हाल ही में मप्र के एक मंत्री प्रभुराम चौधरी ने अपनी अफसर पत्नी को प्रमोट करने में तमाम नियम-कायदों को ताक पर रख दिया। इस पर कटाक्ष करता हुआ है यह वीडियो...
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शनिवार, 9 जनवरी 2021
Satire : मंत्री बने हैं तो कोई सम्मानजनक घोटाला कीजिए...आखिर हमने वोट क्यों दिया?
हाल ही में मप्र के एक मंत्री प्रभुराम चौधरी ने अपनी अफसर पत्नी को प्रमोट करने में तमाम नियम-कायदों को ताक पर रख दिया। इस पर कटाक्ष करता हुआ है यह वीडियो...
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020
Satire : ठंड क्यों हो रही है कांग्रेस?
ठंड अब तक उस तरह से नहीं गिरी है, जैसी गिरनी चाहिए। तो क्या ठंड कांग्रेस हो रही है? आखिर दोनों की तुलना क्यों हो रही है? और इसमें भाजपा का क्या रोल है? देखिए यह व्यंग्य वीडियो News-Pachchi में..
यह वीडियो भी देखिए... पप्पू, मोटा भाई, बाबाजी और सरकार… कैसे सबकी उड़ी धज्जियां
Satire : पप्पू, मोटा भाई, बाबाजी और सरकार… कैसे सबकी उड़ी धज्जियां
इस वीडियो में बात-बात में राहुल गांधी, अमित शाह, बाबा रामदेव, सरकार की धज्जियां उड़ाई गई है। कुल मिलाकर आज की राजनीतिक व्यवस्था पर व्यंग्य है यह वीडियो…
In this video, we did satire on Rahul Gandhi, Amit Shah, Baba Ramdev and the government. Overall, this video is a satire on today’s political system …
यह वीडियो भी देखिए... ठंड क्यों हो रही है कांग्रेस?
मंगलवार, 10 नवंबर 2020
Satire : कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से की ‘कांग्रेस आरक्षित सीटों’ की मांग
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निवार्चन आयोग के दफ्तर जाते राहुल गांधी। |
नई दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों में हुई हार से बड़ा सबक लेते हुए आने वाले तमाम चुनावों में अपने लिए सीटें आरक्षित करने की मांग की है। इस संबंध में मंगलवार रात को ही पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर अपना मांग-पत्र सौंपा।
बिहार विधानसभा चुनावों में बमुश्किल डेढ़ दर्जन सीटें जीतने के बाद यहां मंगलवार की रात को कांग्रेस कोर कमेटी की एक आपातकालीन बैठक हुई। बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि अगर लोकसभा चुनाव सहित सभी राज्यों की विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ सीटें आरक्षित कर दी जाएं तो इससे भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक विरासत को बचाना संभव हो सकेगा। अगर निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की यह मांग मान ली तो जिस तरह एससी/एसटी सीटों पर केवल इन्हीं वर्गों के लोग चुनाव लड़ सकते हैं, उसी तरह कांग्रेस आरक्षित सीटों पर भी कांग्रेसियों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति होगी।
पार्टी को उम्मीद है कि अगले साल बंगाल विधानसभा चुनावों से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। सूत्र ने बताया कि अगर निर्वाचन आयोग इस संबंध में कोई फैसला नहीं लेता है तो कांग्रेस व्यापक जनांदोलन छेड़ देगी।
# bihar results , # jokes on congress
रविवार, 16 अगस्त 2020
Humour : बाइडेन से पीछे चल रहे ट्रम्प ने अब राहुल गांधी से मांगी मदद, क्यों और कैसे? पढ़िए यहां
By Jayjeet
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में अब पांच माह से भी कम का वक्त बचा है। हाल ही में हुए कई सर्वे में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में ट्रम्प ने अब राहुल गांधी से मदद लेने की योजना बनाई है। इस बीच, ट्रम्प की इस योजना की भनक लगते ही बाइडेन के खेमे में अफरातफरी का माहौल है।
क्या है ट्रम्प का ट्रम्प कार्ड?
ट्रम्प की कोर टीम द्वारा बनाए गए प्लान के अनुसार राहुल गांधी अगले तीन माह तक अमेरिका में रहकर बाइडेन के पक्ष में जोरदार चुनावी रैलियां करेंगे। इसके अलावा वे ट्विटर पर एक्टिव रहकर रोजाना ट्रम्प से एक सवाल भी पूछेंगे। ट्रम्प के योजनाकारों के अनुसार इससे एक माह के भीतर ही ट्रम्प के खिलाफ बना माहौल पक्ष में हो जाएगा और चुनाव आते-आते वे क्लीन स्वीप करने की स्थिति में आ जाएंगे।
विरोधी खेमे में अफरातफरी, सदमे में बाइडेन
ट्रम्प की इस योजना की भनक लगते ही बाइडेन के खेमे में सन्नाटा खींच गया है। वहां से आ रही खबरों के अनुसार अगर ट्रम्प अपनी इस योजना में सफल हो गए तो बाइडेन के लिए चुनाव जीतना तो दूर, अपनी जमानत तक बचाना मुश्किल हो जाएगा। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार इससे बाइडेन गहरे सदमे में पहुंच गए हैं।
राहुल ने पूछा, कौन हैं बाइडेन?
