मंगलवार, 10 नवंबर 2020

Satire : कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से की ‘कांग्रेस आरक्षित सीटों’ की मांग

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निवार्चन आयोग के दफ्तर जाते राहुल गांधी।
By Jayjeet

नई दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों में हुई हार से बड़ा सबक लेते हुए आने वाले तमाम चुनावों में अपने लिए सीटें आरक्षित करने की मांग की है। इस संबंध में मंगलवार रात को ही पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर अपना मांग-पत्र सौंपा।

बिहार विधानसभा चुनावों में बमुश्किल डेढ़ दर्जन सीटें जीतने के बाद यहां मंगलवार की रात को कांग्रेस कोर कमेटी की एक आपातकालीन बैठक हुई। बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि अगर लोकसभा चुनाव सहित सभी राज्यों की विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ सीटें आरक्षित कर दी जाएं तो इससे भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक विरासत को बचाना संभव हो सकेगा। अगर निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की यह मांग मान ली तो जिस तरह एससी/एसटी सीटों पर केवल इन्हीं वर्गों के लोग चुनाव लड़ सकते हैं, उसी तरह कांग्रेस आरक्षित सीटों पर भी कांग्रेसियों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति होगी।

पार्टी को उम्मीद है कि अगले साल बंगाल विधानसभा चुनावों से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। सूत्र ने बताया कि अगर निर्वाचन आयोग इस संबंध में कोई फैसला नहीं लेता है तो कांग्रेस व्यापक जनांदोलन छेड़ देगी। 

# bihar results , # jokes on congress


बुधवार, 4 नवंबर 2020

गब्बर का करवा चौथ!!!

karwa chauth jokes करवा चौथ जोक्स



अगर शोले में गब्बर सिंह शादीशुदा होता तो?

होली कब है, कब है होली? का डायलॉग कुछ यूं होता...

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करवा चौथ कब है, कब है करवा चौथ....?

और पीछे से सुनाई देता ....
आवाज नीचे... दो-चार डाके मारके कोई तीर नहीं मार लिया...
और हां, मेरे लिए नेकलेस लूट के लाए ...?

# karwa chauth # karwa chauth jokes

मंगलवार, 3 नवंबर 2020

अंतिम उपाय के तौर पर सरकार ने चला ‘प्याज के आधार’ पर आरक्षण का दांव

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नई दिल्ली। प्याज के लगातार बढ़ते दामों को रोकने के लिए सरकार ने अंतत: अंतिम उपाय के तौर पर ‘प्याज के आधार पर आरक्षण’ का दांव चल दिया है। उसने घोषणा की है कि प्याज न खाने वाले देश के तमाम वर्गों को नौकरियों में आरक्षण मुहैया करवाया जाएगा। इस घोषणा के बाद प्याज के दामों में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार की रात को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में यह योजना बनाई गई। इसमें तय किया गया कि जो भी परिवार यह हलफनामा देगा कि वह भविष्य में न तो अपने घर में प्याज खाएगा और न ही ढाबे या होटल में प्याज मांगकर ढाबे/होटल वालों को शर्मिंदा करेगा, वह ‘प्याज आधार’पर आरक्षण का पात्र समझा जाएगा। इस प्रावधान को लागू करने के लिए सरकार कल ही अध्यादेश ला सकती है।

(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। )


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सोमवार, 14 सितंबर 2020

#Hindi_Diwas : कमजोर हिंदी दिलवाले इसे ना पढ़ें, सुसाइड जैसी फीलिंग आ सकती है…!!


By Jayjeet


हिंदी सटायर डेस्क।
आज हिंदी दिवस है। आइए आज केंद्र सरकार के कुछ विभागों की वेबसाइट पर लिखी हिंदी को पढ़ने की कोशिश करते हैं। यकीन मानिए, आप वैसे ही बाल नोंचने की कोशिश करेंगे, जैसा कि चित्र में बताया गया है। कृपया कमजोर हिंदी दिल वाले न पढ़ें।

(मंत्रालयों/विभागों की साइट्स से हमने हूबहू कॉपी उठाई है।ये केवल कुछ उदाहरण हैं। अधिक के लिए खुद ट्राय कीजिए…)

सबसे पहले देश के शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से…(क्योंकि यहीं से हमें ज्ञान मिलता है)

मौजूदा क्षमताओं के आधार पर तथा बात को मान्यकता प्रदान करते हुए कि स्वंतंत्रता प्राप्ति के बाद शिक्षा संस्थापओं के वृहत नेटवर्क ने राष्ट्रे निर्माण में अत्यकधिक योगदान दिया है; राष्ट्रक उच्च्तर शिक्षा में उत्कृशष्टंता केन्द्रों के विस्ता्र एवं स्थामपना का दूसरा चरण प्रारंभ करने जा रहा है। यह अभिकल्प्ना की गई है कि इस वर्णक्रम के दोनों सिरों नामत: प्रारंभिक शिक्षा एवं उच्च‍तर/तकनीकी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण से शिक्षा में विस्ता र, समावेशन एवं उत्कृरष्टसता के लक्ष्यों् को प्राप्तव किया जा सकता है।

(अरे बाप रे… बोल्ड करते-करते थक गए। बोल्ड ही समझ में आया, बाकी तो पल्ले ही नहीं पड़ा। )

पासपोर्ट कार्यालय की वेबसाइट से … :

