शिद्दत के साथ पूछा जा रहा है कि आखिर नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बाबा रामदेव शामिल क्यों नहीं हुए। पहले माना जा रहा था कि वे भाजपा के अपने कुछ खास अनुयायियों को मंत्रिमंडल में शामिल करवाना चाहते थे। लेकिन अब विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि वे अपने सबसे प्रिय सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को कैबिनेट मंत्री बनवाना चाहते थे। उन्होंने इस संबंध में मोदी से भी बात की थी। लेकिन बताया जाता है कि मोदी ने इससे साफ इनकार कर दिया, क्योंकि बालकृष्ण किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उन्हें कोई मंत्री पद देना ठीक नहीं रहता।
तो वाराणसी सीट खाली कर दो: सूत्रों के अनुसार मोदी के इस तर्क पर कि बालकृष्ण किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, बाबा रामदेव ने उनसे (मोदी से) वाराणसी सीट खाली कर तत्काल चुनाव करवाने की मांग कर दी। बाबा का कहना था कि एक ही इलाका होने के कारण वाराणसी सीट से बालकृष्ण का चुनाव लड़ना ज्यादा मुफीद रहेगा। इससे वे वाराणसी की सीट भी संभाल सकेंगे, मंत्री पद भी और हरिद्वार में बाबाजी का आश्रम भी। लेकिन मोदी ने इससे भी इनकार कर दिया।
अंतिम समय तक उम्मीद नहीं छोड़ी: बताया जाता है कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बाबा रामदेव ने अपनी जगह पर बालकृष्ण को इसीलिए दिल्ली भेजा था कि अंतिम समय में अगर मोदी का हृदय परिवर्तन हो जाए तो बालकृष्ण वहीं शपथ लेने के लिए तैयार मिले। लेकिन मोदी अड़े रहे।
अब एसआईटी की कोशिश: सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार ने काले धन पर जो एसआईटी बनाई है, बाबाजी उसके लिए लाॅबिंग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि मंत्री पद न सही, बालकृष्ण को एसआईटी का सदस्य ही बना लिया जाए। आखिर बाबा रामदेव ने ही काले धन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था।

डिग्री दलाल संघ ने स्मृति ईरानी से कहा- हम दिलवाएंगे डिग्री

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के डिग्री विवाद पर जहां सरकार की थू-थू हो रही है, वहीं कई लोग उनके समर्थन में भी आगे आए हैं। राष्ट्रीय डिग्री दलाल संघ ने कहा है कि स्मृति चाहें तो हमसे डिग्री ले सकती हैं। डिग्री दिलाना हमारे बाएं हाथ का काम है।
चूंकि स्मृति केवल बारहवीं पास हैं। ऐसे में विपक्षी उनकी योग्यता पर सवाल उठाने लगे हैं। मंगलवार को कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने भी इस पर कटाक्ष किया था। इसके बाद से ही यह विवाद बढ़ता जा रहा है। ऐसे में डिग्री दलाल संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामावतार प्रसाद ने स्मृति ईरानी को एक सशर्त आॅफर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर स्मृति चाहें तो वे उन्हें एक माह के भीतर ग्रेजुएट की डिग्री, छह माह में पेास्ट ग्रेजुएट की डिग्री और एक साल में पीएचडी की डिग्री मुहैया करवा सकते हैं। रामावतार ने कहा है कि इस संबंध में उनके पास काफी पुराना अनुभव है। गौरतलब है कि इससे पहले डिग्री दलाल संघ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी डिग्री आॅफर कर चुका है। हालांकि तेंदुलकर ने उसे ठुकरा दिया था।
बीएड करेंगी स्मृति: इस बीच अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि शिक्षा मंत्री होने के नाते स्मृति सबसे पहले बीएड करेंगी। गौरतलब है कि शिक्षा का कानून अधिकार के तहत अब शिक्षकों का प्रशिक्षित होना यानी बीएड या डीएड होना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर स्मृति को यह फैसला लेना पड़ा। हालांकि अपनी व्यस्तता को देखते हुए वे पत्राचार माध्यम से बीएड करेंगी।