इस बीच बाइडेन के लिए एक राहत की खबर भी है। राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के अनुसार ट्रम्प के इस प्रस्ताव के जवाब में राहुल ने पूछ लिया कि ये बाइडेन कौन हैं? राहुल के करीबी निजी सचिव कहा, 'राहुल भैया तब तक किसी के पक्ष-विपक्ष में नहीं बोलते, जब तक कि वे खुद उनके बारे में गूगल से पुख्ता जानकारी नहीं ले लेते।' ऐसे में बाइडेन खेमे को उम्मीद है कि पुख्ता जानकारी लेते-लेते अमेरिकी चुनाव ऐसे ही गुजर जाएंगे।
#rahul_jokes #trump_jokes
यह भी पढ़ें : देवउठनी एकादशी के बाद खत्म हो जाएगी कोरोना की सारी अकड़, एक अदद कोरोनी की तलाश
गुरुवार, 30 जुलाई 2020
Humor : जब राफेल से मिलने पहुंच गए राहुल, जानिए फिर क्या हुई बातचीत
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रविवार, 26 जुलाई 2020
Humor : जब शिवराज सिंह ने कोरोना से कहा - हम नेता तो बच जाएंगे, मुझे आपकी चिंता है
भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कोरोनावायरस की चपेट में आ गए हैं। पर जैसा कि सभी जानते हैं कि शिवराज जी एक जमीनी नेता हैं और वे किसी से भी कनेक्ट होने का कोई मौका नहीं छोड़ते। तो इलाज के लिए चिरायु हॉस्पिटल के वीआईपी बेड पर बैठे-बैठे उन्होंने कोरोना से ही बात करनी शुरू कर दी।
शिवराज : हमारी संस्कृति मेहमानों का स्वागत करने की रही है। पहले हमने सिंधियाजी के स्वागत में पलक-पावड़े बिछाए, अब आपका स्वागत करने मैं खुद आया हूं।
कोरोना : आप तो हमें शर्मिंदा कर रहे हैं। आप हम जैसे छोटे वायरसों से बात कर रहे हैं, हमारे लिए तो यही बड़ी बात है।
शिवराज : देखिए, हमारे राज में कोई छोटा, कोई बड़ा नहीं है। आप तो कमलनाथ जी के जमाने से मप्र में हो। देख ही रहे हो कि कैसे हमने छोटे से सिंधिया गुट के लोगों को भी हमारे बराबर जगह दी। जितने हमारे मंत्री, उतने ही सिंधियाजी के मंत्री।
कोरोना : जैसा आपके बारे में सुना, बिल्कुल वैसे ही निकले आप। इसीलिए आपसे मिलने चला गया। लेकिन माफी चाहूंगा, इस चक्कर में आपको संकट में डाल दिया।
शिवराज : संकट की चिंता मत कीजिए। जैसा कि मोदीजी ने कहा, हम तो आपदा को अवसर में बदलने वाले लोग हैं। देखा नहीं, हम कैसे कांग्रेस में फंसे आपदाग्रस्त विधायकों को हमारी पार्टी में लाकर उनके लिए अवसर पैदा कर रहे हैं।
कोरोना : मुझे सोशल मीडिया पर पता चला कि लोग आपकी इस बात की निंदा कर रहे हैं कि आप सरकारी हमीदिया हॉस्पिटल में भर्ती होने के बजाय प्राइवेट हॉस्पिटल चिरायु में भर्ती हो गए।
शिवराज : लोगों का काम है कहना। अगर हम हमीदिया में भर्ती होते तो लोग कहते कि देखो गरीबों के लिए बने हॉस्पिटल में भर्ती होकर एक मुख्यमंत्री ने गरीबों का हक मार दिया। हम हमीदिया में जाते तो वहां का स्टॉफ हमारी तिमारदारी में लग जाता, जिससे वहां भर्ती होने वाले गरीब-गुर्गों का प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं हो पाता। उनकी खातिर ही हमने प्राइवेट हॉस्पिटल को चुना।
कोरोना : आप हम जैसे वायरसों के लिए क्या कुछ संदेश देना चाहेंगे?
शिवराज : देखिए, मैं इस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं और इसलिए मुझे सबकी चिंता होनी चाहिए। आप जिस तरह से नेताओं में घुसपैठ कर रहे हैं, उससे मुझे आप लोगों की चिंता हो रही है। हम नेताओं की जितनी चमड़ी मोटी होती है, उतनी ही मोटी इम्युनिटी भी। हम तो आप लोगों को झेल जाएंगे। पर आप हमें झेल पाओगे, इसको लेकर मुझे डाउट है।
कोरोना : जी बिल्कुल, हमसे ये गलती तो हो रही है। अब मैं आपको राज की एक बात बताता हूं। जब हम चीन से चले थे तो हमें एक गाइडलाइन दी गई थी। इसमें हमसे कहा गया था कि हम भारत में नेताओं से दूर ही रहे। पर गाइडलाइन तो होती ही है ना तोड़ने के लिए। तो हमने भी तोड़ दी...
शिवराज : बिल्कुल, वैसे ही जैसे हमारे यहां के लोग भी तुमसे बचने के लिए बनाई गई गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अच्छा, जरा मैं आराम कर लूं, फिर फुर्सत में बात करेंगे...
#shivraj_singh #humor #satire #corona
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मंगलवार, 14 जुलाई 2020
Humor : राहुल गांधी ने बीजेपी अध्यक्ष नड्डा को चिट्ठी लिखकर उनसे क्या मांगा?
