इस पोर्टल के नाम में भले ही 'Humour' हो, लेकिन यह गंभीर मुद्दे भी उठाता है, कभी कटाक्ष के तौर पर तो कभी बगैर लाग-लपेट के दो टूक। वैसे यहां हरिशंकर परसाई, शरद जोशी जैसे कई नामी व्यंग्यकारों के क्लासिक व्यंग्य भी आप पढ़ सकते हैं। फिर कुछ जोक्स, फनी आइटम तो हैं ही।
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सोमवार, 16 जून 2014
आशुतोष गोवारिकर बनाएंगे आम आदमी पार्टी पर पीरियड फिल्म!
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
रविवार, 15 जून 2014
फीफा विश्वकप में गेस्ट अपीयरेंस के रूप में जाएगी भारतीय फुटबाॅल टीम
- जाॅन अब्राहम हो सकते हैं कप्तान। धोनी, शाहरुख व आमिर से भी प्रदर्शन करने की उम्मीद
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
जाॅन ने प्रैक्टिस शुरू की।
रियो डी जेनेरियो/नई दिल्ली।
भारतीय फुटबाॅल प्रशंसकों के लिए एक अच्छी खबर है। फुटबाॅल वल्र्डकप में
भारत गेस्ट अपीयरेंस टीम के रूप में खेलेगा। भारत में फुटबाॅल के प्रति
भारी दीवानगी और इससे भी ज्यादा, बड़े बाजार के मद्देनजर फुटबाॅल की शीर्ष
संस्था फीफा ने टूर्नामेंट के दौरान भारत की भी उपस्थिति सुनिश्चित करने का
निर्णय लिया है। इसके लिए भारत से फिल्म स्टार जाॅन अब्राहम के नेतृत्व
में एक टीम शीघ्र ही ब्राजील भेजी जा सकती है।
फीफा के सूत्रों के अनुसार जिस तरह से आज भारतीय युवा अपना काम-धंधा छोड़कर रात काली कर रहा है और गैर टीमों के लिए दीवाना हुआ जा रहा है, उसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में आॅल इंडिया फुटबाॅल फेडरेशन को सूचित कर दिया गया है।
इधर, फेडरेशन ने इस बात की पुष्टि की है कि उसे फीफा के निर्णय की सूचना मिल चुकी है। लेकिन उसकी समस्या यह है कि इतनी जल्दी खिलाड़ियों को कैसे जुटाया जाए। राष्ट्रीय टीम के कई खिलाड़ी अलग-अलग काम-धंधों में अलग-अलग शहरों में लगे हुए हैं। समर वैकेशन होने के कारण इस समय उन्हें रेलवे रिजर्वेशन भी मिलना मुश्किल होगा। इसलिए दिल्ली में एकत्र होकर एक साथ रियो जाने में दिक्कत आ सकती है। समस्या यह भी है कि फेडरेशन के अधिकारियों के पास कई खिलाड़ियो के कान्टैक्ट नंबर भी नहीं हैं। इसके अलावा पासपोर्ट की भी दिक्कत हो सकती है। फेडरेशन को अभी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि कितने राष्ट्रीय खिलाड़ियों के पास पासपोर्ट हैं और कितनों के पास नहीं।
जाॅन अब्राहम आगे आए: फेडरेशन की इस दिक्कत को दूर करने के लिए जाॅन अब्राहम ने पहल की है। उन्होंने कहा है कि वे बाॅलीवुड के ऐसे कई लोगों को जानते हैं जिनकी फुटबाॅल में दिलचस्पी है। उनके पास पासपोर्ट भी हैं। उन्हें प्रदर्शन करने का शौक भी है। ये लोग वहां भारतीय फुटबाॅल टीम का प्रतिनिधित्व कर सकते/सकती हैं। अब्राहम ने तो यहां तक कहा कि वे महेंद्र सिंह धोनी को गोलकीपिंग के लिए राजी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि ‘चक दे इंडिया’ में शाहरुख खान और ‘लगान’ में आमिर खान ने भी अच्छे खेल का प्रदर्शन किया था। उन्हें उम्मीद है कि देशहित में ये भी खेल प्रदर्शन को तैयार हो जाएंगे और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।
इस बीच, वेटरन स्टार अनिल कपूर ने एक ट्वीट करके कहा है कि उन्होंने फिल्म ‘साहेब’ में फुटबाॅलर का रोल निभाया था। इसलिए उन्हें भी भारतीय फुटबाॅल टीम की ओर से प्रदर्शन करने में खुशी होगी।
फीफा के सूत्रों के अनुसार जिस तरह से आज भारतीय युवा अपना काम-धंधा छोड़कर रात काली कर रहा है और गैर टीमों के लिए दीवाना हुआ जा रहा है, उसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में आॅल इंडिया फुटबाॅल फेडरेशन को सूचित कर दिया गया है।
इधर, फेडरेशन ने इस बात की पुष्टि की है कि उसे फीफा के निर्णय की सूचना मिल चुकी है। लेकिन उसकी समस्या यह है कि इतनी जल्दी खिलाड़ियों को कैसे जुटाया जाए। राष्ट्रीय टीम के कई खिलाड़ी अलग-अलग काम-धंधों में अलग-अलग शहरों में लगे हुए हैं। समर वैकेशन होने के कारण इस समय उन्हें रेलवे रिजर्वेशन भी मिलना मुश्किल होगा। इसलिए दिल्ली में एकत्र होकर एक साथ रियो जाने में दिक्कत आ सकती है। समस्या यह भी है कि फेडरेशन के अधिकारियों के पास कई खिलाड़ियो के कान्टैक्ट नंबर भी नहीं हैं। इसके अलावा पासपोर्ट की भी दिक्कत हो सकती है। फेडरेशन को अभी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि कितने राष्ट्रीय खिलाड़ियों के पास पासपोर्ट हैं और कितनों के पास नहीं।
जाॅन अब्राहम आगे आए: फेडरेशन की इस दिक्कत को दूर करने के लिए जाॅन अब्राहम ने पहल की है। उन्होंने कहा है कि वे बाॅलीवुड के ऐसे कई लोगों को जानते हैं जिनकी फुटबाॅल में दिलचस्पी है। उनके पास पासपोर्ट भी हैं। उन्हें प्रदर्शन करने का शौक भी है। ये लोग वहां भारतीय फुटबाॅल टीम का प्रतिनिधित्व कर सकते/सकती हैं। अब्राहम ने तो यहां तक कहा कि वे महेंद्र सिंह धोनी को गोलकीपिंग के लिए राजी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि ‘चक दे इंडिया’ में शाहरुख खान और ‘लगान’ में आमिर खान ने भी अच्छे खेल का प्रदर्शन किया था। उन्हें उम्मीद है कि देशहित में ये भी खेल प्रदर्शन को तैयार हो जाएंगे और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।
इस बीच, वेटरन स्टार अनिल कपूर ने एक ट्वीट करके कहा है कि उन्होंने फिल्म ‘साहेब’ में फुटबाॅलर का रोल निभाया था। इसलिए उन्हें भी भारतीय फुटबाॅल टीम की ओर से प्रदर्शन करने में खुशी होगी।
सेंसर बोर्ड ने ‘मछली जल की रानी है’ को चिल्ड्रन्स फिल्म की कैटेगरी में डाला
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
मुंबई। केंद्रीय सेंसर बोर्ड ने अपने एक अहम फैसले में ‘मछली जल की रानी है’ फिल्म के लिए नई कैटेगरी बनाते हुए उसे ‘यू यू’ सर्टिफिकेट दिया है। फिल्म की मीडिया में छपी समीक्षाओं के बाद सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने इसे देखा और पाया कि यह फिल्म केवल पांच से दस साल की उम्र तक के छोटे बच्चों को ही डरा सकती है। इसलिए उसे बच्चों की हाॅरर कैटेगरी की फिल्म में रखा जाना चाहिए। इसी वजह से एक नई कैटेगरी भी बनानी पड़ी है।
