थलाइवा अच्छे दिन लाने की मुहिम में व्यस्त, खुद इराक नहीं जाएंगे, केवल बंधकों की मुक्ति के लिए अपना क्लोन भेजेंगे
जयजीत अकलेचा / Jayjeet Aklecha
बगदाद/चेन्नई। इराक संकट से निपटने के लिए अमेरिका ने रजनीकांत से गुहार लगाई है। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि अब केवल रजनीकांत ही दुनिया को आतंकवाद के पंजों से बचा सकते हैं। इस पर रजनीकांत की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों के अनुसार वे पहले से ही देश में अच्छे दिन लाने की एक गोपनीय मुहिम में व्यस्त हैं। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि वे इस मामले में कितनी मदद कर पाएंगे।अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी सोमवार काे बगदाद पहुंचे और उन्होंने देश के हालात का जायजा लिया। जिस तरह से आतंकी संगठन आईएसआईएस लगातार इराक के शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है, उससे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अब इराक में अमेरिकी सेना को भेजने से भी कोई हल नहीं निकलेगा। उन्हाेंने इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी से भी मुलाकात की। मलिकी ने भी उन्हें सुझाया कि इस संकट से केवल और केवल रजनी सर ही बाहर निकाल सकते हैं। भारत के साथ अच्छे रिश्तों की दुहाई देते हुए उन्हाेंने जॉन केरी से आग्रह किया कि वे खुद रजनीकांत से बात कर उन्हें इस कार्य के लिए राजी करें।
इसके बाद केरी ने तत्काल टेलीफोन पर रजनीकांत से बात की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केरी ने उन्हें विश्व शांति का वास्ता देकर तत्काल इराक आने का आग्रह किया। इस पर रजनीकांत ने कहा कि इस छोटी-सी समस्या के लिए उन्हें इराक आने की जरूरत नहीं है। वे यहां चेन्नई से बैठकर ही इसका समाधान कर सकते हैं, लेकिन इस समय वे इससे भी बड़ी मुहिम में जुटे हुए हैं। उससे मुक्त होते ही वे आईएसआईएस को कुचल देंगे। हां, भारतीयों सहित अन्य तमाम बंधकों की रिहाई के लिए वे अपना क्लोन भेजने पर जरूर राजी हो गए हैं।
किस बड़ी मुहिम में जुटे हैं रजनी सर?
इराक संकट को सुलझाने से रजनीकांत के इनकार करने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिर वे इतने व्यस्त कहां हैं? अंदरखाने सूत्रों से पता चला है कि वे इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर अच्छे दिन लाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। रजनीकांत के बारे में उनके फैंस की धारणा है कि वे कोई भी कार्य चुटकियों में कर सकते हैं, लेकिन इस काम में उन्हें पसीना आ रहा है। उनके एक विरोधी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि अब थलाइवा को पता चलेगा आटे-दाल का भाव।
इराक संकट को सुलझाने से रजनीकांत के इनकार करने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिर वे इतने व्यस्त कहां हैं? अंदरखाने सूत्रों से पता चला है कि वे इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर अच्छे दिन लाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। रजनीकांत के बारे में उनके फैंस की धारणा है कि वे कोई भी कार्य चुटकियों में कर सकते हैं, लेकिन इस काम में उन्हें पसीना आ रहा है। उनके एक विरोधी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि अब थलाइवा को पता चलेगा आटे-दाल का भाव।