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। राजस्थान में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच राहुल गांधी ने जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखकर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस की ओर से कुछ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आग्रह किया है। राहुल ने लिखा - आप लोग तो पुराने अनुभवी हैं, बल्कि यह आपका लोकतांत्रिक दायित्व भी है... (पढ़ें पूरी चिट्ठी नीचे...)
प्रति
श्री जेपी नड्डा जी
अध्यक्ष, बीजेपी और वरिष्ठ कार्यकर्ता, पूर्व विपक्षी पार्टी
विषय : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन करने बाबत।
महोदय,
सेवा में नम्र निवेदन है कि इस समय देश में दो घटनाएं बड़ी तेजी से घटित हुई हैं। एक, पेट्रोल-डीजल के दामों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हो रही है। वहीं दूसरी ओर राजस्थान में हमारी सरकार के खिलाफ बगावत हो गई है। हमारी प्राथमिकता सरकार बचाना है, लेकिन पेट्रोल-डीजल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे की भी अनदेखी नहीं कर सकते। ऐसे में महोदय से निवेदन है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ हमारे लिए कुछ प्रदर्शन आउटसोर्स करने का कष्ट करें।आप जो भी प्रदर्शन या विरोध करेंगे, उसे हमारा भरपूर नैतिक समर्थन रहेगा। अगर वक्त मिला, राजस्थान के हालात में कुछ सुधार नजर आया और साथ ही कुछ बैलगाड़ियों की व्यवस्था हो गई तो हम कांग्रेसी भी एक दो विरोध मार्च निकालने का प्रयास जरूर करेंगे।
उम्मीद है देश के लोकतंत्र को बचाने की खातिर आप अपने इस प्रमुख लोकतांत्रिक दायित्व से मुंह नहीं मोड़ेंगे।
आपका ही प्रिय
राहुल
क्या रहा बीजेपी का रिएक्शन?
नड्डा ने पत्र की यह बात अमित शाह को बताई है। सूत्रों के अनुसार शाह ने कहा है कि बीजेपी हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर पार्टी रही है। लोकतंत्र की खातिर हमें संकट की इस घड़ी में कांग्रेस की मदद करनी चाहिए।
#rahul_gandhi #rajasthan_political_crisis #petrol_diesel_price #Nadda #humor #satire
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सोमवार, 18 मई 2020
Humor : नेताओं ने कोरोना को दिया अल्टीमेटम, कहा- हम आत्मनिर्भर, तेरे जैसे वायरसों की यहां कोई जरूरत नहीं
रविवार, 8 दिसंबर 2019
Satire : बापू की प्रतिमा ने ये क्या कर दिया? आपको यकीन नहीं होगा!!
By Jayjeet
नई दिल्ली। मंगलवार को संसद परिसर में गले में प्याज की मालाएं पहनकर दो सांसद महोदय महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे। उसी समय एक ऐसी घटना हो गई जिस पर कोई विश्वास करने को तैयार नहीं है। इस घटना के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी थे गांधी प्रतिमा की सफाई करने वाले सफाईकर्मी झंकारसिंह। तो पहले उन्हीं की जुबानी सुनते है यह पूरी घटना :
‘ये दोनों सांसद महोदय बापू की मूर्ति के पास प्रदर्शन कर रहे थे, उधर मैं मूर्ति की सफाई कर रहा था। तभी मैंने बापू की आंखों में कुछ गीला-गीला सा देखा। पर मैंने सोचा कि ये बेचारी पत्थर की मूर्ति। इंसानों की आंखों में तो पानी बचा नहीं तो इस पत्थर की आंखों में भला पानी कहां से आएगा! यह सोचकर मैं मूर्ति के नीचे झाडू लगाने लगा। तभी तपाक से मेरी पीठ पर दो बड़ी-बड़ी बूंदें गिरी। गर्दन ऊप्पर की तो देखा बापू अपने हाथों से आंखें पोंछ रहे हैं। मुझे देखते ही उन्होंने तपाक से अपने हाथ नीचे कर लिए। मैं ये तो समझ गया कि ये बापू के आंसू हैं, पर यह समझ में नहीं आया कि वे रो क्यों रहे हैं। फिर बाद में दिमाग की बत्ती जली कि हां प्याज… । स्साले ये दोनों सांसद महोदय बापू की प्रतिमा के ठीक नीचे प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन कर रहे थे ना, तो प्याज की गंध बापू सहन नहीं कर पाए होंगे और बिचारे के आंसू आ गए होंगे।’
झंकारसिंह इस मामले की गंभीरता को समझ नहीं पाए, लेकिन मामला तो बड़ा संगीन था कि आखिर बापू रोए क्यों ? क्या साध्वी प्रज्ञा के कारण, क्या हैदराबाद की घटना ने उन्हें इतना आघात पहुंचाया? या वाकई प्याज के कारण? इस बारे में हमने संसद में ही मौजूद कुछ पार्टियों के सांसदों से ही राय लेने का फैसला किया। सबसे पहले कांग्रेस के एक सांसद से बात की तो उन्होंने छूटते ही कहा, “क्या बकवास कहानी है? अब कहां बापू में जान आएगी! और क्या बापू की प्रतिमा भगवान गणेशजी हैं जो कभी भी दूध पीने लगे! हां हां हां…।”
बापू की प्रतिमा के पास प्रदर्शन करने वाले AAP सांसद से पूछा तो उन्होंने कुछ याद करते हुए कहा, “हां, मेरी पीठ पर कुछ गीला-गीला सा महसूस तो हुआ था। लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे बापू के आंसू होंगे। शायद किसी चिड़िया की बीट होगी।”
इस बारे में एक भाजपा सांसद ने कहा, “हमें ऐसे अंधविश्वासों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। देश मोदीजी के नेतृत्व में विकास के मार्ग पर आगे बढ़ चुका है। देखिएगा, जीडीपी को हम जीरो पर लाकर कैसे 100 तक ले जाते हैं। आप देखते ही रह जाएंगे।”
रहस्य अब भी अनसुलझा था। तो यह रिपोर्टर खुद बापू की मूर्ति के पास गया। देखा, कोई आंसू नहीं। आंखें झुकी हुईं, मानों किसी बात पर शर्मिंदा हों। रिपोर्टर ने खुद को धिक्कारते हुए खुद से ही कहा, कहां झंकारसिंह की बातों में आ गया। बापू इतने कमजोर तो शायद नहीं होंगे जो आंसू बहाएं। वे तो रोजाना कितने ही लीटर खून के आंसू गटक जाते होंगे… और पता नहीं कब से ऐसा कर रहे होंगे। हां, आंसू नहीं बहाएंगे,यह यकीन है।
क्योंकि जिस दिन गांधी टूट गए, उस दिन शायद आखिरी उम्मीद भी टूट जाएगी…!