ऑनलाइन नियुक्ति प्रणाली पीएसके या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) में भीड़ से बचने और आवेदकों के लिए इंतज़ार न करना सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। नियुक्ति एक पीएसके या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) की हैंडलिंग क्षमता के अनुसार आवंटित कर रहे हैं और एक इलेक्ट्रॉनिक कतार प्रबंधन प्रणाली पर आधारित हैं। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में ऑनलाइन पंजीकरण भरने और ऑनलाइन आवेदन पत्र (वैकल्पिक रूप से, ई फार्म डाउनलोड भरने और ऑनलाइन पोर्टल पर ही अपलोड) प्रस्तुत करने, एक मुलाकात समयबद्धन और अंत में, पीएसके या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) जाने के लिए ये सभी कदम शामिल हैं|

अधिक जानकारी के लिए ऑनलाइन पोर्टल के मुख पृष्ठ पर ‘त्वरित गाइड’ के तहत ‘मुलाकात के लिए नयी प्रक्रिया’ लिंक पर क्लिक करके अनुभाग को देखें।

(जिस इंग्लिश सेक्शन से अनुवाद किया गया है, हमने उसका अनुवाद गूगल ट्रांसलेट पर डालकर देखा तो इससे कुछ बेहतर सामने आया। तो इसके लिए गूगल ट्रांसलेटर को भी दोष नहीं दिया जा सकता। )

दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से…

हम विश्व स्तर की दूरसंचार बुनियादी ढांचे और जुड़े नेशन “कभी भी, कहीं भी” देश के तेजी से सामाजिक – आर्थिक विकास को सक्षम बनाने सेवाओं के प्रावधान की सुविधा के माध्यम से दृष्टि को पूरा.

(अब इस पर क्या कमेंट करें? कमेंट करने लायक भी ना छोड़ा…। इसलिए हम इस मुद्दे को यही छोड़ रहे हैं, क्योंकि कुछ अनहोनी होने की फीलिंग आ रही है…)

(Disclaimer : इस हिंदी को पढ़कर अगर कोई सुसाइड करने की कोशिश करता है तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं रहेंगे। हमारा मकसद किसी को सुसाइड के लिए प्रेरित करना नहीं है।)


बुधवार, 2 सितंबर 2020

श्राद्ध पर क्यों गायब हो गए कौव्वे? खुद कौव्वे ने किया ऐसा खुलासा

कौवा , crow

हिंदी सटायर। मौका श्राद्ध का है। लेकिन इसके बावजूद कौव्वे कहीं नजर नहीं आ रहे। हाल ही में एक स्टडी में भी कहा गया है कि कौव्वे तेजी से लुप्त हो रहे हैं। लेकिन हमारे संवाददाता किसी तरह एक कौव्वे से टेलीफोनिक इंटरव्यू करने में सफल रहे। पेश हैं उसके मुख्य अंश :

हिंदी सटायर : आजकल कहां गायब हो गए हों?

कौव्वा: हम गायब नहीं हुए हैं, बल्कि श्राद्ध पक्ष में हमें छिपना पड़ रहा है। सेहत का जो सवाल है।

हिंदी सटायर : ऐसा क्यों?

कौव्वा:  पता नहीं कौन हमें पकड़कर खाना-वाना खिला दें?

हिंदी सटायर : अरे, कौव्वा भाई, वो तो सम्मान के रूप में आपको भोजन करवाते हैं? इसमें इतना क्यों अकड़ते हो?

कौव्वा:  हमारा भी पेट, दिल और किडनियां हैं। इंसान को अपनी फिकर नहीं है, हमें तो है। वे मिलावटी खाकर हार्ट और डायबिटीज के पेशेंट बन रहे हैं। हमें नहीं बनना। कोरोना काल अलग चल रहा है।

हिंदी सटायर : लेकिन इंसान तो आपको पितरों की तरह पूजकर भोजन करवाता है?

कौव्वा:  छोटा मुंह बड़ी बात। पर श्राद्ध का इंतजार क्यों करते हैं? जीते-जी जो असली पितर हैं, उन्हें भी थोड़ा अटेंशन दे दो भाई। फिर हमें भोजन करवाएं। तब हम भोजन ही नहीं करेंगे, आशीर्वाद भी देंगे, वादा रहा।



सोमवार, 31 अगस्त 2020

छह घंटे में राहुल गांधी के वीडियो पर एक भी लाइक नहीं, जानिए क्या है वजह?

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modi video unlike मोदी का वीडियो अनलाइक
30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कही थी। भाजपा के ऑफिशियल यू ट्यूब चैनल पर डले इस वीडियो पर लाइक्स से छह गुना ज्यादा अनलाइक्स आए हैं ( देखें तस्वीर, लाइक्स करीब 100 K, डिसलाइक्स 625 K)। लनलाइक की वजह से यह वीडियो जबरदस्त चर्चा में आ गया है।

लेकिन इतनी ही आश्चर्य की बात और भी है। 31 अगस्त को सुबह करीब 10 बजे राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था की बदहाली पर एक वीडियो डाला। उसे दोपहर में 12 बजे कांग्रेस के ऑफिशियल यू ट्यूब चैनल पर पोस्ट किया गया। शाम को 6 बजे तक यानी करीब 6 घंटे में उस पर न तो एक भी लाइक था और न ही डिसलाइक (देखें राहुल के वीडियो का स्क्रीन शॉट)

आखिर राहुल गांधी के वीडियो पर कोई भी प्रतिक्रिया क्यों नहीं है? इसकी वजह क्या है? humourworld की पड़ताल में पता चला है कि इसकी सीधी सी वजह यही है  कि कांग्रेस के जिन लोगों को चैनल पर जाकर राहुल का वीडियो लाइक करना था, वे सभी तो भाजपा के चैनल पर जाकर मोदी के वीडियो को अनलाइक करने में लगे थे।

#modi video #rahul gandhi

(Modi youtube video disliked my many, but rahul gandhi's video on economy also not liked even by a single people )


Joke : न्यूज चैनल के सामने दो घंटे रहने का खामियाजा!

