सोमवार, 19 मई 2014

बाबा रामदेव के नाम पर होंगे कई मार्ग

राजस्थान ने की पहल, मप्र में मची कलह

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha


भाजपा षासित अनेक राज्यों में उन तमाम मार्गों के नाम बाबा रामदेव रखे जाने की तैयारी की जा रही है, जहां अभी महात्मा गांधी मार्ग हैं। इसके अलावा बाबा रामदेव के नाम पर कुछ नए मार्ग भी बनाए जा सकते हैं। उधर भाजपा के पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संकेत दिए हैं कि केंद्र में सत्ता संभालने वाली मोदी सरकार एक समिति बनाने पर भी विचारकर रही है जो इस बात का पता लगाएगी कि मार्गों के अलावा किन संस्थानों के नाम बाबा रामदेव के नाम पर रखे जा सकते हैं। इसका अध्यक्ष अरुण जेटली को बनाया जा सकता है।
रविवार षाम को बाबा रामदेव के एक कार्यक्रम में भाजपा नेता अरुण जेटली ने बाबा रामदेव की तुलना महात्मा गांधी और जयप्रकाष नारायण से की थी। इसके बाद से ही भाजपा षासित राज्यों में इस संबंध में कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया था। राजस्थान में देर रात को ही दो षहरों में तीन मार्गों के नाम बाबा रामदेव मार्ग रख दिए गए। इनमें दो जयपुर और एक जोधपुर षहर में हैं। आज षाम तक 100 और मार्गों के नाम बाबाजी के नाम पर रखे जा सकते हैं। इस संबंध में दोपहर को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
मप्र में बढ़ी कलह: राजस्थान से उलट मप्र में मार्गों के नाम बाबा रामदेव के नाम पर रखे जाने और कुछ चैराहों पर बाबा की मूर्तियां स्थापित करने को लेकर पार्टी में अंदरूनी कलह मच गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री षिवराज सिंह बाबा रामदेव को इतना महत्व देने को लेकर हिचक रहे हैं। हालांकि बाबा के साथ उनके अच्छे संबंध है, लेकिन मोदी के खास अरुण जेटली द्वारा बाबा की तारीफ उन्हें रास नहीं आई है। इसके विपरीत बाबूलाल गौर ने राज्य का नाम ही बदलकर बाबा रामदेव प्रदेष करने की मांग उठा दी है।

दिग्गी का ट्वीट: इस बीच, बाबा रामदेव के कट्टर विरोधी माने जाने वाले दिग्गी राजा ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने पूछा है कि क्या अब रामदेव करोड़ों रुपए के अपने साम्राज्य को छोड़कर गांधीजी की तरह एक लंगोट में रहेंगे? इसका पलटवार करते हुए बाबा रामदेव फैन्स क्लब ने ट्वीट करते हुए कहा है कि कच्ची लंगोट वाले दूसरों की लंगोट की बात नहीं किया करते।

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