(Disclaimer : कहने की जरूरत नहीं, यह एक राजनीतिक कटाक्ष है)
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सोमवार, 15 अक्तूबर 2018
Humor : फेक नेताओं पर बैन लगाने की मांग, जानिए इन्हें कैसे पहचानें?
हिंदी सटायर डेस्क। फेक न्यूज को लेकर चल रहे विवाद के बीच सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में फेक नेताओं पर बैन लगाने की मांग की है। नेताओं की सर्वदलीय समिति ने इस संबंध में सरकार को एक पत्र भेजा है। इसमें समिति ने आशंका जताई है कि जैसे एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है, उसी तरह ऐसे चुनिंदा फेक नेता भी राजनीति के पवित्र सागर को गंदा कर देंगे। इसलिए इन पर तुरंत प्रतिबंध लगाकर और उन्हें लात मारते हुए राजनीति से बाहर कर देना चाहिए।
फेक नेताओं के गिनाए कु-लक्षण
हिंदी सटायर को भी लीकेज में इस पत्र की एक कॉपी हाथ लगी है। इस पत्र में फेक नेताओं के 5 कु-लक्षण बताए गए हैं। हम अपने रीडर्स के लिए भी 5 कु-लक्षण बता रहे हैं ताकि वे सतर्क रहें और ऐसे कु-लक्षण वाले नेताओं को देखते हुए उन्हें लात मारकर भगा सकें।
कु-लक्षण 1 : जैसी कथनी, वैसी करनी
ये वे होते हैं, जो जैसा बोलते हैं, वैसा करते हैं। इनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होता। ये ईमानदारी की न केवल बात करते हैं, बल्कि खुद ईमानदार भी होते हैं।
कु-लक्षण 2 : धर्म और जातिवाद से परे
ये नेता वोट लेने के लिए न धर्म का सहारा लेते हैं और न जाति का। इन्हें अक्सर चुनाव का टिकट भी नहीं मिलता। गाहे-बगाहे अगर टिकट मिलता भी है तो जीतते नहीं हैं। मौजूदा राजनीति के लिए ये सबसे घातक हैं।
कु-लक्षण 3 : भाई-भतीजावाद पर भरोसा नहीं
ये नेता समाज सेवा की इच्छा से राजनीति करते हैं। ये न अपने बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाते हैं, न अपने रिश्तेदारों को। अपने उत्तराधिकारी का चयन मेरिट के आधार पर करते हैं।
कु-लक्षण 4 : कमीशनखोरी से परहेज
ये इन नेताओं का सबसे बड़ा कु-लक्षण है। ये कमीशनखोरी से परहेज कर नेतागिरी के पावन उद्देश्य को ही डिफिट कर देते हैं। ऐसे नेता न केवल खुद के, बल्कि पूरी भारतीय राजनीति पर कलंक के समान होते हैं।
कु-लक्षण 5 : संस्कार पैदाइशी इनबिल्ट
ऐसे फेक नेताओं के मुंह पर अपने विरोधियों के लिए भी सम्मान का भाव रहता है। ये कोई गाली-गलौज नहीं करते। संस्कार नामक अवगुण इनमें पैदाइशी इनबिल्ट होता।
सरकार ने पूछा, ऐसे नेता हैं कहां?