सेंसर बोर्ड के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले बोर्ड ने केवल फिल्म के पोस्टर ही देखे थे और उसके आधार पर उसे डरावनी मानकर ‘ए’ (केवल वयस्कों के लिए) सर्टिफिकेट जारी कर दिया। लेकिन बाद में बोर्ड के सदस्यों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने शनिवार रात को इस फिल्म को देखा। बोर्ड के अधिकांश सदस्यों का मानना था कि फिल्म इतनी बच्चों जैसी है कि इससे शायद आजकल के बड़े बच्चे भी नहीं डरेंगे। ये बच्चे इससे ज्यादा भयावह दृश्य वीडियो गेम्स में देख लेते हैं। इसलिए इसे डबल यू कैटेगरी में रखकर पांच से दस साल की उम्र तक के बच्चों के देखने के लिए अनुशंसित किया गया है। बोर्ड के सदस्यों के अनुसार इससे फिल्म निर्माताओं को भी राहत मिलेगी, क्योंकि इससे उन्हें कुछ ऐसे दर्शक मिल जाएंगे जिन्हें फिल्म देखते समय थोड़ा डर लगेे। बोर्ड के एक सदस्य के इस सुझाव को खारिज कर दिया गया कि फिल्म की शुरुआत में ‘मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है’ गाना डालना चाहिए ताकि अभिभावक बच्चों को फिल्म दिखाने के लिए प्रेरित हो सकें। बोर्ड के अनुसार इस गाने को डालने से फिल्म पीरियड कैटेगरी में चली जाएगी।शनिवार, 14 जून 2014
पाकिस्तान ने सीमा पर की भारी फूलबारी
- रिहाइशी इलाकों में कमल के फूल गिरने से कई नागरिकों के इमोशनली हताहत होने की खबर
- पाकिस्तान सेना ने इस घटना के दिए इंटरनल जांच के आदेश
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
जम्मू। पाकिस्तान ने शनिवार सुबह एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन सीमा पर तैनात भारतीय सैनिक उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब उन्हें अपनी ओर फूल आते हुए दिखे। कश्मीर के रजौरी, पुंछ और मेंढर सेक्टरों में करीब तीन घंटे तक फूलबारी चलती रही। इस घटना से परेशान पाकिस्तान सेना ने मामले की इंटरनल जांच के आदेश दे दिए हैं।
सुबह सात बजे शुरू हुई यह फूलबारी दस बजे तक चलती रही। दिन में भी छिटपुट फूल इधर-उधर गिरते रहे। कमल के कई फूल रिहाइशी इलाकों मेें भी गिरे हैं, जिनसे कुछ नागरिकों के इमोशनली हताहत होने की खबर है। भारतीय सेना ने भी इस फूलबारी का जमकर जवाब दिया और चमेली व गुलाब के फूल बरसाए।
दोनों देशों के राजनयिक गलियारों में इस बात पर चर्चा है कि आखिर पाकिस्तान की तरफ से दो दिन से चल रही गोलीबारी अचानक फूलबारी में कैसे बदल गई। राजयनिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना मुख्यालय के वाॅर रूम में जाकर हालात का जायजा लिया था। इसी से पाकिस्तान को डर लगा होगा और उसने अपना पैंतरा बदल डाला। हालांकि आगे भी ऐसा चलेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां के अतिवादी तत्व इस फूलबारी पर कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
नवाज के लोगों ने हथियारों में डाले फूल!
इधर, पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल ने यह सनसनीखेज खुलासा करके मामले को सियासी तूल दे दिया है कि भारत के साथ संबंध सुधारने की बदनियत से वजीरे-आजम नवाज शरीफ ने ही अपने कुछ खास लोगों की मदद से सीमा पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों की बंदूकों और मोर्टार में गोला-बारूद के स्थान पर फूल भरवा दिए थे। इसमें भी कमल के फूल ज्यादा थे, ताकि वे जहां भी गिरे तो अधिक से अधिक लोगों को इमोशनली हताहत कर सकें। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए आतंकी सरगना और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने इसे पाकिस्तानी अवाम के साथ गद्दारी करार दिया है। हालांकि वहां के अमन-पसंद तबकों में इसकी अच्छी प्रतिक्रिया आई है। ‘अमन का पैगाम’ नामक संगठन के अध्यक्ष डाॅ जमालउद्दुीन ने कहा, ‘अगर यह काम नवाज शरीफ ने किया है तो हमें इसकी सराहना करनी चाहिए। मुझे तो आश्चर्य इस बात का हो रहा है कि आखिर शरीफ साहब में इतनी हिम्मत कहां से आ गई। जो भी हुआ, अच्छा संकेत है।’
इस मामले में शरीफ सरकार के प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उधर, पाकिस्तानी सेना के अधिकारी इस पूरे मामले की इंटरनल जांच में लग गए हैं।
- पाकिस्तान सेना ने इस घटना के दिए इंटरनल जांच के आदेश
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
भारतीय सेना द्वारा बरामद असला। |
जम्मू। पाकिस्तान ने शनिवार सुबह एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन सीमा पर तैनात भारतीय सैनिक उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब उन्हें अपनी ओर फूल आते हुए दिखे। कश्मीर के रजौरी, पुंछ और मेंढर सेक्टरों में करीब तीन घंटे तक फूलबारी चलती रही। इस घटना से परेशान पाकिस्तान सेना ने मामले की इंटरनल जांच के आदेश दे दिए हैं।
सुबह सात बजे शुरू हुई यह फूलबारी दस बजे तक चलती रही। दिन में भी छिटपुट फूल इधर-उधर गिरते रहे। कमल के कई फूल रिहाइशी इलाकों मेें भी गिरे हैं, जिनसे कुछ नागरिकों के इमोशनली हताहत होने की खबर है। भारतीय सेना ने भी इस फूलबारी का जमकर जवाब दिया और चमेली व गुलाब के फूल बरसाए।
दोनों देशों के राजनयिक गलियारों में इस बात पर चर्चा है कि आखिर पाकिस्तान की तरफ से दो दिन से चल रही गोलीबारी अचानक फूलबारी में कैसे बदल गई। राजयनिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना मुख्यालय के वाॅर रूम में जाकर हालात का जायजा लिया था। इसी से पाकिस्तान को डर लगा होगा और उसने अपना पैंतरा बदल डाला। हालांकि आगे भी ऐसा चलेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां के अतिवादी तत्व इस फूलबारी पर कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
नवाज के लोगों ने हथियारों में डाले फूल!