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केले काफी कच्चे थे। तो जुगाड़ लगाई और उन्हें न्यूज चैनल के सामने रख दिया। मैं खुद दूसरे कमरे में क्वारंटीन हो गया। दो घंटे बाद देखा तो बेचारों की यह स्थिति हो गई थी...

😀😅🤓

रविवार, 30 अगस्त 2020

Humor : बेताल ने सुनाई सुशांत-रिया की कहानी, जानिए विक्रम ने क्या दिया जवाब!

 # vikram aur betaal  # Baital Pachchisi # Baital Pachisi # बेताल पच्चीसी  विक्रम और बेताल

By Jayjeet

बेताल आज विक्रम की बाइक पर कूदा तो कुछ परेशान था। विक्रम हौले-हौले बाइक चलाते रहा। उसे मालूम था कि भूत आया है तो कोई ऊटपटांग कहानी सुनाएगा ही, साथ में यह गीदड़ भभकी भी देगा ही कि अगर मैंने जवाब जानते हुए भी न दिया तो मेरी बाइक के टायर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे ...

लेकिन 15 मिनट हो गए, बेताल चुप की चुप। विक्रम ने बाइक की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी, शायद हवा चलने से बेताल का कुछ दिमाग खुले। बेताल धीरे से बुदबुदाया- टीवी चैनल वालों से पचा मारा। स्साले मुझसे भी बड़ेवाले स्टोरीटेलर हो गए। फिर थोड़ी ऊंची आवाज में विक्रम से बोला - विक्रम सुन, आज तुझे बहुत इंटरेस्टिंग कहानी सुनाता हूं, एक एक्टर, उसकी प्रेमिका और सुसाइड की कहानी। ऐसी कहानी जो तुने आज तक ना सुनी होगी।

विक्रम मुस्कुराया, पर बोला कुछ नहीं, क्योंकि बोलते ही हूं हूं करते हुए बेताल उड़ जाता और कहानी धरी की धरी रह जाती।

बेताल ने बोलना शुरू किया - कुछ माह पुरानी बात है। एक अभिनेता हुआ करता था, नाम था सुशांत सिंह राजपूत। रिया नाम की उसकी एक प्रेमिका थी .... और इसके बाद बेताल ने लाग-लपेटकर वह पूरी कहानी सुना दी जो उसने पिछले कुछ दिनों से न्यूज चैनलों पर सुन रखी थी, यह मानते हुए कि विक्रम तो कभी न्यूज चैनल देखता नहीं।

कहानी सुनाने के बाद बेताल ने अपनी चिर-परिचित शैली में पूछा - विक्रम बता कि उस अभिनेता ने वाकई सुसाइड किया था? अगर नहीं किया तो उसका मर्डर किसने किया होगा? इसमें उसकी प्रेमिका रिया का क्या हाथ है? अगर तू जानकर भी चुप रहा तो तेरी बाइक के टायर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे...

विक्रम एक मिनट के लिए चुप रहा और फिर बोला - सुन बेताल, मुझे सब मालूम है कि इस कहानी में क्या-क्या हुआ होगा। लेकिन अगर मैं आज बता दूं तो फिर उन न्यूज चैनलों का क्या होगा, जहां से तुने ये कहानी चुराई है। मैं एक राजा की आत्मा हूं और विक्रम का रिकॉर्ड रहा है कि उसने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। इसलिए जब तक न्यूज चैनलों के पास कोई और कहानी नहीं आ जाती या तैमूर का कोई भाई-बहन नहीं आ जाता, मैं उनके पेट पर लात नहीं मार सकता।

बेताल - वाह विक्रम, क्या राजा वाली बात कही। टीवी चैनलों ने तो पका मारा था, पर तुने मन प्रसन्न कर दिया। पर तू बोला और मैं चला ....

विक्रम (उड़ते हुए बेताल से चिल्लाकर बोला) - बेताल, अब किसी ऐसे घर की छत पर मत टंगना जहां दिनभर न्यूज चैनल चलता है... फिर मिलेंगे...।

# vikram aur betaal  #Baital Pachchisi # Baital Pachisi #बेताल पच्चीसी


विक्रम बेताल पार्ट 1 : बेताल ने विक्रम को सुनाई ट्रम्प के रहस्यमयी प्लान की कहानी

सोमवार, 24 अगस्त 2020

Funny Interview : कांग्रेस में कौन बन सकता है नया अध्यक्ष, राहुल के डॉगी PIDI ने किया खुलासा

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By Jayjeet

हिंदी सटायर डेस्क, दिल्ली। जैसे ही सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की और राहुल गांधी ने चिट्‌ठी लिखने वाले कांग्रेसियों को आढ़े हाथ लिया, किसी ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में रिपोर्टर लपककर पहुंच गया 10 जनपथ पर सीधे पीडी के पास। पीडी राहुल भैया का प्रिय डॉगी है। वह दो साल पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब राहुल ने कहा था कि उनके ट्वीटस पीडी ही करता है।

रिपोर्टर : पीडी भैया, उधर कांग्रेस में अफरातफरी मची है और इधर आप बड़े खुश नजर आ रहे हो?