नेताओं की सर्वदलीय समिति के पत्र के जवाब में सरकार ने पूछा है कि ऐसे नेता हैं कहां? सरकार ने कहा कि हमें तो ये न किसी सरकार में नजर आते हैं, न किसी पार्टी में प्रमुख पदों पर। अगर दो-चार कहीं होंगे भी इधर-उधर कोने में पड़े होंगे। हमें इसकी चिंता में दुबले नहीं होकर राष्ट्रहित में जुटे रहना चाहिए।
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गुरुवार, 30 अगस्त 2018
Humor : कौन लिखता है राहुल गांधी के भाषण? जांच में हुआ खुलासा
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। यह सवाल पिछले कई दिनों से पूछा जा रहा था कि आखिर राहुल गांधी के भाषण लिखता कौन है? अर्णब गोस्वामी ने भी पिछले दिनों यह कहकर पूरे देश में माहौल गर्म कर दिया था कि ‘नेशन वांट्स टू नो हू राइट्स फॉर द राहुल’। अर्णब के इस सवाल के बाद से ही सरकार भारी दबाव में थी। आखिरकार सरकार ने पता लगा ही लिया कि राहुल के भाषण कौन लिखता है। इसके लिए जांच एजेंसी सीबीआई तक की मदद ली गई।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी खुद ही अपने भाषण लिखते हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब सरकार के मौखिक आदेश पर सीबीआई ने राहुल के भाषण लिखने के तीन संदिग्ध आरोपियों को पकड़ा। ये तीनों पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर जोक्स पोस्ट किए जा रहे थे। लेकिन सीबीआई की कस्टडी में इन्होंने स्वर्गीय जसपाल भट्टी की कसम खाकर कहा कि उनके इत्ते बुरे दिन नहीं आए। वे राहुल के लिए भाषण लिख ही नहीं सकते। राहुल खुद अपने भाषण लिखते हैं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अफसर ने हिंदी सटायर से कहा, “हम भी निरे मूर्ख निकले। हमने यह क्यों नहीं सोचा कि राहुल खुद भी तो अपने भाषण लिख सकते हैं। और जिस तरह के भाषण वे पढ़ रहे हैं, उससे तो हमें पहले ही यकीन हो जाना चाहिए था कि अपने भाषण खुद राहुल ही लिख रहे होंगे।”
पीडी ने भी पुष्टि की :
राहुल अपने भाषण खुद लिखते हैं, इसकी पुष्टि करने के लिए सीबीआई ने कल रात तो पीडी (राहुल के पालतू डॉगी) से भी एक घंटे तक पूछताछ की। पीडी का नाम तब सुर्खियों में आया था जब राहुल ने कहा था कि पीडी ही उनके ट्विट्स पोस्ट करता है। एक घंटे की पूछताछ में पीडी ने कहा कि राहुल भैया के जोरदार भाषण दो ही लोग तैयार कर सकते हैं – या तो मैं या राहुल भैया खुद। मैं कर नहीं रहा हूं तो समझ जाइए कि कौन तैयार कर रहा है।
#rahul_gandhi #rahul_jokes #political_satire #satire #humor
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शनिवार, 25 अगस्त 2018
Humor : अय्यर की कांग्रेस में वापसी से राहुल ने ली राहत की सांस, पर सिद्धू हुए नाराज
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कांग्रेस की केंद्रीय अनुशासन समिति के फैसले का स्वागत करते अय्यर व राहुल। |
हिंदी सटायर डेस्क। कांग्रेस में मणिशंकर अय्यर की वापसी से राहुल गांधी ने राहत की सांस ली है। उन्हाेंने अपने कुछ करीबियों को धीरे से आंख मारकर कहा – अब मैं कांग्रेस को हरवाने की जिम्मेदारी से मुक्त होकर कुछ दिनों के लिए नानी के घर जा सकूंगा। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि अगर अय्यरजी को वापस ही लाना था तो फिर मेरे द्वारा पाक सेनाध्यक्ष को गले लगाने का क्या मतलब निकला।
दिसंबर 2017 में कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर ‘नीच’ कहने पर निलंबित कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने मणिशंकर की जिम्मेदारी शशि थरूर को सौंप दी थी। थरूर ने भी आते ही अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए कहा था कि अगर 2019 में बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब होती है तो देश ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जाएगा।
सिद्धू हुए नाराज :
कांग्रेस अनुशासन समिति के इस फैसले से सिद्धू काफी नाराज बताए जाते हैं और पाकिस्तान से लौटने के बाद से ही लगातार गुस्से में खुद ही ताली ठोंके जा रहे हैं। उनके एक करीबी ने समझाया भी कि खुद ताली मत ठोंको, नहीं तो लोगों को लगेगा कि कपिल का शो बंद होने के बाद पाजी ने कोई और काम शुरू कर दिया है।
इस पर सिद्धू ने फिर ताली ठोंकते हुए कहा, “गुरु, ये तो गलत बात है। पहले ही बता देते कि अय्यरजी की वापसी हो रही है तो मैं पाकिस्तान आर्मी चीफ के गले तो नहीं लगता। मैं तो पाकिस्तान गया ही इसलिए था कि अय्यरजी की जगह ले सकूं। अब मैं न इधर का रहा, न उधर का। इसीलिए तो तालियां ठोंके जा रहा हूं…। तुम भी ठोंको ताली, काम ही क्या बचा अब स्साला ..।”
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बुधवार, 20 दिसंबर 2017