इधर, पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल ने यह सनसनीखेज खुलासा करके मामले को सियासी तूल दे दिया है कि भारत के साथ संबंध सुधारने की बदनियत से वजीरे-आजम नवाज शरीफ ने ही अपने कुछ खास लोगों की मदद से सीमा पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों की बंदूकों और मोर्टार में गोला-बारूद के स्थान पर फूल भरवा दिए थे। इसमें भी कमल के फूल ज्यादा थे, ताकि वे जहां भी गिरे तो अधिक से अधिक लोगों को इमोशनली हताहत कर सकें। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए आतंकी सरगना और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने इसे पाकिस्तानी अवाम के साथ गद्दारी करार दिया है। हालांकि वहां के अमन-पसंद तबकों में इसकी अच्छी प्रतिक्रिया आई है। ‘अमन का पैगाम’ नामक संगठन के अध्यक्ष डाॅ जमालउद्दुीन ने कहा, ‘अगर यह काम नवाज शरीफ ने किया है तो हमें इसकी सराहना करनी चाहिए। मुझे तो आश्चर्य इस बात का हो रहा है कि आखिर शरीफ साहब में इतनी हिम्मत कहां से आ गई। जो भी हुआ, अच्छा संकेत है।’
इस मामले में शरीफ सरकार के प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उधर, पाकिस्तानी सेना के अधिकारी इस पूरे मामले की इंटरनल जांच में लग गए हैं।
शुक्रवार, 13 जून 2014
एक यूपीएससी रैंकर का बेलाग इंटरव्यू
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के रिजल्ट की घोषणा के तत्काल बाद हमने कुछ टाॅपर्स से बात की। इनमें से उच्च रैंक पाने वाले एक परीक्षार्थी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दिया बेलाग इंटरव्यू। पेश हैं उसके मुख्य अंश:
सवाल: इस परीक्षा में बेहतरीन रैंक हासिल कर कैसा लग रहा है?
जवाब: बहुत अच्छा लग रहा है। मैं अपने सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गया हूं।
सवाल: कैसा सपना?
जवाब: जी, मेरा सपना है कि जैसे मेरे पूर्वजों ने इस देश को लूटा है, मैं भी उसमें अपना योगदान दे सकूं। भ्रष्टाचार करने में मैं नया कीर्तिमान बनाना चाहता हूं।
सवाल: अपने सपने को पूरा करने के लिए क्या कोई फ्रेमवर्क है?
जवाब: जी, अभी तो शुरुआत है। ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग का इंतजार करूंगा, फिर कोई प्लान बनाउंगा। हां, लेकिन चूंकि मेरे अपने परिवार में कई लोग सरकारी पदों पर रहे हैं। इसलिए उनकी ट्रेनिंग काफी मायने रहेगी और मुझे उम्मीद है कि अपने बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से मैं अपनी आने वाली सात पुश्तों के लिए काफी कुछ जोड़ सकूंगा।
सवाल: आपके इरादे तो काफी नेक हैं। लेकिन हम यहां डरते-डरते एक सवाल करना चाहेंगे। क्या आपको इस बात का डर नहीं लगता है कि अगर आप भ्रष्टाचार करते हुए पकड़े गए तो आपका क्या होगा?
जवाब (हंसते हुए): आप भी कैसी बच्चों जैसी बात करते हैं। इस देश में नेताओं के बाद अधिकांश भ्रष्टाचार बड़े अफसर करते हैं। वे पकड़े तो जाते हैं, लेकिन कुछेक मामलों को छोड़ दे तो उनमें से कितने जेल गए! मैं आज ही अखबार में पढ़ रहा था कि मप्र में भ्रष्टाचार के आरोपी जोशी दंपती जल्दी ही रिटायर हो जाएंगे। फिर क्या होगा? कुछ नहीं ना!
सवाल: जब देश के क्रीम लोग ही भ्रष्टाचार करेंगे तो आम आदमी का क्या होगा?
जवाब: इस सवाल के जवाब में मेरा आपसे ही एक सवाल है। अगर क्रीम लोग भ्रष्टाचार नहीं करेंगे तो कौन करेगा? क्या आम और सामान्य बुद्धि वाले व्यक्ति में इतना कौशल व दम है? फिर देश का क्या होगा?
सवाल: आप जैसे कई चयनित उम्मीदवार पहले ही प्राइवेट सेक्टर में अच्छी नौकरी कर रहे हैं। खूब कमा रहे हैं और ईमानदारी से कमा रहे हैं। तो फिर आईएएस अधिकारी ही क्यों बनना चाहते हैं?
जवाब: अगर आप मेरा नाम छापते तो मैं कहता कि मैं देशसेवा और आम लोगों की सेवा के लिए आईएएस अधिकारी बनना चाहता हूं। देश में बहुत गरीबी हैं, गरीबों का कल्याण इसी सेवा के माध्यम से हो सकता हूं। चूंकि आपने नाम न छापने की गारंटी दी है। इसलिए अपने दिल की बात करता हूं। यह ऐसी सर्विस है, जिसमें रहकर आपको वही सुखद एहसास होता है जैसा कभी दशकों पहले ब्रिटेन के गोरे शासकों को होता होगा। इसमें हमें खुद को राजा होने और आम लोगों के प्रजा होने का एहसास होता है। यह सबसे बड़ा एहसास है। आप जैसे लोग इसे महसूस भी नहीं कर सकते।
सवाल: तो क्या मान लें कि देश में अब कोई भी ईमानदार अफसर नहीं है? देश ईमानदार अफसरों के कलंक से मुक्त हो गया है?
जवाब: यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि अभी भी मुठ्ठीभर ऐसे नालायक ईमानदार अफसर हैं, जो केवल देश की सोचते हैं। मुझे आशंका है कि मेरे साथ की बैच में भी कुछ ऐसे अफसर जरूर होंगे। हमें इनसे जल्दी ही मुक्त होना होगा।
न रहेगा पेड़, न लटकेगी लाश
उप्र सरकार ने राज्य के सभी ग्रामीण अंचलों में पेड़ों को काटने के दिए निर्देश
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
वाट अ आइडिया सरजी!