पीडी: हां, राहुल भैया ने हमको तैयार रहने को कहा है।

रिपोर्टर : किस बात के लिए?

पीडी : शायद कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनने के लिए।

रिपोर्टर (जानबूझकर अनजान बनने का नाटक करते हुए) : क्यों भाई, ऐसा क्या हो गया?

पीडी : अरे आपको ना पता? किसने रिपोर्टर बना दिया! अभी कुछ देर पहले सोनिया मम्मा ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। और राहुल भैया और प्रियंका दीदी ने भी कह दिया है कि अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का बनेगा। तो बताओ, अब अध्यक्ष कौन बनेगा? है कोई?

रिपोर्टर : पर आप भी तो परिवार में ही रहते हो? यानी प्रैक्टिकली तो आप भी गांधी परिवार का ही हिस्सा हो। तो आप भी ऐलिजिबल कैसे हो जाआगे?

पीडी : आप भी क्या बात करते हों...  हम परिवार में जरूर रहते हैं, पर गांधी-नेहरू खानदान के थोड़े हुए।

रिपोर्टर : अच्छा, राहुल भैया ने आपको ही अध्यक्ष बनने के लिए तैयार रहने को क्यों कहा? आपमें ऐसी क्या योग्यता है?

पीडी : वफादारी, सबसे बड़ी योग्यता तो यही है। फिर मैं मम्मा, भैया और दीदी की ऑन डिमांड पर कभी भी दुम हिला सकता हूं। उनके तलवे भी मैं ही बड़े अच्छे से चाट सकता हूं।

रिपोर्टर : माफ करना पीडी भैया, अभी आपने मुझ पर ताना मारा था, लेकिन पता आपको भी कुछ नहीं है।

पीडी : ऐसा क्या पता नहीं है?

रिपोर्टर : आप जिस वफादारी की बात कर रहे हो ना, वह तो कांग्रेस में कई लोगों के पास है। दुम हिलाने वाले भी बहुत मिल जाएंगे और तलवे चाटने वाले भी।

पीडी : पर भैया, दो पैर वाले तो दो पैर के ही होते हैं। दो पैर वालों की वफा का भरोसा नहीं। देखा नहीं, अभी कैसे फटाक से चिट्ठी लिख मारी। ये कोई वफादारी है !! भला राहुल भैया को नाराज कर दिया। वफादारी में चार पैर वालों से टक्कर नहीं ले सकते आपके दो पैर वाले वफादार।

रिपोर्टर : पर दूसरे कांग्रेसी नेता आपको पार्टी का अध्यक्ष क्यों स्वीकार करेंगे?

पीडी : अरे, थोड़ी देर पहले आपने ही तो कहा था कि प्रैक्टिकली हम गांधी परिवार का हिस्सा है... इसलिए, समझें...

रिपार्टर कुछ और पूछें, इतने में पीडी के पास जमीन पर रखा मोबाइल बज उठा। स्क्रिन पर राहुल भैया नाम चमक रहा था। और पीडी भी जी भैया, जी भैया में बिजी हो गया... और यह रिपोर्टर भी अपनी दुम को समेटकर वापस आ गया, ब्रेकिंग न्यूज के साथ...

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गुरुवार, 20 अगस्त 2020

देखिए नई टाइप की स्मार्ट रोड : ग्राउंड वाॅटर रिचार्ज करेगी, आसान होंगे कई काम

 smart city and roads बारिश में सड़क


By Jayjeet

1. जैसा कि चित्र से स्पष्ट है, यह बारिश के दिनों में ग्राउंड वाॅटर को रिचार्ज करने का काम करेगी। इसके पीछ सोच यह है कि चूंकि अब जगह-जगह कांक्रटीकरण के कारण पानी को जमीन के भीतर जाने का मौका नहीं मिलता है। तो ऐसे में इस तरह की सड़कों के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाएं।

2. इस सड़क में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का यूज किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि अफसरों, इंजीनियरों और ठेकेदारों को सामग्री में मिलावट की मात्रा को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं होगी। यह काम सड़क खुद ही बहुत ही साइंटिफिक ढंग से कर लेगी।

3. AI के जरिए सड़क बादलों की डेंसिटी को देखकर पहले से ही उचित आकार के गड्‌ढों में तब्दील हो सकेगी, ताकि पानी की एक भी बूंद खराब न हो और वह सीधे जमीन में नीचे उतर सकें। सामान्य सड़क में पहली-दूसरी बारिश का पानी गड्‌ढे करने में ही व्यर्थ हो जाता है।

4. सड़क से जुड़े सभी नेताओं, इंजीनियरों, ठेकेदारों और अफसरों के बीच कमीशन का बंटवारा भी सड़क अपने आप डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम (DBT) के जरिए खुद ही कर देगी। इससे विभिन्न पक्षों के बीच किसी तरह का विवाद नहीं होगा।

5. जमीन के भीतर पर्याप्त पानी पहुंचाने के बाद बचे हुए पानी का इस्तेमाल यह सड़क बिजली बनाने में करेगी। अनुमान है कि ऐसी एक सड़क बारिश के हर सीजन में दस हजार वॉट तक अतिरिक्त बिजली का निर्माण कर सकेगी जो मुफ्त बांटने के काम आएगी।

#smart_city #satire #humor

यह भी पढ़ें ... एक्ट्रेस के मुंह से अचानक गिरा मास्क, चेहरा देखकर सदमे में आया कोरोना

UPSC Toppers Interview : नाम न छापने की शर्त पर एक यूपीएससी रैंकर ने दिया बेलाग इंटरव्यू

IAS officer


नई दिल्ली। यूपीएससी (UPSC) के रिजल्ट की घोषणा हो चुकी है। इसमें सिलेक्ट होकर टॉप 500 रैंक में रहने वाले एक बेहद टैलेंटेड Topper ने नाम नहीं छापने की शर्त पर hindisatire को दिया बेलाग इंटरव्यू। पेश हैं उसके मुख्य अंश:

सवाल: इस परीक्षा में बेहतरीन रैंक हासिल कर कैसा लग रहा है?