Funny : राहुल के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से बदल जाएंगी ये 5 चीजें, आप भी जानिए
By A. Jayjeet
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया। इसके साथ ही कांग्रेस में राहुल युग की शुरुआत हो गई। ह्यूमर वर्ल्ड के राजनीतिक विश्लेषक बेचैन ढींगामस्ती ने अपना विश्लेषण कर बताया कि राहुल के आने के बाद कांग्रेस में क्या 5 चीजें बदल जाएंगी। आप भी पढ़िए :
1. कांग्रेस पिछले 19 साल से जिन पादुकाओं को पूजते आए थे, उनका आकार बदल जाएगा। सोनिया गांधी 7 नंबर की पादुका पहनती हैं। राहुल गांधी 8 नंबर की पादुका पहनते हैं। तो इस तरह पादुका का एक नंबर बढ़ जाएगा। कांग्रेसियों को पादुका और भी स्पष्ट नजर आएगी। ताे पूजा करने में और भी आसानी रहेगी।
2. पहले नियम था – ‘अगर कांग्रेस कोई भी चुनाव जीतेगी को उसका श्रेय सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिया जाएगा, हार का श्रेय अन्य नेताओं व सामान्य कार्यकर्ताओं को।’ अब नियम बदलकर इस तरह हो जाएगा – ‘अगर कांग्रेस कोई भी चुनाव जीतेगी को उसका श्रेय राहुल गांधी और सोनिया गांधी को दिया जाएगा, हार का श्रेय अन्य नेताओं व सामान्य कार्यकर्ताओं को।’
3. राहुल गांधी अब युवा से वरिष्ठ नेता बन जाएंगे। कांग्रेस के संविधान के तहत एक नियम पारित होगा जिसके अनुसार राहुल को अब ‘राहुल भैया’ की जगह ‘राहुल अंकल’ कहा जाएगा।
4. उन्नीस साल पहले सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के संविधान में ‘चम्मच’ शब्द को ‘स्पून’ किया गया था क्योंकि उन्हें ‘चम्मच’ को प्रोनाउंस करने में दिक्कत होती थी। अब राहुल के हिंदी में कंफर्टेबल होने के कारण ‘स्पून’ को फिर से ‘चम्मच’ कर दिया जाएगा।
5. कांग्रेस में ‘राहुल ब्रिगेड’ का नाम बदलकर ‘राहुल फायर ब्रिगेड’ रख दिया जाएगा। यह ब्रिगेड बीजेपियों द्वारा लगाई गई आग को देशभर में घूम-घूमकर बुझाने का काम करेगी।
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रविवार, 10 दिसंबर 2017
Humor : मणिशंकर को कांग्रेस ने पार्टी से निकाला, फूट-फूटकर रो रहे हैं अमित शाह
By A. Jayjeet
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को ‘नीच’ कहकर उनका अपमान करने वाले मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस ने पार्टी से बाहर क्या निकाला, बीजेपी की सांसें फूल गई हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तो कल रात से ही रोए जा रहे हैं। मोदी भी उन्हें ढांढस बनाने पहुंचे और कहा कि कोई बात नहीं, हम दूसरा ‘मणिशंकर’ ढूंढ लेंगे।
कांग्रेस के (पूर्व) फ्रीलांसर नेता मणिशंकर (Mani-Shankar) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री के बारे में कहा था, ‘यह आदमी नीच किस्म का है। इसमें सभ्यता नहीं है।’ मणिशंकर अय्यर की जुबान पर गोपनीय रूप से सेंसर लगाए बैठी बीजेपी की आईटी टीम तक जैसे ही ये शब्द पहुंचे, उन्होंने इन्हें अमित शाह तक ट्रांसफर कर दिया। सूत्र ने बताया कि अमितजी ये सुनते ही उछल पड़े। मन ही मन बड़बड़ाए- वाह बेटा, क्या गोल मारा! फिर उन्होंने सूरत में सभा करने जा रहे मोदी को फोन लगाकर कहा – नरेंद्र भाई, अय्यर फिर फूट पड़ा है। इसके बाद उन्होंने मोदी को अय्यर का वह पूरा बयान सुनाया। उधर से मोदीजी का जवाब आया- वेल डन। लगे रहो अमित भाई।
ज्यादा अंडों के चक्कर मुर्गी ही मार डाली…
Mani-Shankar के इस बयान पर मोदी सहित बीजेपी ने इतनी हाय-तौबा मचाई कि कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। राहुल गांधी ने पहले मणिशंकर अय्यर को माफी मांगने को कहा। फिर बाद में देर रात को उन्हें पार्टी से निकाल दिया। अय्यर को कांग्रेस से बाहर निकाले जाने की खबर जैसे ही बीजेपी को मिली, पार्टी की जान हलक में आ गई। अमित शाह तो जैसे सदमे में चले गए। पार्टी दफ्तर में जाकर पहले धीरे-धीरे और फिर फूट-फूटकर रोने लगे। बार-बार एक ही बात बोले जा रहे थे- हाय, हमने ये क्या कर डाला। सोने के ज्यादा अंडोें के लालच में पूरी मुर्गी ही हलाक करवा दी। अब अगले चुनाव कैसे जीतेंगे?
मोदी भी तुरंत बीजेपी ऑफिस पहुंचे, अमित शाह को ढांढस बंधाया…
अमित शाह के इस तरह सदमे में पहुंचने की खबर मिलते ही मोदी भी देर रात को ही पार्टी दफ्तर पहुंचे। उन्होंंने अमित शाह का मन हलका करने के लिए कहा कि गलती मेरी ही है। मैंने ही जबरदस्ती मामले तो ज्यादा तूल दे दिया। अमित शाह फिर भी नहीं रुके तो मोदी ने कहा, “चुप हो जा अमित, मैं खुद कांग्रेस के पास जाकर माफी मांग लूंगा और उनसे कहूंगा कि गलती किससे नहीं होती। हमसे भी हो गई। वे मणिशंकर को वापस रख लेंगे।” फिर उत्साह बढ़ाते हुए कहा, “और वापस नहीं लिया तो भी कोई बात नहीं। हम कांग्रेस में ही कोई दूसरा मणिशंकर ढूंढ लेंगे। वहां कोई कमी है क्या?”