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में युवतियों व छात्राओं के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर शव को पेड़ों से लटकाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर अखिलेश सरकार ने ग्रामीण अंचलों से सभी पेड़ों का सफाया करने का निर्देश जारी कर दिया है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश में हो रही ऐसी नृृशंस घटनाओं में कमी आएगी।मुख्यमंत्री ने यह फैसला गुरुवार रात को नई दिल्ली से लौटने के बाद तब लिया जब उन्हें बताया गया कि मुरादाबाद जिले के एक गांव में भी एक छात्रा से रेप पर उसका शव पेड़ से लटका दिया गया। पिछले दस दिन में यह ऐसी छठी घटना है, जिसमें किसी युवती का शव पेड़ से लटका मिला है। अभी केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही पेड़ काटे जाएंगे, क्योंकि सभी घटनाएं वहीं हुई हैं। लेकिन अगर ऐसी घटनाओं का विस्तार शहरों में भी होता है तो सरकार वहां भी कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।
कवि अफसर की कल्पना: सूत्रों ने बताया कि पेड़ काटने का आइडिया मुख्यमंत्री को राज्य के एक आला अफसर ने दिया। ये अफसर हिंदी के बड़े विद्वान हैं और कवि होने के नाते स्वयं को कोमल हृदय का मानते हैं। इस अफसर ने ‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी’ की तर्ज पर मुख्यमंत्री को इस बात के लिए कन्विंस कर लिया कि अगर राज्य में पेड़ ही नहीं रहेंगे तो ऐसी घटनाएं भी नहीं होंगी। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री को पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ कि राज्य में इतने काबिल अफसर भी हैं। उन्होंने इस अफसर को पुरस्कारस्वरूप आउट आॅफ टर्न प्रमोशन देने के साथ-साथ एक हफ्ते के लिए छुट्टियां बिताने ब्राजील भेज दिया है। वे वहां फुटबाॅल मैचों के साथ सांभा डांस का लुत्फ उठा सकेंगे।
गुरुवार, 12 जून 2014
सईद को पवार के साथ अपनी तुलना रास नहीं आई
इस मामले को मोदी के सामने उठा सकती है शरीफ सरकार
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
यह अच्छी बात नहीं है! |
इस्लामाबाद। जमात-उद-दावा के प्रमुख और पाकिस्तानी आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उद्धव ने कहा है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इन दिनों हाफिज की भाषा बोल रहे हैं।
जमात-उद-दावा के एक प्रवक्ता ने अबोटाबाद में कहा है कि कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठन शिवसेना के मुखपत्र में यह लिखना बेहद आपत्तिजनक है कि शरद पवार अपना संतुलन खो चुके हैं और सईद की तरह बोल रहे हैं। पवार के साथ सईद की यह तुलना हमें मान्य नहीं है। इससे पहले इस्लामाबाद में जमात-उद-दावा के समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के विरोध में प्रदर्शन किया और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के ई-पेपर की प्रतियां जलाई। उद्धव ने सामना में ही लिखी अपनी संपादकीय टिप्पणी में यह तुलना की थी।
पाक सेना ने भी गंभीर माना:
इस बीच, लाहौर से प्रकाशित दैनिक ‘गजवा टाइम्स’ में छपी एक खबर के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने उद्धव के इस आरोप को गंभीरता से लिया है। इसमें एक उच्च पदस्थ सूत्र के हवाले से लिखा गया है कि सेना ने इस पूरे प्रकरण पर हाफिज सईद को ही तलब कर उससे सफाई मांग ली है। सेना का कहना है कि भारत के एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ इस तरह की तुलना गलत है और इसका अच्छा संकेत नहीं गया है। रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि सेना ने नवाज शरीफ सरकार से इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अगली बैठक में उठाने को कहा है। गौरतलब है कि शिवसेना भी मोदी सरकार का एक प्रमुख साझेदार है।
बुधवार, 11 जून 2014
वेदव्यास पर नई महाभारत लिखने का दबाव बढ़ा
मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा संसद में 44 पांडवों वाले बयान से देवलोक में मची खलबली
देवलोक से विशेष संवाददाता।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा संसद में कांग्रेस सांसदों को
परोक्ष रूप से 44 पांडव बताने के बाद महाभारत के रचियता वेदव्यास पर नई
महाभारत रचित करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। देवलोक में प्रगतिशील धड़े से
ताल्लुक रखने वाले लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को वेदव्यास से
मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा और बदलते समयानुसार नवीन महाभारत
की रचना करने का आग्रह किया। उधर, बजरंग दल की देवलोक शाखा ने कांग्रेस
नेता के बयान को हिंदू संस्कृति के लिए अपमानजनक बताते हुए कांग्रेस का
बैनर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के कारण कुछ देवताओं के रथों
को भी नुकसान पहुंचा।
देवलोक के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार धरती पर संसद में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा 44 पांडवों की बात को प्रभु कृष्ण ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस संबंध में फोन पर वेदव्यासजी से चर्चा की। हालांकि माना जा रहा है कि वेदव्यासजी ने प्रभु से कहा है कि 44 पांडवों वाली नई महाभारत लिखना मुश्किल तो नहीं है, लेकिन संसद में नेताओं का भरोसा क्या! कल अगर मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी को चार पांडवों वाली पार्टी बता देंगे तो फिर क्या और नए सिरे से महाभारत लिखेंगे! वेदव्यास द्वारा ‘यादव’ शब्द पर ज्यादा जोर देने से प्रभु नाराज भी हुए। सू़त्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस नेता के नाम में ‘अर्जुन’ जुड़ा होने के कारण प्रभु थोड़े भावुक से हो रहे हैं और उन्होंने वेदव्यासजी से कोई रास्ता निकालने को कहा है। इस बीच, वेदव्यासजी ने दबाव पड़ने की स्थिति में एक कान्टनजेंसी प्लान पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहानी में सब-पांडवाज (उप पांडवों) की एक श्रेणी जोड़ने की योजना बना ली है।
पांडव ‘वेट एंड वाॅच’ की स्थिति में: पांडव वेट एंड वाॅच की स्थिति में हैं। युधिष्ठिर ने देवलोक में एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि अगर वेदव्यासजी 44 पांडवों वाली नई महाभारत लिखते हैं तो यह धर्म के खिलाफ होगा और वे इसका विरोध करेंगे। हालांकि इसमें स्वयं कृष्ण द्वारा रुचि लेने की बात पर वे बोले कि अगर ऐसा है तो वे अपने विरोध पर पुनर्विचार करेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नई महाभारत लिखने से पहले द्रौपदी की राय सबसे अहम होगी। इस संवाददाता ने द्रौपदी से फोन पर दो बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी टिप्पणी प्राप्त नहीं हो पाई।