सोमवार, 26 मई 2014

प्रियंका गांधी को मिलेगा पहला दादा साहेब आडवाणी पुरस्कार

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

केंद्र में नरेंद्र मोदी की नई सरकार ने अपने पहले फैसले पर मोहर लगा दी है। इसके तहत राजनीति के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के  लिए ‘दादा साहेब आडवाणी पुरस्कार’ शुरू किया जाएगा। यह अवार्ड पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर रखा गया है। डैब्यू अवार्ड प्रियंका वाड्रा गांधी को दिया जाएगा।
सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद देर रात को गुजरात भवन में हुई कैबिनेट की पहली अनौपचारिक बैठक में यह फैसला लिया गया। हालांकि सूत्रों के अनुसार इसकी रूपरेखा उसी समय बन गई थी, जब नरेंद्र मोदी चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं से मिले थे। उस समय मोदी ने संघ को साफ कर दिया था कि वे आडवाणी को अपने मंत्रिमंडल में लेने में सहज नहीं हैं। ऐसे में तय किया गया कि उनके नाम पर कोई पुरस्कार शुरू कर दिया जाए ताकि उनकी प्रतिष्ठा भी बनी रहे और उन्हें कैबिनेट में लेने की जरूरत भी नहीं पड़े। चूंकि आडवाणी फिल्मों के शौकीन हैं, इसलिए इस पुरस्कार का नाम ‘दादा साहेब फालके पुरस्कार’ की तर्ज पर ही रखा गया।
किन्हें मिलेगा पुरस्कार: यह पुरस्कार हर माह उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने राजनीति में अपना जीवन खपा दिया। इसीलिए सबसे पहले यह पुरस्कार प्रियंका वाड्रा गांधी को देने का निश्चय किया गया है। प्रियंका ने इन चुनावों में उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को दो सीटें दिलवाने में अपनी गर्मी की पूरी छुट्टियां कुर्बान कर दीं। इसके अलावा नई सरकार इसके माध्यम से यह संदेश भी देना चाहती है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान कही गई कड़वी बातों को भूलकर आगे बढ़ने की इच्छुक है।

रविवार, 25 मई 2014

तिहाड़ में अरविंद की तबीयत खराब, अचानक खांसना बंद किया

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


खांसी बंद हो गई, मैं क्या करूं!
मानहानि के मामले में पिछले करीब सप्ताह भर से तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की कल रात को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्होंने खांसना  बंद कर दिया, जिससे जेल प्रशासन में खलबली मच गई।
तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल जबसे जेल में आए, उसके बाद से ही उनकी खांसी  लगातार कम होती जा रही थी। लेकिन कल रात को तो खांसी पूरी तरह बंद हो गई। उनकी सुरक्षा में तैनात संतरियों ने करीब एक घंटे तक इंतजार किया। लेकिन जब केजरीवाल काफी देर तक नहीं खांसे तो उन्होंने अपने आला अफसरों को इसकी खबर दी। अफसरों ने आनन-फानन में डाॅक्टरों की एक टीम बुलाई। डाॅक्टरों ने जेल में ही उनका मुआयना किया और उन्हें ग्लूकोस के इंजेक्शन वगैरह दिए।
बाद में डाॅ़ वाॅलीबाॅल ने फेकिंग न्यूज को बताया कि केजरीवाल की हालत में सुधार आ रहा है। पिछले तीन घंटों में वे चार बार खांसे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ घंटों में उनकी खांसी नार्मल हो जाएगी।

अब पता चला, जेल क्यों गए अरविंद!
केजरीवाल ने जमानत लेने से इंकार क्यों कर दिया, इसका खुलासा अब हुआ है। यह खुलासा उनके एक बेहद करीबी माने जाने वाले एक नेता ने किया है। इस नेता ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारने और उन पर स्याही फेंकने की घटनाओं से उनके कुछ परिजन काफी आहत थे। इसीलिए इन परिजनों ने केजरीवाल को जेल जाने की सलाह दी, ताकि वे आने वाले समय में थप्पड़ खाने और स्याही फेंके जाने जैसी घटनाओं का शिकार होने से बचे रहे। हालांकि केजरीवाल इससे पूरी तरह सहमत नहीं थे। उनका कहना था कि बगैर थप्पड़ के तो उनकी राजनीति ही खत्म हो जाएगी। लेकिन बाद में वे इस आश्वासन के बाद राजी हो गए कि वे चाहे तो बीच-बीच में कैदियों के सहयोग से थप्पड़ वाले सीन क्रिएट कर सकते हैं।

शनिवार, 24 मई 2014

नवाज के साथ पाकिस्तान जाएंगे राहुल!

- पाक आर्मी और नवाज शरीफ के बीच हुई गोपनीय डील 

- पाकिस्तान के राजनीतिक दलों में मची खलबली

 

 जयजीत अकलेचा/Jayjeet Aklecha

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अंततः भारत के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाक आर्मी की अनुमति मिल गई है। लेकिन इसके लिए आर्मी ने नवाज के साथ एक ऐसी डील की है, जिससे पाकिस्तान के राजनीतिक दलों के भविष्य पर सवालिया निशान लग सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों के बीच जो डील हुई है, उसके अनुसार नवाज वापसी में अपने साथ राहुल गांधी को भी कुछ दिनों के लिए पाकिस्तान लेकर आएंगे। पाकिस्तान में राहुल को विभिन्न राजनीतिक दलों के संगठनों को दुुरुस्त करने को कहा जाएगा। आश्चर्य की बात है कि इनमें स्वयं नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग भी शामिल है। माना जा रहा है कि नवाज इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन सेना के दबाव में उन्हें इस डील को स्वीकारना पड़ा। इस बीच, इस गोपनीय डील के बारे में पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया में खबरें चलते ही वहां के राजनीतिक दलों में खलबली मच गई है। स्थानीय खबरों के अनुसार वहां की एक प्रमुख पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग से अपनी पार्टी की मान्यता समाप्त करने का आग्रह कर दिया है।
क्या है आर्मी का गेम प्लान?
पाकिस्तान आर्मी का गेम प्लान बहुत ही साफ है। सूत्रों के अनुसार भारतीय अनुभवों के मद्देनजर पाकिस्तान आर्मी का मानना है कि अगर राहुल गांधी पाकिस्तान के राजनीतिक सिस्टम को सुधारने की पहल करते हैं तो इससे भविष्य में उसके लिए राह और आसान हो जाएगी। पाकिस्तान के जाने-माने पाॅलिटिकल एनालिस्ट हामिद रजा का इस पर कहना है कि पाकिस्तान के लिए यह अच्छे संकेत नहीं हैं। अगर आर्मी अपने मकसद में कामयाब हो गई और राहुल पाकिस्तान आ गए तो देश की जम्हूरियत पर संकट खड़ा हो जाएगा। बकौल रजा, राहुल तो कुछ समझते नहीं, लेकिन उनकी अम्मी जान समझदार हैं और उम्मीद है कि वे राहुल को पाकिस्तान आने से रोक लेंगी।

