शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

खास बातचीत : कैसे ट्रम्प ने बापू के बंदर को भूखा रहने से बचा लिया…!

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By jayjeet

कल ट्रम्प साहब ने गांधी आश्रम में बापू के बंदरों से मुलाकात की थी। तो यह रिपोर्टर भी आज सुबह-सुबह बंदरों के पास पहुंच गया। लेकिन नजर एक ही आया और वह भी स्मार्टफोन पर व्यस्त था। रिपोर्टर को देखते ही उसने स्मार्टफोन बाजू में पटक दिया। मौका देखकर रिपोर्टर ने भी राम-शाम किए बगैर ही सवाल दाग दिया- स्मार्टफोन में क्या देख रहे हों बापू के बंदर जी?

बापू का बंदर : अखबारों के ई-पेपर्स देख रहा था। देख रहा था कि ट्रम्प की हमसे मुलाकात के बारे में क्या-क्या ऊटपटांग छपा अखबारों में?

रिपोर्टर : आपके बाकी दोनों साथी कहां हैं?

बापू का बंदर : कोई साथी-वाथी नहीं है। मैं अकेला ही हूं। समय-काल के हिसाब से पोश्चर बदलता रहता हूं। कभी मुंह बंद कर लेता हूं, कभी आंखें तो कभी कान।

रिपोर्टर : अच्छा तो आप गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले प्राणी हो?

बापू का बंदर : बेटा, ज्यादा मालूम ना हो तो मुंह बंद रखना चाहिए। आय-बाय-शाय कुछ बकना नहीं चाहिए। मुंह बंद रखने वाली पोजिशन का मैसेज तुम पत्रकारों के लिए ही है, समझें…

रिपोर्टर : मुझ पर नाराज क्यों हो रहे हों? बाकी पत्रकार लोग टीवी पर कुछ भी बके जाते हैं। उन्हें भी तो मैसेज दीजिए।

बापू का बंदर : उन्हें मैसेज देने का कोई मतलब नहीं रहा। इसलिए मैं ही अक्सर कान ढंकने वाले पोश्चर में रहने लगा हूं।

रिपोर्टर : अच्छा, ट्रम्प साहब आश्रम आए पर विजिटर बुक में बापू के बारे में कुछ भी ना लिखा। बुरा ना लगा?

बापू का बंदर :अच्छा ही हुआ, ना लिखा। नहीं तो आज बापू को ऊप्पर एक दिन के लिए पश्चात्ताप व्रत रखना पड़ता और यहां मुझे भी जबरदस्ती भूखे मरना पड़ता। करे कोई, भरे कोई…।

रिपोर्टर : ट्रम्प साहब ने कल चरखे जी से भी मुलाकात की थी। क्या बात हुई उन दोनों में?

बापू का बंदर : वैसे ट्रम्प साहब के आगमन पर चरखे जी का तो कल मौन व्रत था। इसलिए जो भी कहा, ट्रम्प ने ही कहा। ट्रम्प के मुंह से बस यही सुनने में आया कि चरखा चलाने से कहीं आसान तो लोगों को चलाना है।

रिपोर्टर : अब आखिरी सवाल…. अरे आपने तो कानों पर हाथ रख लिए…

बंदरजी ने गर्दन हिलाकर जाने का इशारा किया। बाहर जाकर देखा तो टीवी चैनलों पर आय-बाय-शाय शुरू हो चुकी थी…

(Disclaimer : इसका मकसद केवल हास्य-व्यंग्य करना है, किसी की मानहानि करना नहीं। )

सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

अहमदाबाद की दीवार ने गुस्से में क्यों कहा? मैं क्या कांग्रेस नजर आती हूं?

अहमदाबाद की दीवार

By Jayjeet

हिंदी सटायर डेस्क, अहमदाबाद। अहमदाबाद की दीवार से अब बात करने को कुछ बचा नहीं था। पर संपादक को पता नहीं, इस रिपोर्टर से क्यों उम्मीद थी कि बंदा कुछ तो नया लाएगा। तो भेज दिया उसी दीवार के पास जलील होने के लिए…

रिपोर्टर : दीवार जी दीवार जी, मैं रिपोर्टर फलानांचद, आपसे बात करनी है।
दीवार : अरे वाह, बड़ी जल्दी आ गए मुझसे बात करने!!

रिपोर्टर : आप मेरी तारीफ कर रही है या मेरे मजे ले रही है?
दीवार : अबे! पूरी दुनिया मुझसे बात करके चली गई। मुझ पर पता नहीं क्या-क्या लिखा जा चुका है। और तुम अब आ रहे हो?