देवलोक के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार धरती पर संसद में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा 44 पांडवों की बात को प्रभु कृष्ण ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस संबंध में फोन पर वेदव्यासजी से चर्चा की। हालांकि माना जा रहा है कि वेदव्यासजी ने प्रभु से कहा है कि 44 पांडवों वाली नई महाभारत लिखना मुश्किल तो नहीं है, लेकिन संसद में नेताओं का भरोसा क्या! कल अगर मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी को चार पांडवों वाली पार्टी बता देंगे तो फिर क्या और नए सिरे से महाभारत लिखेंगे! वेदव्यास द्वारा ‘यादव’ शब्द पर ज्यादा जोर देने से प्रभु नाराज भी हुए। सू़त्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस नेता के नाम में ‘अर्जुन’ जुड़ा होने के कारण प्रभु थोड़े भावुक से हो रहे हैं और उन्होंने वेदव्यासजी से कोई रास्ता निकालने को कहा है। इस बीच, वेदव्यासजी ने दबाव पड़ने की स्थिति में एक कान्टनजेंसी प्लान पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहानी में सब-पांडवाज (उप पांडवों) की एक श्रेणी जोड़ने की योजना बना ली है।
पांडव ‘वेट एंड वाॅच’ की स्थिति में: पांडव वेट एंड वाॅच की स्थिति में हैं। युधिष्ठिर ने देवलोक में एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि अगर वेदव्यासजी 44 पांडवों वाली नई महाभारत लिखते हैं तो यह धर्म के खिलाफ होगा और वे इसका विरोध करेंगे। हालांकि इसमें स्वयं कृष्ण द्वारा रुचि लेने की बात पर वे बोले कि अगर ऐसा है तो वे अपने विरोध पर पुनर्विचार करेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नई महाभारत लिखने से पहले द्रौपदी की राय सबसे अहम होगी। इस संवाददाता ने द्रौपदी से फोन पर दो बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी टिप्पणी प्राप्त नहीं हो पाई।
सोमवार, 9 जून 2014
एक गोली खाते ही गर्मी होगी छूमंतर
गोवार्टिस ने भारत के बाजारों में उतारी दवा, गरीबों के लिए सब्सिडी का प्रावधान करने की सलाह
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
मुंबई। दुनिया की जानी-मानी कंपनी गोवार्टिस ने एक ऐसी दवाई का विकास किया है, जिसे खाते ही गर्मी का एहसास नहीं होगा। कंपनी ने यह दवा ग्लोबल वार्मिंग के लगातार बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर बनाई है। उसने इसका पेटेंट भी करवा लिया है। मानसून में विलंब को देखते हुए कंपनी ने तत्काल प्रभाव से इसे भारत के बाजारों में उतारने का फैसला किया है। हालांकि एसी और कूलर इंडस्ट्री ने इसका विरोध करते हुए इसे अनैतिक करार दिया है।गोवार्टिस के वाइस प्रेसीडेंट जिम बराक ने बताया कि भारत में जिस तरह से लोग लगातार गर्मी से परेशान हो रहे हैं, उसी वजह से उनकी कंपनी को ऐसी दवा के विकास का विचार आया। इसे खाने से लोगों को न पंखे की जरूरत होगी, न कूलर की। उन्होंने कहा कि आज भारत में जैसे हालात हैं, उसके मद्देनजर उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में इस दवा को देश में विशाल बाजार मिल सकेगा। कंपनी ने दवा का विकास करने से पहले जो रिसर्च की, उसमें सामने आया कि आने वाले वक्त में जब भारत में पेड़-पौधे नहीं होंगे तो गर्मी से बचने के लिए लोगों को इस दवा की शरण में आना ही पड़ेगा। पानी नहीं होने से वे कूलर्स भी नहीं चला पाएंगे। जिम बराक ने भारत सरकार को सलाह दी है कि गरीबों के हितार्थ उसे इस दवा पर सब्सिडी का प्रावधान करना चाहिए।
छिड़ी नैतिक बहस: कंपनी द्वारा दवा जारी करने की घोषणा होते ही इसे लेकर देशभर में नैतिक बहस छिड़ गई है। एसी और कूलर इंडस्ट्री ने इसे जहां लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक बताया है, वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले समूहों का मानना है कि हमारे देश में लोगों को पहले ही पेड़-पौधों की चिंता नहीं है। साथ ही पानी को बर्बाद करने का शौक है। इस दवा के उतारने से लोगों का पेड़-पौधों के प्रति थोड़ा-बहुत प्रेम भी जाता रहेगा।
रविवार, 8 जून 2014
केजरीवाल का मिशन विस्तार, मिल्की-वे तक तैयार करेंगे संगठनात्मक ढांचा
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
अब इन एलियन्स पर फोकस करेगी ‘आप’। |
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी पार्टी के ‘मिशन विस्तार’ को पूरे ब्रह्माण्ड में फैलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत मिल्की-वे और उसकी आस-पास की गैलेक्सियों में रहने वाले एलियन्स को पार्टी का सदस्य बनाया जाएगा। इसकी अलग से आकाशीय यूनिट बनाने का भी प्रस्ताव है, जिसे ‘आम एलियन्स पार्टी’ नाम दिया जाएगा।
आज यहां रविवार को पार्टी की तीन दिवसीय नेशनल एक्जीक्यूटिव मीट के बाद पत्रकारों से बातचीत में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी भारत में केवल 430 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें उसे जो सफलता मिली है, उससे उत्साहित होकर पार्टी आने वाले समय में मंगल, बुध और शनि जैसे ग्रहों में होने वाले आम चुनावों में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके लिए पार्टी ने सबसे पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। पार्टी जहां धरती पर ग्रास रूट के कार्यकर्ताओं को तैयार करने पर जोर देगी, वहीं अन्य ग्रहों में स्काय रूट (आसमानी स्तर) के कार्यकर्ता तैयार किए जाएंगे।
केजरीवाल ने खासते हुए कहा कि वे जल्दी ही मंगल ग्रह का दौरा करके पानी को लेकर एक बड़ा धरना देंगे। हालांकि धरना कहां दिया जाना चाहिए, इसका निर्णय एलियन्स से पूछकर ही लिया जाएगा।
शनिवार, 7 जून 2014
मोदी चाहते हैं ऐसा डीएनए जो झुकने ही न दे
वैज्ञानिकों के अनुसार नेताओं में ऐसे कृत्रिम डीएनए का प्रत्यारोपण नामुमकिन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जेनेटिक्स साइंस विभाग को ऐसे कृत्रिम डीएनए का विकास करने की संभावना तलाशने को कहा है जिससे इंसान की रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी ही रहे। यह डीएनए भाजपा सांसदों में प्रत्यारोपित करने की योजना है। हालांकि विभाग के प्रमुख ने साफ कर दिया है कि नेताओं के लिए ऐसा कृत्रिम डीएनए बनाना संभव ही नहीं है जो उन्हें पैर छूने से रोक सके।