जवाब: बहुत अच्छा लग रहा है। मैं अपने सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गया हूं।

सवाल: कैसा सपना?

जवाब: जी, मेरा सपना है कि जैसे मेरे पूर्वजों ने इस देश को लूटा है, मैं भी उसमें अपना योगदान दे सकूं। भ्रष्टाचार करने में मैं नया कीर्तिमान बनाना चाहता हूं।

सवाल: अपने सपने को पूरा करने के लिए क्या कोई फ्रेमवर्क है?

जवाब: जी, अभी तो शुरुआत है। ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग का इंतजार करूंगा, फिर कोई प्लान बनाउंगा। हां, लेकिन चूंकि मेरे अपने परिवार में कई लोग सरकारी पदों पर रहे हैं। इसलिए उनकी ट्रेनिंग काफी मायने रखेगी और मुझे उम्मीद है कि अपने बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से मैं अपनी आने वाली सात पुश्तों के लिए काफी कुछ जोड़ सकूंगा।

सवाल: जब देश के आप जैसे क्रीम लोग ही भ्रष्टाचार करेंगे तो आम आदमी का क्या होगा?

जवाब: इस सवाल के जवाब में मेरा आपसे ही एक सवाल है। अगर क्रीम लोग भ्रष्टाचार नहीं करेंगे तो कौन करेगा? क्या आम लोगों और सामान्य बुद्धि वाले व्यक्ति में इतना कौशल व दम है? फिर देश का क्या होगा?

सवाल: आप जैसे कई चयनित उम्मीदवार पहले ही प्राइवेट सेक्टर में अच्छी नौकरी कर रहे हैं। खूब कमा रहे हैं और ईमानदारी से कमा रहे हैं। तो फिर आईएएस अधिकारी क्यों बनना चाहते हैं?

जवाब: अगर आप मेरा नाम छापते तो कहता कि मैं देशसेवा और आम लोगों की सेवा के लिए आईएएस अधिकारी बनना चाहता हूं। देश में बहुत गरीबी हैं, गरीबों का कल्याण इसी सेवा के माध्यम से हो सकता हूं। समाज में बदलाव के लिए, आदिवासियों के जीवन में सुधार के लिए काम करना चाहता हूं, वगैरह-वगैरह। पर आपने नाम न छापने की गारंटी दी है। इसलिए अपने दिल की बात करता हूं। यह ऐसी सर्विस है, जिसमें रहकर आपको वही सुखद एहसास होता है जैसा कभी दशकों पहले ब्रिटेन के गोरे शासकों को होता होगा। इसमें हमें खुद को राजा होने और आम लोगों के प्रजा होने का एहसास होता है। यह सबसे बड़ा एहसास है। आप जैसे आम लोग इसे महसूस भी नहीं कर सकते।

सवाल: तो क्या मान लें कि देश में अब कोई भी ईमानदार अफसर नहीं है? देश ईमानदार अफसरों के कलंक से मुक्त हो गया है?

जवाब: यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि अभी भी मुठ्ठीभर ऐसे नालायक ईमानदार अफसर हैं, जो केवल देश की सोचते हैं। मुझे आशंका है कि मेरे साथ की बैच में भी कुछ ऐसे अफसर जरूर होंगे। हमें इनसे जल्दी ही मुक्त होना होगा।

(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल सिस्टम पर कटाक्ष करना है, किसी टॉप रैंकर पर नहीं।) 

बुधवार, 19 अगस्त 2020

New Baital Pachchisi : बेताल ने विक्रम को सुनाई ट्रम्प के रहस्यमयी प्लान की कहानी

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By Jayjeet

विक्रम की आत्मा 24 अकबर रोड पर सुस्ताने को रुकी ही थी कि हमेशा की तरह बेताल फिर उसकी बाइक की पिछली सीट पर टपक पड़ा। विक्रम समझ गया, लो, भूत फिर आ गया। स्साला फिर वही ऊटपटांग कहानी, फिर वही गीदड़ भभकी कि अगर मैंने जानते हुए भी जवाब न दिया कि मेरी बाइक के टायर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे ...

मित्रो, कहानी को रोकते हुए कुछ बैकग्राउंड में चलते हैं। विक्रम की आत्मा पिछले कुछ दिनों से भारत में उतरी हुई है और इस समय दिल्ली में है। और जहां विक्रम है, वहां बेताल तो होगा ही। लेकिन विक्रम का रंग-रूप बदल गया है। फुल बाह की टीशर्ट-जिंस, हाथ में स्मार्ट फोन और धुआं उड़ाती बाइक। बेताल का रंग-ढंग वही है, वैसा ही भूत टाइपिया, लेकिन उसकी कहानियां बदल गई हैं। तो आइए सुनते हैं उसकी कहानियां और विक्रम के जवाब, इस नई बेताल माथापच्चीसी में...