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शुक्रवार, 24 नवंबर 2017
Funny : कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव : हर कांग्रेसी से पूछे जाएंगे ये 5 सवाल
By Jayjeet
नई दिल्ली। कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कांग्रेस ने दावा किया है कि हम राहुलजी को पूरे लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर अपने उन आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब देंगे, जो पार्टी पर वंशवाद का आरोप लगाते आए हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति ने सोमवार की देर रात को चुनाव कार्यक्रम की मंजूरी दी थी। इसका मकसद राहुल गांधी की ताजपोशी करना है। लेकिन कांग्रेस ने भाजपा के वंशवाद संबंधी आरोपों का अच्छे से जवाब देने की तैयारी भी कर ली है। इसलिए कांग्रेस कार्यसमिति ने चुनावों को लोकतांत्रिक बनाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
ये रहे वे 5 सवाल :
कांग्रेस कार्यसमिति ने चुनावों को लोकतांत्रिक स्वरूप देने के लिए एक स्पेशल फॉर्म छपवाया है। हर सदस्य को इसमें अपने मन से राय देने की स्वतंत्रता रहेगी। इसमें कांग्रेस हाईकमान का कोई दबाव नहीं रहेगा। पार्टी का दावा है कि दुनिया में किसी भी अध्यक्ष के चुनाव से पहले इतनी लोकतांत्रिक प्रक्रिया किसी ने नहीं अपनाई होगी। hindisatire ने अपने सोर्सेस से इस फॉर्म की एक कॉपी जुगाड़ी है जो हम रीडर्स के सामने में भी पेश कर रहे हैं।
फॉर्म में इन 5 सवालों पर कांग्रेसियों से राय मांगी जाएगी :
1. राहुलजी के नेतृत्व में आप कितना विश्वास करते हैं?
A .100 फीसदी
B. 100 परसेंट
2. क्या आपको लगता है कि राहुलजी की लीडरशिप में कांग्रेस आगे बढ़ेगी?
A . हां, बिल्कुल। कोई शक?
B. जी, जरूर। बेशक।
3. कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी क्या आप राहुलजी के नाम के आगे “बाबा” संबोधन चाहते हैं?
A. जैसा राहुलजी चाहें
B. राहुलजी जैसा चाहें
4. राहुलजी के अध्यक्ष बनने के बाद आगामी चुनावों में हार के लिए जिम्मेदार कौन होगा?
A. मैं यानी आम कांग्रेसी
B. आम मतदाता
5. राहुलजी के अध्यक्ष बनने के बाद उनके प्रिय पिडीजी से आप क्या चाहेंगे?
A. दुम हिलाने की ट्रेनिंग
B. तलवे चाटने की ट्रेनिंग
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मंगलवार, 26 सितंबर 2017
Satire : अमेरिका से भारत लौटे राहुल, कांग्रेसियों और भाजपाइयों दोनों की आंखों में आंसू
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका की 14 दिन की यात्रा से वापस इंडिया लौट आए हैं। लेकिन उनके लौटने पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के तमाम नेताओं की आंसों में आंसू नजर आ रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक तमाम कांग्रेसी नेता एक स्वर में जोर-जोर से कह रहे हैं, “ये गम के आंसू बिल्कुल नहीं हैं। राहुलजी के लौटने की खुशी में हमारी आंखें भर आईं।”
इस पर भाजपा के प्रवक्ता सांबित पात्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सारे कांग्रेसी साफ झूठ बोल रहे हैं। ये गम के आंसू हैं। अब उन्हें इस बात की चिंता सता रही हैं कि राहुल बाबा के आने से गुजरात का क्या होगा?” गौरतलब है कि अगले तीन माह में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं और 25 सितंबर को राहुल वहां चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे।
सांबित से यह पूछे जाने पर कि आपकी खुद की आंखों में आंसू क्यों हैं, उन्होंने अपनी खुशी छिपाते हुए और अपने लड्डू भरे हाथों से आंसू पोंछते हुए कहा, “ये तो बस यूं ही। राहुलजी के लौटने से हमें भी तो खुशी है।”
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रविवार, 20 अगस्त 2017
Satire : राहुल को अध्यक्ष बनवाने के लिए अमित शाह ने कसी कमर
नई दिल्ली/भोपाल। अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा के मिशन 360 (Bjp Mission 2019) पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अभी से काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत वे अगले तीन महीनों के दौरान देशभर का दौरा कर राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनवाने के लिए जी-जोड़ लॉबिंग करेंगे।
तीन दिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंचे अमित शाह के इस गेम प्लान का खुलासा hindisatire ने किया है। शाह के एक करीबी सूत्र की मानें तो उन्होंने तीन माह का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम इसीलिए बनाया है ताकि जल्दी से जल्दी कांग्रेस राहुल के हाथों में दी जा सके। अमित शाह का स्पष्ट मानना है कि इसके बगैर भाजपा का 360 सीटें जीतने का टारगेट पूरा नहीं किया जा सकता।