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जेनेटिक्स साइंस विभाग को ऐसे कृत्रिम डीएनए का विकास करने की संभावना तलाशने को कहा है जिससे इंसान की रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी ही रहे। यह डीएनए भाजपा सांसदों में प्रत्यारोपित करने की योजना है। हालांकि विभाग के प्रमुख ने साफ कर दिया है कि नेताओं के लिए ऐसा कृत्रिम डीएनए बनाना संभव ही नहीं है जो उन्हें पैर छूने से रोक सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा था कि कोई भी सांसद पार्टी के किसी भी नेता के पैर नहीं छुएं। वस्तुस्थिति से वाकिफ मोदी के निर्देश पर बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जेनेटिक्स साइंस विभाग के प्रमुख डाॅ समीर कुमार से मुलाकात की। हर्षवर्धन ने उनसे ऐसे डीएनए का विकास करने की गुजारिश की जो इंसान को झुकने न दे। सूत्रों के अनुसार मोदी जानते हैं कि राजनीति में झुके बगैर काम होता नहीं और कोई भी सांसद मौका पड़ने पर पैर छूने से बाज नहीं आएगा। ऐसे में क्यों न ऐसा डीएनए ही उनमें डाल दिया जाए जो उनकी पैर छूने की प्रवृत्ति को ही बदल दे।
नामुमकिन है ऐसे डीएनए का विकास: स्वास्थ्य मंत्री के इस आग्रह पर डाॅ समीर कुमार ने साफ कर दिया कि नेताओं के लिए इस तरह के कृत्रिम डीएनए का विकास बहुत ही मुश्किल काम होगा। अगर डीएनए बना भी लिया गया तो वह नेताओं में सफल हो पाएगा, कहना आसान नहीं है। नेताओं में झुकने और पैर छूने का अपना डीएनए इतना मजबूत होता है कि कृत्रिम डीएनए उसका स्थान शायद ही ले सके।
नामुमकिन है ऐसे डीएनए का विकास: स्वास्थ्य मंत्री के इस आग्रह पर डाॅ समीर कुमार ने साफ कर दिया कि नेताओं के लिए इस तरह के कृत्रिम डीएनए का विकास बहुत ही मुश्किल काम होगा। अगर डीएनए बना भी लिया गया तो वह नेताओं में सफल हो पाएगा, कहना आसान नहीं है। नेताओं में झुकने और पैर छूने का अपना डीएनए इतना मजबूत होता है कि कृत्रिम डीएनए उसका स्थान शायद ही ले सके।
शुक्रवार, 6 जून 2014
दुष्कर्मियों के लिए विशेष एप लांच करेगा गूगल
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
मुंबई। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर के इस बयान के बाद कि दुष्कर्मी दुष्कर्म करने से पहले बताकर नहीं जाते, गूगल ने ऐसे दुष्कर्मियों के लिए विशेष एप लांच करने की घोषणा की है। इस एप की मदद से दुष्कर्मी किसी भी कृत्य को करने से पहले अपने राज्य के संबंधित गृहमंत्री या मुख्यमंत्री या पुलिस अफसरों को सूचित कर सकेंगे। इससे उन्हें पकड़ने में मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि श्री गौर ने उत्तरप्रदेश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं के सिलसिले में उक्त बयान दिया था।
गूगल इंडिया के सीईओ एम जैमसन ने बताया, “श्री गौर ने जो कहा है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। इससे हमें ऐसा एप बनाने की प्रेरणा मिली है, जिससे दुष्कर्मियों को अपने संभावित कृत्य के बारे में जिम्मेदार लोगों को पहले से ही सूचित करने में मदद मिलेगी। इसे हम इसी सप्ताह लांच कर देंगे। यह सभी राज्यों के पुलिस थानों में गूगल द्वारा स्थापित गूगल स्टोर से फ्री डाउनलोड किया जा सकेगा।” इसके साथ ही गूगल ने दुष्कर्मियों को गूगल मैप की भी सुविधा मुहैया करवाई है, ताकि वे संबंधित जिम्मेदार लोगों को दुष्कर्म करने से पहले अपनी लोकेशन बता सके।
लैपटाप के स्थान पर स्मार्टफोन: इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तरप्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगले चुनावों में युवाओं को लैपटाप के स्थान पर स्मार्टफोन मुहैया करवाएगी ताकि इन एप्स और गूगल मैप्स का इस्तेमाल करना आसान हो सके और पुलिस को अपराधियों की लोकेशन ढूंढने में उतनी दिक्कत नहीं हो, जितनी कि आजम खान की भैंसों को ढूंढने में हुई थी।
गुरुवार, 5 जून 2014
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मानसून को लाने के लिए अरब सागर भेजे विशेष विमान
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में मानसून को लाने के लिए विशेष विमानों को अरब सागर की ओर रवाना कर दिया है। इन विमानों के मानसून के साथ आज देर शाम तक या कल सुबह तक केरल के तट पर पहुंचने की संभावना है। देश में हर साल 1 जून तक मानसून केरल पहुंच जाता है, लेकिन इस बार इसमें विलंब होने के कारण चिंता की लहर छाई हुई हैै। इसी वजह से आनन-फानन में यह फैसला लिया गया।
इस संबंध में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ में अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें इस बात पर चिंता जताई गई कि अगर देश में मानसून आने और उसके सब जगह पहुंचने में विलंब होता है तो इसका असर मोदी के ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ वादे पर पड़ना तय हैा। इससे मोदी सरकार को कई अन्य निर्णयों के क्रियान्वयन में भी दिक्कत हो जाएगी। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मानसून को केरल लाने के बाद जहां-जहां भी जरूरत हो, उसे विशेष विमानों के जरिए भेजने में कोई कोताही नहीं बरती जाए। इस संबंध में उन्होंने एक सेल भी गठित करने के निर्देश दिए हैं, जो मानसून के इधर से उधर लाने-ले जाने पर निगरानी रखेगा।
70 मिनट के स्थान पर 68 मिनट का हो मैच
- हाॅकी इंडिया ने इंटरनेशनल हाॅकी फेडरेशन से की नियमों में बदलाव की मांग
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
नई दिल्ली। नीदरलैंड्स के हेग में चल रहे वल्र्डकप हाॅकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की लगातार दो मैचों में पराजय के बाद हाॅकी इंडिया ने इंटरनेशनल हाॅकी फेडरेशन से नियमों में तत्काल बदलाव करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर भारत ने गुरुवार को स्पेन के खिलाफ होने वाले मैच का बहिष्कार करने की धमकी दी है।
हाॅकी इंडिया के सचिव ने फेडरेशन को लिखे पत्र में तत्काल प्रभाव से इन तीन नियमों में बदलाव की मांग की है। ये हैं -
1.हाॅकी के मैच को 70 मिनट के स्थान पर 68 मिनट का कर दिया जाए क्योंकि पहले दो मैचों में बेल्जियम और इंग्लैंड की टीम ने अंतिम दो मिनट में ही गोल करके भारतीय टीम को परास्त किया था। भारतीय टीम के साथ ऐसा अन्याय हमेशा से होता आया है। अगर यह संभव नहीं हो तो अंतिम दो मिनट में भारतीय टीम के खिलाफ किए गए किसी भी गोल को मान्य नहीं किया जाए।
2. प्रतिद्वंद्वी टीम के गोल पोस्ट की लंबाई को मौजूदा 12 फीट से बढ़ाकर 24 फीट किया जाए। साथ ही इसकी ऊंचाई को भी सात फीट से बढ़ाकर 14 फीट किया जाए। भारतीय टीम के खिलाड़ी अक्सर इसी माप को दिमाग में रखकर गोल पोस्ट में गेंद मारते हैं।
3. पेनल्टी काॅर्नर लेते समय प्रतिद्वंद्वी टीम के गोलकीपर के अलावा गेंद रोकने के लिए केवल एक ही खिलाड़ी डी में मौजूद रहे। ज्यादा खिलाड़ी रहने पर भारतीय टीम के खिलाड़ी कन्फयूज हो जाते हैं।
पत्र में हाॅकी में भारत के अभूतपूर्व योगदान की चर्चा करते हुए सचिव ने उम्मीद जताई है कि आज होने वाले मैच के पूर्व सारे नियमों में बदलाव कर दिया जाएगा।
बुधवार, 4 जून 2014
मप्र में कमजोर तबके में शामिल हुए विधायक, घरों के लिए मिलेगा सस्ता लोन
- जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए दस लाख रु. तक का कार लोन भी मिलेगा
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
Photo courtesy : http://listcrux.com/ |
भोपाल। मप्र सरकार ने राज्य के सभी विधायकों को कमजोर तबके में शामिल कर लिया है। इस आशय का निर्णय मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस कारण प्रदेश के समस्त विधायकों को घर खरीदने के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन चार फीसदी ब्याज पर मिलेगा। साथ ही उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए उन्हें वाहन खरीदने के लिए भी दस लाख रुपए तक का कार लोन मुहैया करवाया जाएगा।
बैठक में विधायकों की माली हालत पर विशेष चर्चा हुई। चर्चा में सामने आया कि प्रदेश के अधिकांश विधायकों की हालत बेहद खराब है और वे झुग्गियों में नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। इसी वजह से उन्हें घर बनाने के लिए सस्ता लोन मिलना ही चाहिए। कुछ मंत्रियों ने विधायकों को जीरो फीसदी दर पर लोन देने की मांग की, लेकिन इसे इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि इसे कई विधायक खैरात समझकर अपमानजनक मान सकते हैं।
इसी तरह बैठक में इस बात पर भी गंभीर चर्चा की गई कि जहां आज राज्य के लाखों लोग साइकिलों पर चल रहे हैं, वहीं किसी भी विधायक का पास साइकिल नहीं है। विधायकों को भी संविधान में प्रदत्त ‘सम्मानजनक जीवन’ जीने का अधिकार है। इसी वजह से उन्हें पहले आठ लाख रुपए तक की कार खरीदने के लिए लोन मुहैया करवाने का प्रस्ताव लाया गया। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री के दखल के बाद इस राशि को दस लाख रुपए कर दिया गया। यह भी तय हुआ कि विधायकों के बीच साक्षरता को बढ़ावा देने के मकसद से लैपटाॅप या कंप्यूटर खरीदी के वास्ते 35 हजार रुपए तक का अनुदान भी दिया जाएगा।बैठक में विधायकों की माली हालत पर विशेष चर्चा हुई। चर्चा में सामने आया कि प्रदेश के अधिकांश विधायकों की हालत बेहद खराब है और वे झुग्गियों में नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। इसी वजह से उन्हें घर बनाने के लिए सस्ता लोन मिलना ही चाहिए। कुछ मंत्रियों ने विधायकों को जीरो फीसदी दर पर लोन देने की मांग की, लेकिन इसे इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि इसे कई विधायक खैरात समझकर अपमानजनक मान सकते हैं।
बाद में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस कदम से मप्र ‘बीमारू’ राज्य के कलंक से बाहर निकलकर तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 229 विधायक और मैं मिलकर 230 नहीं, बल्कि 2301 बनेंगे और प्रदेश को स्वर्णिम मप्र बनाने में सफल रहेंगे।
मंगलवार, 3 जून 2014
पैदा होते ही बच्चे ने की पीएचडी
अभी तो केवल पीएचडी की है! |
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
नई दिल्ली। राजधानी में मंगलवार को एक बच्चे ने पैदा होने के चार घंटे के भीतर ही पीएचडी कर ली। देखते ही देखते यह खबर आग की तरह फैल गई। इस खबर के बाद कुछ दंपतियों ने डाॅक्टरों से कहा है कि वे ऐसा बच्चा चाहते हैं जो पैदा ही पीएचडी के साथ हो। शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इसका श्रेय भारत में तेजी से विकसित होते एजूकेशन सिस्टम को दिया है।
यह बेबी राधेश्याम गुप्ता नामक दंपती के यहां हुआ है। उन्होंने इसका नाम पीएचडी कुमार रखा है। राधेश्याम ने बताया कि वे जल्दी ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ से संपर्क कर बच्चे को उनके दल में रखने का आग्रह करेंगे ताकि वह तीन साल की उम्र तक आते-आते नासा के नेपच्युन अभियान का हिस्सा बन सके।
पड़ोसियों के अनुसार श्री राधेश्याम पढ़़ाई के मामले में शुरू से ही अपने बच्चों का विशेष ख्याल रखते आए हैं। पड़ोसी माणिकराव ने बताया, ‘ श्री राधेश्यामजी के बारे में जितना कहे, उतना कम है। वे चाहते थे कि उनका पहला बेटा केजी-2 में सौ में से सौ प्रतिशत अंक लाए। इसके लिए उन्होंने तीन-तीन टीचरों को ट्यूशन पर रखा। और जब बच्चे के 99 फीसदी अंक आए तो उन्होंने बेटे को दो दिन तक खाना तक नहीं दिया। इसी का नतीजा रहा कि अगली क्लास में बच्चे के पूरे सौ फीसदी अंक आए।’
इसी तरह एक अन्य पड़ोसी श्रीमती कुमकुम शर्मा ने बताया कि गुप्ता परिवार की पूरी काॅलोनी में इज्जत है। हर कोई चाहता है कि बच्चे हो तो गुप्ताजी जैसे। वे सब के प्रेरक बन गए हैं। यही कारण है कि काॅलोनी के सभी लोगों ने अपने बच्चों के खेलने-कूदने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब सभी का एक ही मकसद है- 100 फीसदी अंक। कई नवविवाहित दंपती तो चाहते हैं कि उनके यहां बच्चे पीचएडी डिग्री या किसी मैनेजमेंट डिग्री के साथ ही पैदा हो।
सोमवार, 2 जून 2014
यूपी के जंगल टूरिज्म में आपका स्वागत है
- अखिलेश सरकार ने किया यूपी जंगल टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन का गठन
लखनऊ। उत्तरप्रदेश की अखिलेश सरकार ने उत्तर कोरिया के सहयोग से राज्य में जंगल पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिए यूपी जंगल टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन का गठन किया जा रहा है। उत्तर कोरिया के शासक किम जंग-उन को इसका ब्रांड एम्बैसडर बनाने का प्रस्ताव है। इसके स्पेशल पैकेज में बदायूं और आजम खान की भैंसों को शामिल किया जाएगा।
यह फैसला रविवार रात को मशालों की नेचुरल लाइट में आयोजित राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में लिया गया। अंदरखाने सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री का कहना था कि हमारे राज को जिस तरह से जंगलराज के रूप में महिमामंडित किया जा रहा है, इसका हमें फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले टूरिस्टों को रात के घनघोर अंधेरे में वैसा ही अद्भुत अनुभव होगा, जैसा कि जंगलों में होता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर कोरिया के पास विशेषज्ञता है। उत्तर कोरियाई माॅडल का अध्ययन करने के लिए राज्य के अधिकारियों का एक दल शीघ्र ही प्यांगयांग का दौरा करेगा।
बदायूं के पेड़ और आजम की भैंसें होंगी आकर्षण का मुख्य केंद्र: पैकेज में बदायूं जिले में करीब सौ पेड़ों को विशेष तौर पर शामिल किया गया है। पर्यटक इन पेड़ों से लटककर इस बात का एहसास कर सकेंगे कि वे जंगल में हैं। इसके अलावा पर्यटकों को आजम खान की भैंसें भी दिखाई जाएंगी। उप्र के फिल्म डिवीजन प्रभाग को उस प्रकरण पर प्रेरणास्पद फिल्म बनाने को भी कहा गया है कि कैसे आजम खान की भैंसें रूठकर भाग गई थीं और फिर पुलिस ने उनकी बरामदगी दिखाई। पर्यटकों को इस फिल्म की स्क्रीनिंग दिखाई जाएगी।
- उत्तर कोरिया के शासक किम जंग-उन होंगे इसके ब्रांड एम्बैसडर
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