तो आत्मा-ए-विक्रम की बाइक पर बैठते ही बेताल ने पहले तो गीदड़ भभकी दी। विक्रम ने कुटिल मुस्कान मारी जो मास्क के कारण बेताल को नजर न आई।

और शुरू हुई कहानी... सुन विक्रम। वैसे तो तू भी इस समय स्मार्टफोन के चाले में है और इसलिए तुझे सब पता ही होगा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं। वहां चुनावों में अब पांच माह से भी कम का वक्त बचा है। वहां जो सर्वे आए हैं, उनमें ट्रम्प भाईसाहब अपने विरोधी बाइडेन से बहुत पीछे चल रहे हैं। फिर बाइडेन उपराष्ट्रपति पद के लिए भारतीय मूल की कमला बाईजी को भी ले लाए हैं। ट्रम्प को सलाह दी गई कि अगर वे अमेरिका में भारतीयों पर फोकस करें तो बाइडेन की टक्कर में आ सकते हैं। जब ट्रम्प ने अपनी टीम से चर्चा की और पूछा कि इस संबंध में कौन हमारी मदद कर सकता है तो सभी हाथ उठा-उठाकर एक स्वर में चिल्लाने लगे - मोदी मोदी मोदी... । इसका मतलब यह है कि ट्रम्प को एक बार फिर से मोदी को यहां लाकर हाउडी मोदी जैसा कुछ करवाना होगा।

बेताल ने कहानी जारी रखी... लेकिन ट्रम्प तो ट्रम्प है। खुर्राट आदमी। उसने कहा- नहीं, अब हमारी स्थिति ऐसी नहीं रही कि हम थोड़ी-सी भी रिस्क उठाए। हमें ऐसा आदमी चाहिए जो 100 परसेंट हमें चुनाव जिताने की गारंटी देता हो। यह सुनकर उसके सारे सहयोगी बगलें झांकने लगे। उन्होंने तो यही नारा सुन रखा था कि मोदी है तो मुमकिन है। अब ये ट्रम्प साहब किस आदमी को लाने जा रहे हैं जो मोदी से भी बढ़कर हो और उन्हें चुनाव जितवा सके। फिर ट्रम्प ने जिस आदमी का नाम लिया, उसे सुनकर लोग हक्का-बक्का रह गए। कुछ लोग तो हंस के लोट-पोट भी हो गए। ट्रम्प से चिढ़ने वाले कुछ दरबारी तो आपस में यह भी कहने लगे कि हमने अब तक तो दूसरों से ही सुना था कि ट्रम्प पागल आदमी है। पर अब ये तो खुद ही अपने पर पागलपंथी की मोहर लगा रहा है। पर ट्रम्प के लिए तो ये था ट्रम्प कार्ड जो उसे चुनावों में जिताने की हंड्रेड परसेंट गारंटी दे रहा था।

इतनी कहानी सुनाने के बाद बेताल रुक गया। फिर बोला - विक्रम बता कि आखिर वह कौन हैं जिसका ट्रम्प ने नाम लिया और वह भी पूरे विश्वास के साथ। ट्रम्प की आखिर पूरी योजना क्या है। अगर तू जानकर भी चुप रहा तो तेरी बाइक के अगले टायर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे...

विक्रम एक मिनट के लिए चुप रहा। फिर उसने 24 अकबर रोड पर स्थित उस सुनसान और खंडहर इमारत पर एक नजर डाली जहां कई चमगादड़ उलटे लटके-लटके जुगाली कर रहे थे। फिर बोलना शुरू किया, 'सुन बेताल। ट्रम्प है तो बहुत शातिर पॉलिटिशयन। वह जानता है कि किस आदमी का इस्तेमाल कहां करना चाहिए। उसने मोदी के बजाय जिस आदमी को चुना, उसका नाम है राहुल गांधी। भारत में अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार उसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। ट्रम्प ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मोदी जहां ट्रम्प के लिए 99 फीसदी जीत की गारंटी है, बल्कि राहुल गांधी 101 परसेंट।

बेताल जो अमूमन कहानी सुनाने के बाद बोलता नहीं था, वह राहुल का नाम सुनकर ही बीच में बोल पड़ा- पर राहुल! वह खुद अपनी सीट जीत नहीं सकता, वह भला ट्रम्प को क्या जितवाएगा? इसका समाधान करो फटफटिए वाले राजन!

विक्रम ने बोलना जारी रखा - ट्रम्प राहुल के टैलेंट का इस्तेमाल अपने विरोधी बाइडेन के पक्ष में रैलियां आयोजित करने में करेगा। ट्रम्प जानता है कि राहुल बाबा बाइडेन के पक्ष में जितनी अधिक रैलियां करेंगे, उतना ही बाइडेन की स्थिति कमजोर होती जाएगी। इतना ही नहीं, ट्रम्प यह भी करेंगे कि राहुल गांधी उससे रोज ट्विटर पर सवाल भी पूछें और उनमें उसे खूब आड़े हाथ भी लें। इससे भी धीरे-धीरे ट्रम्प की स्थिति बेहतर होती जाएगी और बाइडेन की स्थिति कमजोर। और एक समय ऐसा भी आ सकता है कि ट्रम्प क्लीन स्विप ही कर जाए और बाइडेन का सूपड़ा साफ हो जाए।'

वाह, विक्रम की आत्मा, तूने जवाब तो सही दिया, पर मैंने पहले ही कहा था कि तू एक शब्द भी बोलेगा तो मैं उड़ जाऊंगा... तू बोला और मैं चला।

और बेताल 24 अकबर रोड स्थित उस खंडकर इमारत के एक कंगूरे पर जाकर उलटा लटक गया...