दोपहर में भाजपा की मीटिंग, असली काम रात को …
सूत्र के अनुसार अमित शाह दोपहर में भाजपा नेताओं और मंत्रियों की बैठकें लेते हैं, लेकिन ये सब दिखावे के लिए होता है। उनका असली काम रात को शुरू होता है। वे रात को भेष बदलकर कांग्रेसियों से मिलते हैं और उन्हें यह समझाने की कोशिश करते हैं कि राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना देशहित में क्यों जरूरी है (भाजपाई पढ़ें - भाजपा हित)।
‘राहुल लाओ, देश बचाओ’ कैम्पेन भी शुरू करवाने का प्लान…
कांग्रेसियों को इमोशनल ब्लैकमेल करने के मकसद से भाजपा अध्यक्ष “राहुल लाओ देश बचाओ” नाम से एक कैम्पेन भी शुरू करवाने की प्लानिंग कर रहे हैं। हालांकि इसे कांग्रेसियों द्वारा ही शुरू करवाएंगे, लेकिन इसके लिए फंडिंग का काम भाजपा करेगी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को विश्वास है कि इस कैम्पेन से देश बचे या न बचे, मोदीजी फिर से दूसरी बार सत्ता में जरूर आ जाएंगे, वह भी बड़ी आसानी से।
गुरुवार, 2 मार्च 2017
Humor : कटप्पा की तलाश में निकले UP के बाहुबली, अफवाह फैलाने से नाराज
By Jayjeet
लखनऊ। यूपी के बाहुबली इन दिनों कटप्पा की तलाश में हैं। वे उसे पकड़कर जानना चाहते हैं कि आखिर यह अफवाह फैलाने की हिम्मत कैसे कर ली कि उसने बाहुबली को मारा है। सभी राजनीतिक दल भी इसे राज्य की अस्मिता से जुड़ा मुद्दा मानकर इस मामले में बाहुबलियों को मॉरल सपोर्ट दे रहे हैं।
बाहुबलियों के खेमों से आ रही खबरों के अनुसार चुनाव के इस मौसम में लोगों के दिमाग से जाले साफ करना जरूरी है कि कोई बाहुबली नहीं मरा है। सब के सब जिंदा हैं। एक बाहुबली के प्रवक्ता ने यूएस मेड पिस्टल जेब में रखते हुए कहा, “भाई जान अब तक चुप बैठे थे तो इसका मतलब यह नहीं कि कोई कुछ भी बके जाए और हम सुनते रहे। कोई बाहुबली को नहीं मार सकता। उस BIP BIP कटप्पा की क्या औकात। उसकी तो ###%%&$$$…, उसे बताते हैं हम…”
बाहुबली के मुद्दे पर सभी पार्टिंयां एकमत :
बाहुबली के मामले में सभी पार्टियों की एक राय हैं। सभी का कहना है कि बाहुबली वाला इश्यू उत्तरप्रदेश की अस्मिता से जुड़ा एक अहम मुद्दा है। ऐसे में कटप्पा को ढूंढने के मामले में हमारा मॉरल सपोर्ट बाहुबलियों को मिलता रहेगा। सभी पार्टियां यह वादा भी कर रही हैं कि उनके सत्ता में आने पर वे बाहुबली को मारने जैसी गिरी हुई अफवाह फैलाने के मामले की CBI से जांच भी करवाएंगी।
कटप्पा ने मांगी चंद्रबाबू से सुरक्षा :
इस बीच, बाहुबलियों की इस गर्जना के बाद से ही कटप्पा भूमिगत बताए जा रहे हैं। उन्होंने आंधप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाने का अनुरोध किया है। कटप्पा ने एक E-mail करके कहा, “उप्र के बाहुबलियों के बारे में पहले मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया। मैं तो राजमौली की बातों में आ गया। अब आप ही बाहुबलियों के साथ चर्चा करके बीच का रास्ता निकालिए और मुझे बचाइए। मैं गरीब बेमतलब में मारा जाऊंगा। ”
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रविवार, 15 जनवरी 2017
Humor : जमानत बचाने में समर्थ लोगों को ही टिकट देगी Congress, पार्टी ने की 10 सीटों की पहचान
नई दिल्ली/लखनऊ। उप्र में उम्मीदवारों के चयन को लेकर congress ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी हाईकमान ने साफ कर दिया है कि वह केवल उन्हीं लोगों को टिकट देगी जो अपने दम पर जमानत बचाने में सक्षम होंगे।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार पार्टी ने एेसी सीटों की तलाश शुरू कर दी है जहां उसके उम्मीदवार आसानी से जमानत बचा सकें। पार्टी ने हाल ही में एक सर्वे करवाया है जिसके अनुसार राज्य में पार्टी के पास अब भी ऐसी 10 सीटें हैं जहां उसके उम्मीदवार आसानी से जमानत बचा सकते हैं। इस सर्वे ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है।
सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान भी पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया था कि गठबंधन की स्थिति में पार्टी इन 10 सीटों पर कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करेगी। यहां पर वे अपने उम्मीदवार जरूरत उतारेगी।
इस बीच, प्रशांत किशोर ने पार्टी आलाकमान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इन सीटों पर राहुल गांधी प्रचार करने नहीं आएं। अगर आते हैं तो फिर जमानत बचाने की वे कोई गारंटी नहीं ले पाएंगे।
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