Photo courtesy : www.sandalwoodking.com |
यह फैसला रविवार रात को मशालों की नेचुरल लाइट में आयोजित राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में लिया गया। अंदरखाने सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री का कहना था कि हमारे राज को जिस तरह से जंगलराज के रूप में महिमामंडित किया जा रहा है, इसका हमें फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले टूरिस्टों को रात के घनघोर अंधेरे में वैसा ही अद्भुत अनुभव होगा, जैसा कि जंगलों में होता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर कोरिया के पास विशेषज्ञता है। उत्तर कोरियाई माॅडल का अध्ययन करने के लिए राज्य के अधिकारियों का एक दल शीघ्र ही प्यांगयांग का दौरा करेगा।
बदायूं के पेड़ और आजम की भैंसें होंगी आकर्षण का मुख्य केंद्र: पैकेज में बदायूं जिले में करीब सौ पेड़ों को विशेष तौर पर शामिल किया गया है। पर्यटक इन पेड़ों से लटककर इस बात का एहसास कर सकेंगे कि वे जंगल में हैं। इसके अलावा पर्यटकों को आजम खान की भैंसें भी दिखाई जाएंगी। उप्र के फिल्म डिवीजन प्रभाग को उस प्रकरण पर प्रेरणास्पद फिल्म बनाने को भी कहा गया है कि कैसे आजम खान की भैंसें रूठकर भाग गई थीं और फिर पुलिस ने उनकी बरामदगी दिखाई। पर्यटकों को इस फिल्म की स्क्रीनिंग दिखाई जाएगी।
रविवार, 1 जून 2014
केजरीवाल बनाएंगे शेडो कैबिनेट, पार्टी के दफ्तर से होगा संचालन
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
हलो, मैं शेडो पीएम बोल रहा हूं! |
केजरीवाल 4 जून से शुरू होने वाले संसद के सत्र की पूर्व संध्या पर अपने इस शेडो कैबिनेट का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शेडो कैबिनेट में केजरीवाल अपने पास स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय रखेंगे। मनीष सिसौदिया डिप्टी लीडर बन सकते हैं। इसके अलावा उनके पास उन विभागों की कमान रहेगी, जो दिल्ली राज्य में सत्ता में आने पर थी। इसी तरह सोमनाथ भारती, राखी बिड़ला और सौरभ भारद्वाज भी उन्हीं विभागों के शेडो मिनिस्टर रहेंगे जो वे दिल्ली सरकार में थे। योगेन्द्र यादव को भी कोई अहम शेडो मिनिस्टर का पद दिया जा सकता है। हालांकि वे इसे लेने से इनकार कर रहे हैं। इस बीच, खबर यह भी है कि शाजिया इल्मी इस शर्त पर पार्टी में वापस लौट सकती हैं कि उन्हें कोई सम्मानजनक शेडो मंत्री बनाया जाएगा। गौरतलब है कि शेडो कैबिनेट का प्रचलन ब्रिटेन सहित कुछ यूरोपीय देशों की संसद में रहा है। भारत में अब आम आदमी पार्टी यह प्रयोग संसद के बाहर करने जा रही है।
शुक्रवार, 30 मई 2014
मंत्री बनकर पछता रहे हैं एक दर्जन सांसद
जयजीत अकलेचा / Jayjeet Aklecha
हम क्यों बन गए मंत्री! सुबुक-सुबुक...! |
इसी सप्ताह की शुरुआत में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ये सभी बेहद खुश थे। लेकिन इन्हें अब लग रहा है कि मंत्री बनकर तो काम करना पड़ेगा। इसी बात ये सभी भयभीत नजर आ रहे हैं। इन्हें पहला झटका तभी लग गया था, जब कैबिनेट के दो मंत्रियों को शपथ ग्रहण के अगले ही दिन उप्र में हुए रेल हादसे के बाद घटनास्थल का दौरा करने को कह दिया गया था। हमारे देश में ऐसी छोटी-मोटी घटनाओं में मंत्रियों द्वारा दौरा करने की परंपरा नहीं रही है। यहां तक भी ठीक था, लेकिन अब कह दिया गया है कि मंत्री अपने निजी स्टाफ में अपने रिश्तेदारों को नहीं रख सकते। इसके बाद से ही अनेक मंत्रियों को मंत्री पद बोझ लगने लगा है। उन्हें अचानक महसूस होने लगा है कि वे एक सांसद के रूप में भी देश और जनता की भली-भांति सेवा कर सकते हैं। ऐसे लोगों में शामिल एक मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘कुछ मंत्री इसके बाद भी मन मारे हुए थे, लेकिन अति तो तब हो गई, जब प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से पूछ लिया कि वे अगले 100 दिन में क्या करने वाले हैं, इसकी योजना बनाकर दें। अब प्रधानमंत्री को यह कैसे लिखकर दे दें कि अगले 100 दिनों में हमारी योजना कितनी मौज-मस्ती करने की थी। यह भी कोई लिखकर देने की चीज है भला! इसीलिए मुझ सहित कम से कम दर्जन भर मंत्रियों ने अब पद छोड़ने का मन बना लिया है। भाड़ में जाए ऐसा मंत्री पद!’
सूत्रों का कहना है कि इन मंत्रियों के सामने दिक्कत यह आ रही है कि वे ऐसे ही पद कैसे छोड़ देें। अभी इतने दिन भी नहीं हुए कि अपने उपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगवा लें ताकि प्रधानमंत्री उन्हें बर्खास्त कर सकें। इसलिए वे ऐसी योजना बना रहे हैं कि कोई उन्हें संगठन में काम करने को कह दें। लेकिन समस्या यह भी है कि संगठन से भी कोई मंत्री बनने को तैयार होगा या नहीं, यह साफ नहीं है।
गुरुवार, 29 मई 2014
गृहिणियों ने आलू की जगह गोल्ड का इस्तेमाल शुरू किया
होटलों ने भी मेनू में शामिल की गोल्ड बेस्ड कई नई डिशेज
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
गोल्ड पनीर मसाला।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद सोने के दामों में भारी गिरावट
का दौर जारी है। देश की प्रमुख मंडियों में आज सोने के थोक भाव 1200 रुपए
क्विंटल बोले गए। खुदरा में यह अलग-अलग शहरों में 18 से 20 रुपए प्रति किलो
में बिक रहा है।सोने के दामों में आई गिरावट का असर घरों के किचन में साफ नजर आ रहा है। आलू के खुदरा में 20 से 25 रुपए किलो मिलने के कारण गृहिणियां अब सब्जियों में आलू के स्थान पर सोने के डलों का इस्तेमाल कर रही हैं। सरस्वती नगर की श्रीमती आरती ने बताया कि वे सोने के साथ नित नए प्रयोग कर रही हैं। इससे गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को भी खाने में नए आइटम मिल रहे हैं तो उनके पति की जेब पर भी बोझ कम हो रहा है। नूतन नगर की श्रीमती सावित्री के अनुसार टमाटर और प्याज के इतना महंगा होने के कारण अब सब्जियों में सोने की प्यूरी डालना तो उनकी मजबूरी है। उधर, नाश्ते में बच्चों को पारले-जी के स्थान पर सोने के बिस्किट खिलाए जा रहे हैं।
गोल्ड पनीर मसाला से लेकर स्वर्ण मटर तक: प्रमुख होटलों ने भी सोने को लेकर कई नई डिशेज अपने मेनू में रख दी है। इनमें गोल्ड पनीर मसाला, स्वर्ण कोफ्ता, गोल्ड पसंदा, गोल्ड वेज बिरयानी, स्वर्ण मखानी, गोल्ड रायता, सोने की भूर्जी, स्वर्ण मटर, स्वर्ण कुरकुरी इत्यादि शामिल हैं। छोटे ढाबे वालों ने सलाद में प्याज के स्थान पर सोना रखना शुरू कर दिया है।
दाम और गिरेंगे: बाजार के सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मोदी सरकार मजबूत होती जाएगी, सोने के दामों में और भी गिरावट आती जाएगी। बाजार के पंडित तो अब चांदी के दामों में भी गिरावट की बात कर रहे हैं। यह अब भी आम लोगों की पहुंच से दूर बनी हुई है।
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