रिपोर्टर : मैं क्या करता, दीवार जी। जरा बिजी था।
दीवार : ऐसी कौन-सी खबर थी जो मुझसे ज्यादा जरूरी थी?

रिपोर्टर : अब क्या बताएं। बाजू में वह पुराना खंडहर है ना, वहां भूत आ गया था। तो उसी भूत को कवर करने चला गया था।
दीवार : तो जाओ, भूत को ही कवर करो।

रिपोर्टर : आप भी तो भूत ही बनने वाली है। ट्रम्प साहब चले जाएंगे तो फिर आपको कौन पूछेगा भला? हे हे हे…
दीवार : तुम मुझसे बात करने आए हो तो सीधे से बात करो..इधर-उधर की क्यों फेंक रहे हो? और ये हंसने की क्या जरूरत है?

रिपोर्टर : जी, वही तो करने की कोशिश कर रहा हूं। अच्छा, पहला सवाल- इतनी फेमस होने पर आपको कैसा लग रहा है?
दीवार : अच्छा ही लग रहा है। मेहमाननवाजी में नवाचार शुरू हुआ है। हिंदुस्तान में यह पहला मौका है जब किसी मेहमान के आने पर दीवार बन रही है। नहीं तो रोड ही बनते आई है।

रिपोर्टर : कहा जा रहा है कि मोदीजी ने आपकी आड़ लेकर गरीबी छुपाने की कोशिश की है?
दीवार : देखिए, मैं कोई मोदी की अंधी भगत नहीं हूं। पर आप आंख खोलकर एक बात सोचिए। जो मोदी अपनी गरीबी नहीं छुपाते, बल्कि भर-भरके अपनी गरीबी का बखान करते हैं, वे भला दूसरों की गरीबी क्यों छुपाएंगे?

रिपोर्टर : तो फिर यह दीवार बनाई क्यों गई है? कोई तो कारण रहा होगा?
दीवार : चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए। चीन अगर 10 दिन में हॉस्पिटल बना सकता है तो हम भी 9 दिन में दीवार तो बना ही सकते हैं।

रिपोर्टर : जब ट्रम्प अहमदाबाद में आएंगे तो क्या वे आपसे भी मिलने आएंगे?
दीवार : देखो भाई, ये हाइपो थेटिकल टाइप के सवाल मुझे पसंद नहीं है। हां, मेरी डिजाइन उनकी डेस्क तक पहुंच चुकी है और जल्दी ही मैक्सिको की बॉर्डर पर वे इसी तरह की दीवार बनाने के निर्देश भी देने वाले हैं।

रिपोर्टर : सुना है, आपने ट्रम्प साहब की यात्रा के बाद खुद को हैरिटेज साइट में शामिल करवाने की लॉबिंग शुरू कर दी है?
दीवार : बस, तुम रिपोर्टर लोग सुनी-सुनाई बातों पर रिपोर्टिंग करते रहो। अरे, क्या मैं तुम्हें कांग्रेस नजर आ रही हो जो खुद को हैरिटेज में शामिल करवाने की बात करूं।

रिपोर्टर : अंतिम सवाल …
दीवार :तुम्हारा अंतिम सवाल हमेशा घटिया ही होता है। इसलिए अब कोई जवाब नहीं। धन्यवाद। मैं सोने जा रही हूं…

शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

निर्वाचन आयोग से कांग्रेस की मांग, चुनावों में हो ‘कांग्रेस आरक्षित सीटाें’ की व्यवस्था

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By Jayjeet

नई दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली चुनावों में हुई हार से बड़ा सबक लेते हुए आने वाले तमाम चुनावों में अपने लिए सीटें आरक्षित करने की मांग की। इस संबंध में बुधवार को पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर अपना मांग-पत्र भी सौंपा।

दिल्ली चुनावों में लगातार दूसरी बार जीरो स्कोर करने के बाद यहां मंगलवार की रात को कांग्रेस कोर कमेटी की एक आपातकालीन बैठक हुई। बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि अगर लोकसभा चुनाव सहित सभी राज्यों की विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ सीटें आरक्षित कर दी जाएं तो इससे भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक विरासत को बचाना संभव हो सकेगा। अगर निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की यह मांग मान ली तो जिस तरह एससी/एसटी सीटों पर केवल इन्हीं वर्गों के लोग चुनाव लड़ सकते हैं, उसी तरह कांग्रेस आरक्षित सीटों पर भी कांग्रेसियों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति होगी।