शुक्रवार, 23 मई 2014

घुटनों पर बैठे नवाज को सेना ने खूब फटकारा

हाथ लगा एक वीडियो टेप, इसमें सेना से भारत जाने की अनुमति मांग रहे हैं नवाज

 

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
मेरी क्या गलती! मैंने थोड़े ही न्योता मांगा था।

भारत सरकार द्वारा नरेंद्र मोदी की ओथ टेकिंग सेरेमनी में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज षरीफ को भेजा गया न्योता स्वयं उनके लिए मुसीबत बन गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार गुरुवार रात को सेना ने नवाज को तलब किया और इसके लिए उन्हें खूब फटकार लगाई। सेना और नवाज के बीच क्या बातचीत हुई, इसका एक वीडियो टेप हाथ लगा है। इसमें नवाज घुटनों के बल बैठे हुए हैं। सेना के एक सीनियर अफसर के हाथ में कोड़ा है और वह उसे बार-बार जमीन पर फटकार रहा है। यहां प्रस्तुत है दोनों के बीच बातचीत के मुख्य अंष (पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री की गरिमा के मद्देनजर इसमें से वे हिस्से निकाल दिए गए हैं, जिनमें काफी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया):
सेना: नवाज, यह हम क्या सुन रहे हैं। मोदी की नई सरकार ने तुम्हें भारत आने का न्योता दिया है?
नवाज: मालिक, इसमें मेरी क्या गलती! मैंने थोड़े ही न्योता मांगा था।
सेना: बीप...बीप...। जुबान लड़ाते हो!
नवाज: मेरा मतलब यह नहीं था। बिन मांगे मुसीबत आ गई है। अब आप ही कोई रास्ता सुझाएं मालिक।
सेना: अटल बिहारी की सरकार के समय भी तुमने खूब होषियारी दिखाई थी। इस बार ज्यादा तेज चलने की कोषिष न करना।
नवाज: बिल्कुल मालिक। आप कहें तो मैं करगिल-2 की तैयारी षुरू कर दूं?
सेना: अच्छा, अब हमारी बिल्ली हमसे ही म्याउं! टांट मार रहे हो हम पर। तुम तो चाहते ही हो कि हम फिर मुंह की खाएं।
नवाज: तो आप बताओ, हम क्या करें?
सेना: देखो, हमारा प्राइम कंसर्न दाउद है। मोदी के आने के बाद दाउद सदमे में चला गया है। उसकी कुषलक्षेम पूछी कि नहीं!
नवाज (सिर खुजलाते हुए): नहीं जी, वो तो मैं भूल गया ।
सेना: क्या फटीचर पीएम हो। एक भी काम ढंग से नहीं कर सकते। (इसके बाद सेना के उस अफसर ने जमीन पर इतना जमकर कोड़ा फटकारा कि नवाज एक कोने में जाकर दुबक गए)।
सेना: इधर, सामने आओ। हमें बताओ कि न्योता स्वीकार करते समय क्या तुम्हें अपने आतंकी भाइयों की एक मिनट के लिए भी फिक्र नहीं हुई!
नवाज: जी, वो तो अपना काम कर रहे हैं ना! हमारी फिक्र से उनकी सेहत पर कोई असर पड़ता है क्या! (नवाज ने अब थोड़ी हिम्मत दिखाई)
सेना: लेकिन मोदी पूछेगा कि आतंकियों का तुम क्या करोगे तो क्या जवाब दोगे?
नवाज (फुल कान्फीडेंस के साथ): मैं कहूंगा - बाबाजी का ठुल्लू।
सेना (हंसते हुए): वाह, बहुत बढ़िया। यह हुई ना मर्दों वाली बात।
फिर पूरे हाॅल में बाबाजी का ठुल्लू... बाबाजी का ठुल्लू का गाना बज उठा। सेना के अफसरों ने कोड़े हाथ से गिरा दिए हैं। वे स्टाइल कर-करके नाच रहे हैं।
नवाज (डरते हुए): अब मैं जाउं?
सेना: कहां?
नवाज: इंडिया।
सेना: बताते हैं। अभी तो तुम घर जाओ।
नवाज आर्मी हेडक्वार्टर से निकल रहे हैं। गाने की आवाज और तेज हो गई है।