(Courtesy :  hindisatire.com )

रविवार, 16 अगस्त 2020

Joke : आखिर सच्चे योद्धा को मिला सम्मान

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विगत दिनों काफी कोरोना योद्धा सम्मान देखने को मिले..। कुछ वाकई दिए गए, कुछ बांटे भी गए... अंतत: दिल को थोड़ा सुकुन मिला, जब एक सच्चे योद्धा को हासिल हुआ ऐसा ही सम्मान 

#corona #jokes #humor

Humour : बाइडेन से पीछे चल रहे ट्रम्प ने अब राहुल गांधी से मांगी मदद, क्यों और कैसे? पढ़िए यहां

Trump Rahul Gandhi humor ट्रम्प राहुल गांधी जोक्स

By Jayjeet

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में अब पांच माह से भी कम का वक्त बचा है। हाल ही में हुए कई सर्वे में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में ट्रम्प ने अब राहुल गांधी से मदद लेने की योजना बनाई है। इस बीच, ट्रम्प की इस योजना की भनक लगते ही बाइडेन के खेमे में अफरातफरी का माहौल है।

क्या है ट्रम्प का ट्रम्प कार्ड? 
ट्रम्प की कोर टीम द्वारा बनाए गए प्लान के अनुसार राहुल गांधी अगले तीन माह तक अमेरिका में रहकर बाइडेन के पक्ष में जोरदार चुनावी रैलियां करेंगे। इसके अलावा वे ट्विटर पर एक्टिव रहकर रोजाना ट्रम्प से एक सवाल भी पूछेंगे। ट्रम्प के योजनाकारों के अनुसार इससे एक माह के भीतर ही ट्रम्प के खिलाफ बना माहौल पक्ष में हो जाएगा और चुनाव आते-आते वे क्लीन स्वीप करने की स्थिति में आ जाएंगे।

विरोधी खेमे में अफरातफरी, सदमे में बाइडेन
ट्रम्प की इस योजना की भनक लगते ही बाइडेन के खेमे में सन्नाटा खींच गया है। वहां से आ रही खबरों के अनुसार अगर ट्रम्प अपनी इस योजना में सफल हो गए तो बाइडेन के लिए चुनाव जीतना तो दूर, अपनी जमानत तक बचाना मुश्किल हो जाएगा। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार इससे बाइडेन गहरे सदमे में पहुंच गए हैं।

राहुल ने पूछा, कौन हैं बाइडेन?
इस बीच बाइडेन के लिए एक राहत की खबर भी है। राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के अनुसार ट्रम्प के इस प्रस्ताव के जवाब में राहुल ने पूछ लिया कि ये बाइडेन कौन हैं? राहुल के करीबी निजी सचिव कहा, 'राहुल भैया तब तक किसी के पक्ष-विपक्ष में नहीं बोलते, जब तक कि वे खुद उनके बारे में गूगल से पुख्ता जानकारी नहीं ले लेते।' ऐसे में बाइडेन खेमे को उम्मीद है कि पुख्ता जानकारी लेते-लेते अमेरिकी चुनाव ऐसे ही गुजर जाएंगे।

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

Jokes : शहरी बाढ़ जोड़ योजना के बारे में क्या ख्याल है?




पहले मुंबई की सड़कों पर बाढ़ आई, अब जयपुर की सड़कों पर... तो अब शहरी बाढ़ जोड़ योजना भी आ ही जानी चाहिए... 🧐🧐



#flood_Jaipur #jokes #humor


गुरुवार, 13 अगस्त 2020

Jokes : सचिन का प्लेन...


sachin-pilot-jokes


जयपुर के पास आज यह छकड़ा गाड़ी बरामद हुई है। आशंका जताई जा रही है कि सचिन पायलट इसे विमान समझकर उड़ाने का प्रयास कर रहे थे ... 

🧐🧐🤓

शनिवार, 8 अगस्त 2020

कोरोना वैक्सीन की ब्लैक मार्केट वाली कीमत भी तय करेगी सरकार, गरीबों के हितों का रखा जाएगा ध्यान

corona vaccine कोरोना वैक्सीन कीमत


By Jayjeet

हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन के जल्दी ही लॉन्च होने की संभावना को देखते हुए सरकार ने वैक्सीन को लेकर कालाबाजारियों की मनमानियों पर अंकुश लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। सरकार देश के प्रमुख कालाबाजारियों से चर्चा कर वैक्सीन की अलग-अलग श्रेणियों की कीमत फिक्स करेगी। देश के किसी भी कालाबाजार में उससे अधिक कीमत में वैक्सीन बेचे जाने को दंडनीय अपराध माना जाएगा।

हाल ही में कोरोनावायरस की दवा रेमडेसिवीर के कालाबाजार में 900 फीसदी तक ज्यादा दामों पर बेचे जाने की खबरों को देखते हुए सरकार वैक्सीन के मामले में कालाबाजारियों को खुली छूट देने के मूड में नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस बार समय रहते ही सरकार कालाबाजार में बिकने वाली वैक्सीन के दाम तय कर देगी, ताकि बाद में कालाबाजारिये मनमानी करके मुनाफाखोरी न कर सकें। जरूरत पड़ने पर संबंधित एक्ट में जरूरी संशोधन भी किए जाएंगे। वैक्सीन को निर्धारित ब्लैक मार्केट प्राइस से अधिक दाम में बेचे जाने को दंडनीय अपराध बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