पार्टी को उम्मीद है कि इसी साल बिहार विधानसभा चुनावों से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। सूत्र ने बताया कि अगर निर्वाचन आयोग इस संबंध में कोई फैसला नहीं लेता है तो कांग्रेस व्यापक जनांदोलन छेड़ देगी। राहुलजी अगली छुट्टियां मनाकर जैसे ही विदेश से लौटेंगे, आंदोलन की रूपरेखा बना ली जाएगी। फिलहाल राहुलजी के जल्दी ही छुट्टियों पर जाने का इंतजार किया जा रहा है।

(खबरी व्यंग्य पढ़ने के लिए आप हिंदी खबरी व्यंग्यों पर भारत की पहली वेबसाइट http://www.hindisatire.com पर क्लिक कर सकते हैं।)

सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

Humor : कांग्रेस को कोई खरीददार न मिल रहा तो मैं क्या करूं? : ताजमहल

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By Jayjeet

कांग्रेस के वर्चुअल प्रेसिडेंट राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस आरोप के बाद कि समय आने पर वे यानी मोदीजी ताजमहल को भी बेच सकते हैं, रिपोर्टर ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में सीधे ताजमहल के पास पहुंच गया। आप भी पढ़ें रिपोर्टर-ताजमहल के बीच हुई बातचीत के मुख्य अंश :

रिपोर्टर : सलाम वालेकुम चच्चा।

ताजमहल : तुम टूरिस्ट लोग भी भोत तलते हों.. और ये अस्सलामु अलैकुम होता है.. तमीज़ सीख लो जरा..

रिपोर्टर : चच्चा, मैं टूरिस्ट नहीं, रिपोर्टर हूं रिपोर्टर

ताजमहल : भैया, माफ़ करना, मैं आपके लिए फ्री में ताज दीदार की व्यवस्था नहीं करवा सकता..

रिपोर्टर : चच्चा, मैं ताज देखने ना आया, मैं तो आपके इंटरव्यू के लिए आया हूं

ताजमहल : ओ हो, इंटरव्यू, वॉट एन आइडिया…

रिपोर्टर : अरे, आप तो अंग्रेजी भी बोल लेते हैं!

ताजमहल (शर्माते हुए) : बस, टूरिस्ट्स की संगत में सीख गया…अच्छा बताओ क्या पूछना है?

रिपोर्टर : कल राहुल गांधी बोले कि मोदीजी ताजमहल, मसलन आपको भी बेच सकते हैं। क्या कहना है आपका इस पर…?

ताजमहल : अब, ये तुम मुझे अपनी घटिया सियासत में तो मत ही घसीटो..

रिपोर्टर : ओ हो, तो क्या आपके जमाने में सियासत नहीं होती थी?

ताजमहल : हां, होती थी। बेटा पिता को कैद कर लेता था। देखा है मैंने। भाई भाई को मरवा देता था। यह भी देखा है। पर इतना घटियापन ना था जो आप लोगों की सियासत में है। जो भी था, खुल्ला खेल था। ऐसा ना कि बाहर कुछ और, अंदर कुछ और।

रिपोर्टर : पर राहुलजी ने आपका नाम लिया है। कुछ तो बोलो…

ताजमहल : अब क्या बोलूं, मोदी है तो मुमकिन है।

रिपोर्टर : क्या राहुल जी की पीड़ा यह तो नहीं कि वे कहना चाह रहे हो कि देखो, मोदी ताजमहल जैसी बासी चीजों को तो बेच रहे हैं, पर कांग्रेस की कोई वकत नहीं…

ताजमहल (थोड़ी नाराजगी के साथ) : अब तुम मुंह तो मत खुलवाओ, कांग्रेस के कोई भाव हो तो बिके?

रिपोर्टर : चच्चा, तो कांग्रेस क्या करें?

ताजमहल : क्या करें!! खुद को हैरिटेज पार्टी घोषित करवा लें, फिर देखो कांग्रेस हेड क्वार्टर कैसे टूरिस्ट प्लेस बन जाएगा। और एक दिन कांग्रेस के बिकने की बात भी होने लगेगी।

रिपोर्टर : यानी आपका यह कहना है कि कांग्रेस खुद ही बिकना चाहती है, पर कोई खरीददार न मिल रहा… मतलब ब्रेकिंग न्यूज… मैं चला…

ताजमहल (जोर से चिल्लाते हुए) : अबे चच्चा की औलाद, मैंने ये कब बोला…तू खुद ही बोल रहा है ये उल्टा-सीधा … और ये ब्रेकिंग व्रेकिंग में मेरा नाम न लेना… अपनी भी कोई इज्जत है…

पर रिपोर्टर तो फांदते-फूंदते यह चला, वह चला…

# tajmahal 

बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

क्रेकिंग इंटरव्यू… कांग्रेस को कोई खरीददार न मिल रहा तो मैं क्या करूं? : ताजमहल

ताजमहल से खास बातचीत…

ताजमहल


By Jayjeet

कांग्रेस के वर्चुअल प्रेसिडेंट राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस आरोप के बाद कि समय आने पर वे यानी मोदीजी ताजमहल को भी बेच सकते हैं, रिपोर्टर ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में सीधे ताजमहल के पास पहुंच गया। आप भी पढ़ें रिपोर्टर-ताजमहल के बीच हुई बातचीत के मुख्य अंश :

रिपोर्टर : सलाम वालेकुम चच्चा।

ताजमहल : तुम टूरिस्ट लोग भी भोत तलते हों.. और ये अस्सलामु अलैकुम होता है.. तमीज़ सीख लो जरा..

रिपोर्टर : चच्चा, मैं टूरिस्ट नहीं, रिपोर्टर हूं रिपोर्टर

ताजमहल : भैया, माफ़ करना, मैं आपके लिए फ्री में ताज दीदार की व्यवस्था नहीं करवा सकता..

रिपोर्टर : चच्चा, मैं ताज देखने ना आया, मैं तो आपके इंटरव्यू के लिए आया हूं

ताजमहल : ओ हो, इंटरव्यू, वॉट एन आइडिया…

रिपोर्टर : अरे, आप तो अंग्रेजी भी बोल लेते हैं!

ताजमहल (शर्माते हुए) : बस, टूरिस्ट्स की संगत में सीख गया…अच्छा बताओ क्या पूछना है?

रिपोर्टर : कल राहुल गांधी बोले कि मोदीजी ताजमहल, मसलन आपको भी बेच सकते हैं। क्या कहना है आपका इस पर…?

ताजमहल : अब, ये तुम मुझे अपनी घटिया सियासत में तो मत ही घसीटो..

रिपोर्टर : ओ हो, तो क्या आपके जमाने में सियासत नहीं होती थी?

ताजमहल : हां, होती थी। बेटा पिता को कैद कर लेता था। देखा है मैंने। भाई भाई को मरवा देता था। यह भी देखा है। पर इतना घटियापन ना था जो आप लोगों की सियासत में है। जो भी था, खुल्ला खेल था। ऐसा ना कि बाहर कुछ और, अंदर कुछ और।

रिपोर्टर : पर राहुलजी ने आपका नाम लिया है। कुछ तो बोलो…

ताजमहल : अब क्या बोलूं, मोदी है तो मुमकिन है।

रिपोर्टर : क्या राहुल जी की पीड़ा यह तो नहीं कि वे कहना चाह रहे हो कि देखो, मोदी ताजमहल जैसी बासी चीजों को तो बेच रहे हैं, पर कांग्रेस की कोई वकत नहीं…

ताजमहल (थोड़ी नाराजगी के साथ) : अब तुम मुंह तो मत खुलवाओ, कांग्रेस के कोई भाव हो तो बिके?

रिपोर्टर : चच्चा, तो कांग्रेस क्या करें?

ताजमहल : क्या करें!! खुद को हैरिटेज पार्टी घोषित करवा लें, फिर देखो कांग्रेस हेड क्वार्टर कैसे टूरिस्ट प्लेस बन जाएगा। और एक दिन कांग्रेस के बिकने की बात भी होने लगेगी।

रिपोर्टर : यानी आपका यह कहना है कि कांग्रेस खुद ही बिकना चाहती है, पर कोई खरीददार न मिल रहा… मतलब ब्रेकिंग न्यूज… मैं चला…

ताजमहल (जोर से चिल्लाते हुए) : अबे चच्चा की औलाद, मैंने ये कब बोला…तू खुद ही बोल रहा है ये उल्टा-सीधा … और ये ब्रेकिंग व्रेकिंग में मेरा नाम न लेना… अपनी भी कोई इज्जत है…

पर रिपोर्टर तो फांदते-फूंदते यह चला, वह चला…