अलग-अलग श्रेणियां निर्धारित की जाएंगी...
सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने कोरोना वैक्सीन के एक डोज की कीमत 225 रुपए तय की है। सरकार इसी कीमत को आधार बनाकर कालाबाजार में बिकने वाली वैक्सीन की कीमत तय करेगी। तुरंत वैक्सीन चाहने वालों को यह 2000 रुपए में उपलब्ध होगी। एक साल बाद की कीमत 1000 रुपए और दो साल बाद की कीमत 500 रुपए तय की जाएगी। कीमत तय करते समय गरीब तबकों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। गरीबों को तीन साल बाद केवल 25 रुपए के प्रीमियम पर यानी 250 रुपए में वैक्सीन उपलब्ध करवाना सभी कालाबाजारियों का सामाजिक दायित्व होगा।

(Disclaimer : यह सिस्टम पर व्यंग्य है, फेक न्यूज नहीं... )

#satire #Jayjeet #corona_vaccine

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गुरुवार, 6 अगस्त 2020

Satire : अब बनेगी ‘शहरी बाढ़ जोड़ योजना’, पहले चरण में जुड़ेगा गुड़गांव-मुंबई की सड़कों का पानी

heavy rains flood mumbai मुंबई में बाढ़

नई दिल्ली। देश के विभिन्न शहरों में भारी बारिश के बाद पैदा हुए बाढ़ के हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार 'शहरी बाढ़ जोड़ योजना' बनाने जा रही है। इसके तहत इन शहरों में भरे बारिश के पानी का सदुपयोग देश के विकास में किया जाएगा। इसके संकेत केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह ने दिए हैं।

यहां शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्हाेंने कहा , “इन दिनों जगह-जगह बाढ़ आई हुई है। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार के कई शहरों में बाढ़ आई हुई है। मुंबई तो बाढ़ के लिए फेमस है ही। इस दिशा में मप्र सरकार ने भी अच्छा काम किया है और अब भोपाल व इंदौर जैसे शहरों में भी बाढ़ आने लगी है।”

उन्होंने आगे कहा, “वाजपेयी सरकार ने कुछ साल पहले नदी जोड़ योजना बनाई थी। इसी तर्ज पर अब हम स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहरी बाढ़ जोड़ योजना लाने की प्लानिंग कर रहे हैं ताकि इन शहरों में भरे बारिश के पानी का सदुपयोग किया जा सके। पहले चरण में गुड़गांव और मुंबई शहरों की बाढ़ को जोड़ा जाएगा। अगले चरणों में बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरुम, भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों को शामिल किया जाएगा।”

#Flood #heavy_rains #humor #satire

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शनिवार, 1 अगस्त 2020

Humor : जब राफेल से मिलने पहुंच गए राहुल, जानिए फिर क्या हुई बातचीत …

 

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By Jayjeet

अंबाला। लंबे सफर के बाद एक लंबी नींद। नींद के बाद जैसे ही राफेल ने आंखें खोलीं, उसे सामने एक शख्स नजर आया। चेहरे पर मास्क था। इसलिए पहचानने में थोड़ी दिक्कत हुई। लेकिन राफेल कुछ बोले, उससे पहले ही उसे आवाज सुनाई दी- राफेल भैया, नमस्कार।


अब राफेल को पहचानने में देर ना लगी- अच्छा राहुल भैया आए हैं। और सुनाओ, कैसे आना हुआ।

राहुल : बस भैया, आपका नाम बहुत सुना था, तो सोचा खुद ही मिल आऊं..

राफेल : हां, नाम तो मैंने भी आपका बहुत सुन रखा है।

राहुल : अच्छा! क्या सुन रखा है मेरे बारे में?

राफेल : एक तो यह कि आप सवाल बहुत पूछते हों और सवाल पूछने के चक्कर में आपने एक बार यह सवाल भी पूछ डाला था कि राफेल नडाल पर सरकार इतना खर्च करने क्यों जा रही है?

राहुल : हां, याद आया। वो शुरू में हमारे सलाहकारों ने कुछ कन्फ्यूज कर दिया था। हमें लगा था कि सरकार देश में करोड़ों खर्च कर टेनिस प्लेयर राफेल नडाल को ला रही है। इस सरकार का कुछ भरोसा नहीं…

राफेल : भई, सरकार की तो हम ना जानें, हमें तो फ्रांस सरकार ने कहा कि इंडिया जाना है तो चले आए। पर आप मुझसे मिलने यहां क्यों चले आए?

राहुल : राफेल भैया, सबसे पहले तो हम आपको पोलाइटली क्लियर कर दें कि सवाल पूछने का काम हमारा है। पर आप हमारे मेहमान हैं तो आपके सवाल का जवाब दे देते हैं। हम तो बस ये पूछने आए थे कि आप हमसे नाराज तो नहीं हों?

राफेल : आपसे नाराज क्यों होने लगा भला?

राहुल : मैंने आपका नाम ले-लेकर काफी कुछ बोला हैं ना, इसलिए पूछ रहा हूं।

राफेल : अरे बाबा, मुझे क्या भाजपा के प्रवक्ता या मोदी के मंत्री समझ रखा है जो मैं आपकी हर बात को इतना सीरियसी लूंगा?

राहुल : मतलब भैया, आप नाराज नहीं हैं ना? बस यही सुनने आया था। आज मैं चेन से सो सकूंगा। कल तो मैं रातभर छत पर खड़े होकर बस आसमां की ओर ही देखता रहा कि कभी गुस्से में ऊपर से फट ना पड़ो… अच्छा चलता हूं। अब ना मिलेंगे…!